
Indian Railway: अब रेलवे इन परियोजनाओं को देगा महत्व, कई रेल लाइनों का होगा विस्तार, ये है पूरा प्लान
रेलवे इस साल नई रेल लाइन के विस्तार, पटरियों के दोहरीकरण को मजबूती मिलेगी. यात्री सुविधाओं को बढ़ाया जाएगा. सीमावर्ती क्षेत्रों में कनेक्टिविटी और बॉर्डर लिंकेज से पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा.

Indian Railway: बजट 2022-23 के आवंटन के बाद रेलवे इस साल नई रेल लाइन के विस्तार, पटरियों के दोहरीकरण को मजबूती मिलेगी. यात्री सुविधाओं को बढ़ाया जाएगा. सीमावर्ती क्षेत्रों में कनेक्टिविटी और बॉर्डर लिंकेज से पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा. उत्तर प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड, कश्मीर परियोजनाओं को महत्तव दिया गया है और अयोध्या रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास किया जाएगा. रेल बजट के बाद रेलवे अगले एक साल एक में किस विभाग में सबसे तेजी से काम करेगा? रेलवे के किस जोन को मिला कितना फंड मिला, पर और किस विभाग के विकास और विस्तार पर कितना खर्च किया जाएगा, जानिए इस स्पेशल रिपोर्ट में:
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इस बजट 2022-23 में रेलवे को 2 लाख 45 हजार करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं जबकि पिछले साल बजट में 2 लाख 15 हजार करोड़ मिला था. इस बजट में से अगल-अलग जोन में रेलवे बजट का आवंटन किया गया है.
उत्तर रेलवे
उत्तर रेलवे का इस बार बजट- 21165 करोड़ रुपये है. जबकि पिछले साल ये बजट 15653 करोड़ रुपये था. इसबार के बजट में उत्तरप्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड, कश्मीर परियोजनाओं को महत्व दिया गया है. इसके साथ ही उत्तर रेलवे के पिंक बुक में स्टेशन डेवलपमेंट के लिए रुपये 5500 करोड़ का कार्य स्वीकृत किया गया है.
उत्तर रेलवे के 21165 करोड़ रुपये के बजट में कई दोहरीकरण, नई लाइनों के साथ-साथ दिल्ली, हरियाणा, उत्तराखंड, जम्मू कश्मीर की रेल परियोजनाओं को पूरा किया जाएगा. रेलवे ने सबसे ज्यादा ट्रैक रिन्युअल के लिए 1940 करोड़ रुपये जारी किए हैं. जबकि सिग्नलिंग के लिए 300 करोड़, कंप्यूटराइजेशन के लिए 347 करोड़, यात्री सुविधाओं के लिए 235 करोड़ और रोड सेफ्टी, ब्रिज आदि के लिए 466 करोड़ की राशि का प्रावधान है. वहीं, ब्रिज संबंधी कार्यों के लिए 55 करोड़ और स्टाफ वेलफेयर के लिए 47 करोड़ आवंटित किए गए हैं. दोहरीकरण के लिए 2880 करोड़ की परियोजनाओं पर काम चल रहा है.
नई लाइनों में ऋषिकेश-कर्णप्रयाग लाइन, नांगलडैम तलवाड़ा, चंड़ीगढ़-बद्दी, भानुपल्ली-बिलासपुर, राजपुरा-भटिंडा, लुधियाना-मुल्लानपुर, आनंद विहार-तिलक ब्रिज, उधमपुर श्रीनगर बारामुला लाइन आदि को बनाया जाएगा. इसके साथ ही अयोध्या रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास पर भी खर्च के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं. अयोध्या स्टेशन व आसपास के विकास के लिए सरकार 104.77 करोड़ खर्च कर रही है और इस साल 30 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं. अयोध्या स्टेशन को धार्मिक और पर्यटन महत्तव दिया गया है और इसीलिए यहां विशेष सुविधाएं मुहैया करवाने के प्रबंध किए जाएंगे.
पूर्व मध्य रेल
पूर्व मध्य रेल को इस बार के बजट में नई लाइन परियोजना के लिए 3438 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. वहीं आमान परिवर्तन कार्य के लिए 265 करोड़ रुपये और दोहरीकरण परियोजना के लिए 3028 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है. सड़क संरक्षा कार्य (समपार) के लिए 88.5 करोड़, रेल पथ नवीकरण के लिए 620 करोड़, सिग्नल व दूरसंचार संबंधी कार्य के लिए 150 करोड़ दिए गए हैं. वहीं, सोननगर दुर्गावती के बीच 17 आरओबी (डीएफसी) के निर्माण के लिए 68 करोड़ रुपये, सोननगर-गढ़वा रोड, आरा-सासाराम रेलखंड पर 60 समपारों के बदले कुल 68 एलएचएस के निर्माण के लिए 12 करोड़ रुपये को आवंटन किया गया है.
