
Indian Railways Oxygen Express: देश में पहली बार बोकारो से 'जिंदगी' लेकर चली ऑक्सीजन एक्सप्रेस, लखनऊ पहुंची
Indian Railways Oxygen Express: देश में पहली बार बोकारो से चली है ऑक्सीजन एक्सप्रेस, जो लखनऊ पहुंची. ये पहली बार हुआ है कि ट्रेन ऑक्सीजन लेकर एक राज्य से दूसरे राज्य पहुंची है.

Indian Railways Oxygen Express: ऑक्सीजन को लेकर चारों तरफ कोहराम मचा है ऐसे में रेलवे ने पहली बार निर्बाध रूप से ऑक्सीजन लेकर झारखंड के बोकारो से चली ऑक्सीजन एक्सप्रेस आज सुबह लखनऊ पहुंची है. अब ऑक्सीजन एक्सप्रेस के चलने से कोरोना मरीजों को एक उम्मीद बंधी है कि एक राज्य से ऑक्सीजन अब दूसरे राज्य जल्दी पहुंच जाएगा. देश में पहली बार बोकारो से तीन टैंकरों को लेकर ऑक्सीजन एक्सप्रेस आज सुबह लखनऊ पहुंची, जहां पुलिस के सामने इसे खोला गया.
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बता दें कि बोकारो से शुक्रवार दोपहर दो बजे रवाना हुई ऑक्सीजन एक्सप्रेस शनिवार सुबह सात बजे तक लखनऊ पहुंच गई. इसके बाद अब ऑक्सीजन दूसरे राज्यों में भेजा जा रहा है. तीन टैंकरो को लेकर आई इस ट्रेन के हर एक टैंकर में 20 हजार लीटर लिक्विड ऑक्सीजन होगी. ऐसे में शनिवार को लखनऊ में 60 हजार लीटर मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति की जाएगी, जो बहुत बड़ी पहल है.
पहली बार बोकारो से चली है ऑक्सीजन एक्सप्रेस
बता दें कि बोकारो स्टील प्लांट में प्रतिदिन 100 टन से ज्यादा तरल ऑक्सीजन (मेडिकल ऑक्सीजन) का उत्पादन होता है और यहां से झारखंड के अलावा यूपी, छत्तीसगढ़, बिहार, बंगाल, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के लिए ऑक्सीजन की सप्लाई होती है. लेकिन यहां से पहली बार रेल के माध्यम से ऑक्सीजन की सप्लाई शुरू हुई है. यह एक तरह से ट्रेन से ऑक्सीजन सप्लाई का ट्रायल था जो कामयाब रहा. बोकारो से लखनऊ की दूरी 800 किलोमीटर से ज्यादा है, लेकिन अब ऑक्सीजन देश के कोने-कोने में पहुंचाई जा सकेगी.
इस तरह से की गई ऑक्सीजन की लोडिंग
गुरुवार तड़के लखनऊ से रवाना हुई यह एक्सप्रेस रात दो बजे बोकारो पहुंची थी. आद्रा रेलवे मंडल प्रशासन के देखरेख में रात में ही टैंकरों की अनलोडिंग कर उनको स्टील अथारिटी ऑफ इंडिया (सेल) के प्लांट में ले जाया गया, जहां से पहला ऑक्सीजन टैंकर सुबह नौ बजे, दूसरा 10 बजे और तीसरा 11 बजे लोड होकर बोकारो स्टेशन पहुंचा और वहां मिलिट्री स्पेशल के जिस लो फ्लोर रैक का इस्तेमाल तीन लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन के टैंकरों को लादने के लिए किया गया, उन पर बहुत सावधानी से बोकारो में भी लोडिंग की गई.
ओएचई से बचाते हुए ऑक्सीजन एक्सप्रेस को 60 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से लखनऊ तक पहुंचाने के लिए खासी मशक्कत की गई. सुरक्षा और संरक्षा के सभी मानकों के साथ तीनो टैंकरों की फिटिंग की गई है और एक दर्जन से अधिक रेलकर्मियों को भी अगले ठहराव तक साथ भेजा गया .
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