
ऐसे हुआ था गलवान घाटी में चीनी सैनिकों से भारतीय सेना का संघर्ष, चीन ने ही जारी किया उस रात का Video, देखें
चीनी सैनिकों ने किया था बर्बर हमला, फिर मिला करारा जवाब, देखें उस रात का वीडियो

Indian army clashed with Chinese soldiers in Galwan valley video: चीन की ओर से गलवान घाटी में हुए संघर्ष का वीडियो जारी किया गया है. जिसमें उसने पहली बार कबूला है कि उसके सैनिकों की भी मौत हुई है. दरअसल चीन की ‘पीपल्स लिबरेशन आर्मी ’(पीएलए) ने शुक्रवार को पहली बार आधिकारिक तौर पर यह स्वीकार किया कि पिछले वर्ष जून में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में उसके चार सैन्यकर्मी मारे गये थे.
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चीन की आधिकारिक समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने चीनी सेना के अखबार ‘पीएलए डेली’ की एक खबर को उद्धृत करते हुए कहा कि देश के सैन्य प्राधिकारों ने दो सैन्य अधिकारियों और तीन सैनिकों को सम्मानित किया है. चीन की पश्चिमी सीमा की रक्षा करने के लिए उनमें से चार को मरणोपरांत सम्मानित किया गया है.
पीएलए डेली के मुताबिक काराकोरम पर्वतों पर तैनात रहे पांच चीनी अधिकारियों और सैनिकों को ‘सेंट्रल मिलिट्री कमीशन ऑफ चाइना’ (सीएमसी) ने भारत के साथ सीमा पर टकराव में अपना बलिदान देने के लिए सम्मानित किया है. यह घटना जून 2020 में गलवान घाटी में हुई थी.
इस घटना का वीडियो चीनी प्रोपेगेंडा मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने शेयर किया है. इसमें उसने चीन के सैनिकों की कथित वीरगाथा के बारे में बताया है. लेकिन इसी बहाने चीन ने कबूला कि उसके सैनिकों की भी मौत हुई थी. चीन के मुताबिक वीडियो में बताया गया है कि पीएलए के तीन सैनिक झड़प में मारे गये, जबकि एक अन्य जवान जब अपने साथियों की मदद करने के लिए नदी पार कर रहा था, तभी उसकी मौत हो गई.
देखें वीडियो-
An on-site video reveals in detail the four #PLA martyrs and other brave Chinese soldiers at the scene of the Galwan Valley border clash with India in June 2020. https://t.co/hSjP3hBnqr pic.twitter.com/g6zNpT1IrX
— Global Times (@globaltimesnews) February 19, 2021
कब हुई थी गलवान घाटी झड़प
भारत ने पिछले साल 15 जून को गलवान घाटी में हुई इस हिंसक झड़प में अपने 20 सैनिकों के शहीद होने की बात कही है. हालांकि, चीन ने भी अपने सैनिकों के हताहत होने की बात स्वीकार की थी लेकिन अब तक संख्या नहीं बताई थी.
भारत और चीन की सेना के बीच सीमा पर गतिरोध के हालात पिछले वर्ष पांच मई से बनने शुरू हुए थे . इससे पहले पैंगोंग झील क्षेत्र में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी. इसके बाद दोनों ही पक्षों ने सीमा पर हजारों सैनिकों को तैनात कर दिया.
चीनी सैनिकों ने किया था बर्बर हमला, फिर मिला करारा जवाब
गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में चीन के सैनिकों ने पत्थर, कील लगे डंडे, लोहे की छड़ों आदि से भारतीय सैनिकों पर बर्बर हमला किया था. भारतीय सैनिकों ने गलवान में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारतीय क्षेत्र की ओर चीन द्वारा निगरानी चौकी बनाने का विरोध किया था.
हालांकि, पीएलए डेली की खबर में दावा किया गया कि चीन के सैन्यकर्मियों पर भारत के जवानों ने हमला किया था.
यह पहला मौका है, जब चीन ने यह स्वीकार किया है कि गलवान में उसके भी सैन्यकर्मी मारे गए थे. खबर में उनके बारे में विस्तार से जानकारी भी दी गई है. इसमें कहा गया है कि इनमें से चार सैन्यकर्मी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर गलवान घाटी में भारत की सेना का सामना करते हुए मारे गए.
अभी भी झूठ बोल रहा चीन!
भारत ने घटना के तुरंत बाद अपने शहीद सैनिकों के बारे में घोषणा की थी, लेकिन चीन ने शुक्रवार से पहले आधिकारिक तौर यह कभी नहीं माना था कि उसके सैन्यकर्मी भी झड़प में मारे गए हैं. रूस की आधिकारिक समाचार एजेंसी टीएएसएस ने 10 फरवरी को खबर दी थी कि गलवान घाटी की झड़प में चीन के 45 सैन्यकर्मी मारे गए थे. पिछले वर्ष, अमेरिका की खुफिया रिपोर्ट में भी दावा किया गया था कि उक्त झड़प में चीन के 35 सैन्यकर्मी मारे गए थे. चीन में सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के अखबार ग्लोबल टाइम्स ने कहा कि पीएलए डेली ने गलवान घाटी में चीन के सैन्यकर्मियों के भी मारे जाने की बात स्वीकार की है.
(इनपुट भाषा)
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