पश्चिम मध्य रेल
पश्चिम मध्य रेल को बजट 2022-23 में 4,228 करोड़ का आवंटन किया गया है. जबकि पिछले वर्ष 2021-22 में नेट प्लान आउटले कुल रुपये 2603 करोड़ था. इस साल जबलपुर, भोपाल और कोटा मंडल में नई रेल लाइनों सहित तमाम यात्री सुविधाओं के विस्तार में तेजी आएगी. कोट एवं डकनिया तलाव स्टेशनों के डेवलप किया जाएगा. इस बार के बजट में नई लाइनों का निर्माण के लिए 1200 करोड़, दोहरीकरण व तिहरीकरण 426 करोड़, ट्रैफिक फेसीलिटि या यार्ड रिमॉडलिंग 107.66 करोड़, रोड सेफ्टी वर्क (लेवल क्रोसिंग) 34.32 करोड़, रोड सेफ्टी वर्क (आरयूबी/आरओबी) 476.29 करोड़, ट्रैक रिन्यूवल 539.98 करोड़, सिगनल एंड टेलीकम्युनिकेशन 151.99 करोड़ आवंटित किए गए हैं.
इसी तरह से नई लाइनों के निर्माण पर, रामगंजमंडी – भोपाल रेल लाइन (276 किमी) 500 करोड़, कोटा-बीना दोहरीकरण (288 किमी) 390 करोड़, ललितपुर-सतना, रीवा-सिंगरौली व महोबा-खजुराहो (541किमी) नई लाइन 700 करोड़, बीना-कटनी (279 किमी) तीसरी लाइन 410 करोड़, सतना-रीवा रेल लाइन (50 किमी) 101 करोड़, कटनी-सिंगरौली (257 किमी) दोहरीकरण 400 करोड़ खर्च किये जाएंगे.
दक्षिण रेलवे
दक्षिण रेलवे को इस बार के बजट में 7,134.56 करोड़ रुपये आवंटित किए गए. इसके अलावा कुल 1,064.34 करोड़ रुपये अतिरिक्त बजटीय संसाधन (ईबीआर) के रूप में भी प्राप्त हुए हैं. दोहरीकरण परियोजनाओं के लिए कुल 1,445.85 करोड़ रुपये, आमान परिवर्तन परियोजनाओं के लिए 346.80 करोड़ रुपये और नई लाइनों के लिए 59 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं. यात्री सुविधाओं के लिए 327.77 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है.
पूरे नेटवर्क में स्वदेशी रूप से निर्मित कवच विरोधी टक्कर उपकरणों के प्रसार पर जोर देने के साथ दक्षिण रेलवे में विभिन्न सिग्नल और दूरसंचार कार्यों के लिए 189.76 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है. तमिलनाडु में परियोजनाओं के लिए 3,077 किलोमीटर लंबाई में 28,307 करोड़ रुपये की लागत वाली 25 नई लाइन व गेज परिवर्तन परियोजनाएं योजना व निष्पादन के विभिन्न चरणों में हैं. वहीं रामेश्वरम – धनुषकोडी (17.2 किलोमीटर) नई लाइन परियोजना के लिए 59 करोड़ रुपये, मदुरै-बोदिनायकनूर दोहरीकरण परियोजना के लिए परिव्यय 125 करोड़, तिरुचिरापल्ली-नागोर-कराइकल के बीच वेलंकन्नी-तिरुतुरैपुंडी के विस्तार के साथ गेज परिवर्तन परियोजना जिसमें कराईकल-पेरलम (23 किमी) नई लाइन के नए सामग्री संशोधन शामिल हैं, को 121.80 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.
चेन्नई तट से चेन्नई-एग्मोर के बीच चौथी लाइन के लिए 54.2 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित की गई है. तिरुवनंतपुरम-कन्याकुमारी दोहरीकरण परियोजना (86.56 किलोमीटर) को 393.50 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. कुरुप्पंथरा के दोहरीकरण – चिंगवनम (26.54 किलोमीटर) को 50.94 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. इसके साथ ही केरल में विभिन्न रेलवे विद्युतीकरण कार्यों के लिए 100.66 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है.
पूर्वोत्तर रेलवे
रेल मंत्रालय के अनुसार, 2022-23 के बजट में पूर्वोत्तर रेलवे को कुल 6306 करोड़ आवंटित हुआ है जबकि पिछले साल 4467 करोड़ रुपये मिला था. इसमें नई रेल लाइनों के विस्तार लिए 535 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए. पिछले वर्ष की तुलना में ये 41 फीसद अधिक है. बजट में सबसे अधिक धन दोहरीकरण और तीसरी लाइन के लिए 2192 करोड़ रुपये दिया गया है जबकि पिछले साल 1786 करोड़ रुपये मिला था. पूर्वोत्तर रेलवे- पश्चिमी बिहार, उत्तर प्रदेश, और उत्तराखण्ड में सेवा प्रदान करती है. यह वाराणसी, सारनाथ, लखनऊ, इलाहाबाद, कुशीनगर, गोरखपुर, लुम्बिनी, अयोध्या, मगहर, मथुरा आदि जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों और सांस्कृतिक केंद्रों से होकर गुजरती है.
