चौंकाने वाला खुलासा: धोखाधड़ी के लिए चीन में इस्तेमाल हो रहे थे भारतीय सिम कार्ड, एजेंसियां जांच में जुटीं

भारतीय एजेंसियां 1,300 सिम कार्डो का विवरण हासिल करने में लगी हुई हैं.

Published: June 13, 2021 12:08 AM IST

By India.com Hindi News Desk | Edited by Zeeshan Akhtar

Extra Marital Affair News
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नई दिल्ली: भारतीय एजेंसियां 1,300 सिम कार्डो का विवरण हासिल करने में लगी हुई हैं, क्योंकि इनका इस्तेमाल कथित तौर पर चीनियों के एक गिरोह द्वारा खातों को हैक करने और वित्तीय धोखाधड़ी करने के लिए किया जा रहा था, जो कि एक चीनी खुफिया एजेंसी की एक संदिग्ध गतिविधि है. एक सूत्र ने कहा कि सभी दूरसंचार ऑपरेटरों को निर्देश दिया गया है कि वे भारत के बाहर से संचालित किए जा रहे किसी भी सिम कार्ड से संबंधित कोई भी संदिग्ध लिंक मिलने पर जल्द से जल्द संबंधित एजेंसियों को रिपोर्ट करें.

जानकारी के अनुसार, एजेंसियों ने इन टेलीकॉम ऑपरेटरों से 2010 से चीन से संचालित होने वाले सभी भारतीय सिम काडरें की सूची बनाने की मांग की है. यह कदम तब उठाया गया, जब एजेंसियों को पता चला कि अकाउंट्स को हैक करने और अन्य वित्तीय धोखाधड़ी करने के लिए 1,300 सिम कार्ड का इस्तेमाल किया गया था. यह खुलासा गुरुवार को गिरफ्तार किए गए एक चीनी घुसपैठिए हान जुनवे से पूछताछ के दौरान हुई.

चौंकाने वाले तथ्य का खुलासा करते हुए, 36 वर्षीय चीनी नागरिक हान, जो भारत में एक वांछित अपराधी रहा है, ने एजेंसियों को सूचित किया कि वह 2010 से अब तक भारत से नकली दस्तावेजों का उपयोग करके लगभग 1,300 भारतीय सिम कार्ड चीन ले गया है. हान अपने साथियों के जरिए सिम कार्ड को अंडरगारमेंट्स में छिपाकर चीन भेज देता था. सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा पार करके भारतीय क्षेत्र में कथित रूप से घुसने वाले संदिग्ध चीनी जासूस को गिरफ्तार किया. उसे गिरफ्तार करने वाले बीएसएफ के एक अधिकारी ने कहा, इन सिम काडरें का इस्तेमाल खातों को हैक करने और अन्य वित्तीय धोखाधड़ी करने के लिए किया गया था.

4,096 किलोमीटर भारत-बांग्लादेश सीमा की रक्षा की जिम्मेदारी संभालने वाली बीएसएफ ने कहा, इसका उद्देश्य लोगों को मनी ट्रांजेक्शन मशीनों से अपना पैसा निकालने के लिए सिम कार्ड का उपयोग करने वाले लोगों को धोखा देना था.

एजेंसियों ने उस चीनी नागरिक के होटल पर भी छापा मारा है, जिसे वह गुरुग्राम से स्टार स्प्रिंग नाम से चला रहा है, जहां चीन के उसके कुछ सहयोगी काम कर रहे थे. हान, जो अब जब्त वस्तुओं के साथ आगे की कानूनी कार्यवाही के लिए पश्चिम बंगाल पुलिस की हिरासत में है, को सीमा चौकी मलिक सुल्तानपुर के अंतगर्त रखा गया है. जब वह अवैध रूप से भारत-बांग्लादेश अंतर्राष्ट्रीय सीमा (आईबी) को पार करने की कोशिश कर रहा था, तभी उसे गिरफ्तार करके हिरासत में भेज दिया गया था.

चीनी शहर हुबेई के निवासी हान ने 2 जून को बांग्लादेश में प्रवेश किया. पूछताछ और उसके बरामद पासपोर्ट से पता चला कि हान 2 जून को बिजनेस वीजा पर ढाका पहुंचा और वहां एक चीनी दोस्त के साथ रहा. बयान में कहा गया है कि 8 जून को वह चपैनवाबगंज जिले (बांग्लादेश) में सोना मस्जिद आया और वहां एक होटल में रुका. वह गुरुवार को भारतीय क्षेत्र में प्रवेश करने की कोशिश कर रहा था, जिस दौरान उसे बीएसएफ के जवानों ने पकड़ लिया.

पूछताछ में चीनी नागरिक ने बताया कि इससे पहले भी वह चार बार भारत आ चुका है. वह 2010 में हैदराबाद और 2019 के बाद तीन बार दिल्ली-गुरुग्राम आया था. उसने चार से अधिक बार भारत का दौरा किया. आगे की पूछताछ पर, हान ने कहा कि जब वह अपने गृहनगर हुबेई गया था, तो उसका एक बिजनेस पार्टनर सुन जियांग कुछ दिनों के बाद उसे 10 से 15 भारतीय मोबाइल फोन सिम भेजता था, जिन्हें उसे और उसकी पत्नी ने प्राप्त किया था. लेकिन कुछ दिन पहले उसके बिजनेस पार्टनर को आतंकवाद निरोधी दस्ते ने लखनऊ से पकड़ लिया.

उसने कहा कि उनके बिजनेस पार्टनर द्वारा एटीएस को उनका नाम बताए जाने के बाद उसके और उसकी पत्नी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है और इस वजह से उन्हें चीन में भारतीय वीजा नहीं मिला. उसे बांग्लादेश और नेपाल के लिए वीजा मिल गया, जिससे उसके भारत आने का रास्ता साफ हुआ. हान के बिजनेस पार्टनर को एटीएस लखनऊ द्वारा कई आरोपों में गिरफ्तार किए जाने के तुरंत बाद, उसके खिलाफ ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी करने की प्रक्रिया शुरू की गई.

चीनी नागरिक के पास से एक एप्पल लैपटॉप, दो आईफोन मोबाइल, एक बांग्लादेशी सिम, एक भारतीय सिम, दो चीनी सिम, दो पेन ड्राइव, तीन बैटरी, दो छोटी टॉर्च, पांच मनी ट्रांजेक्शन मशीन, दो एटीएम और मास्टर कार्ड, अमेरिकी डॉलर, बांग्लादेशी टका और भारतीय रुपये बरामद किए गए हैं. एजेंसियां अब चीनी नागरिक के कब्जे से बरामद गैजेट्स की जांच कर रही हैं.

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