सहनवां-दोहरीघाट और खलीलाबाद-बहराइच रेल लाइन निर्माण के लिए पूर्वोत्तर रेलवे को 535 करोड़ रुपये पहले भी मिल चुके हैं. रेल लाइन के लिए भूमि अधिग्रहण शुरू हो गया है. इसके साथ ही पूर्वोत्तर रेलवे के यात्री सुविधाओं और कर्मचारी कल्याण के लिए 512.23 करोड़ और कर्मचारी कल्याण से संबंधित कार्य के लिए 15.33 करोड़ धन राशी का आवंटित किया गया है. यात्री सुविधाओं के लिए पिछले साल के बजट की अपेक्षा करीब 30 प्रतिशत अधिक धन मिला है. इस बजट से स्टेशनों का पुनर्विकास किया जाएगा. पर्याप्त संख्या में स्वचलित सीढ़ियां, लिफ्ट, अत्याधुनिक प्रतीक्षालय और खानपान यूनिट की सुविधाओं को बढ़ाया जाएगा.
साल 2022-23 मई पूर्वोत्तर रेलवे को जो बजट आवंटित किया गया है, उसमें नई रेल लाइन के लिए 535 करोड़ रुपये, आमान परिवर्तन के लिए 262 करोड़ रुपए, दोहरीकरण व तीसरी रेल लाइन के लिए 2192 करोड़, रेल पथ नवीनीकरण के लिए 370 करोड़, आरओबी व आरयूबी निर्माण के लिए 331 करोड़, समपारों का रखरखाव व उन्नयन कार्य के लिए 103 करोड़, पुलों का सुदृढ़ीकरण के काम के लिए 100 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. सिग्नल एवं दूर संचार कार्य के लिए 69.5 करोड़, अन्य विद्युत कार्य के लियूए 924 करोड़, कंप्यूटरीकरण कार्य के लिए 3.65 करोड़, यातायात सुविधाओं के लिए 88.45 करोड़, यात्री सुविधाओं से संबंधित कार्य के लिए 512.23 करोड़ और कर्मचारी कल्याण से संबंधि कार्य के लिए 15.33 करोड़ व कर्मचारियों का प्रशिक्षण के लिए 7.5 करोड़ आवंटित किया गया है.
रेलमंत्री मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार, रेलवे में सरकार के बजट की ओर से एक लाख 37 हजार करोड़ रुपये का कैपिटल इन्वेस्टमेंट सपोर्ट दिया गया है. यह आंकड़ा बहुत बड़ा है. इससे निवेश की कमी दूर हो जाएगी और लंबे समय से जो प्रोजेक्ट रुके हुए थे, उसे पूरा करने में मदद मिलेगी.
वहीं एक्सप्रेसवे के लिए पीएम गतिशक्ति मास्टर प्लान का संक्षिप्त ब्योरा देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि इसके माध्यम से देश में सड़क, रेल, हाईवे, बंदरगाहों व सार्वजनिक परिवहन पर सरकार भारी मात्रा में निवेश करेगी. इससे अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर में तेजी से इजाफा हो सकेगा. वित्त मंत्री ने इन क्षेत्रों को देश के विकास के ‘सात इंजन’ करार दिया. देश में रेल दुर्घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए भरतीय रेलवे अब यात्रियों के सुरक्षित सफर के लिए तकनीक ‘कवच’ को लेकर आएगी. जिसका लक्ष्य है कि दस हजार सालों में कोई एक गलती की संभावना है. रेलवे सुरक्षा के लिए ‘कवच’ विश्व स्तरीय तकनीक है. कवच एक एंटी कोलिजन डिवाइस नेटवर्क है जो रेडियो कम्युनिकेशन, माइक्रोप्रोसेसर, ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम तकनीक पर आधारित है.
भारतीय रेलवे छोटे किसानों और उद्यमों के लिए कुशल लॉजिस्टिक्स विकसित करने का काम करेगा. इससे स्थानीय उत्पादों की सप्लाई चेन को बढ़ाया जा सकेगा. वहीं ‘वन प्रोडक्ट वन रेलवे स्टेशन’ स्कीम लाई जाएगी. इस स्कीम की मदद से हर स्टेशन की अपनी नई पहचान बनेगी. इसके साथ ही अगले तीन साल में 400 नई वंदेभारत एक्सप्रेस ट्रेनें चलाई जाएंगी. इससे दक्षता और यात्री अनुभव में सुधार होगा. कठिन इलाकों में कनेक्टिविटी में सुधार और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा.
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