Top Recommended Stories

इसरो ने बताया कैसा होगा भारत का अंतरिक्ष स्टेशन, तैयार होने में लगेंगे 7 साल

चंद्रयान-2 के लॉन्च होने के बाद सूर्य को लेकर भी अभियान शुरू करेगा इसरो.

Published: June 14, 2019 8:15 AM IST

By India.com Hindi News Desk | Edited by Ramendra Nath Jha

इसरो ने बताया कैसा होगा भारत का अंतरिक्ष स्टेशन, तैयार होने में लगेंगे 7 साल
अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (फाइल)

नई दिल्ली. चंद्रयान-2 की संभावित लॉन्चिंग तिथि के खुलासे और गगनयान योजना पर काम शुरू करने के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केन्द्र (ISRO) ने अंतरिक्ष में भारत के अगले कदम के बारे में अपनी स्थिति साफ कर दी है. ISRO ने बताया है कि भारत जल्द ही अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में दुनिया के कुछ चुनिंदा देशों की बराबरी करने वाला है. वह इसलिए क्योंकि अगले कुछ वर्षों में भारत भी अंतरिक्ष में अपना स्पेस-स्टेशन बना लेगा. ISRO के प्रमुख डॉ. के. सिवन ने यह महत्वपूर्ण जानकारी साझा करते हुए बताया कि भारत का अंतरिक्ष स्टेशन छोटा होगा, लेकिन अभी अंतरिक्ष में मौजूद इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से अलग होगा. डॉ. सिवन ने गुरुवार को कहा कि भारत अपना अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करने की योजना बना रहा है. इस महत्वाकांक्षी योजना के पूरा होने पर देश ज्यादा मानव मिशन अंतरिक्ष में भेजने में सक्षम होगा.

Also Read:

इसरो प्रमुख डॉ. सिवन ने गुरुवार को मीडिया के साथ भविष्य की योजनाओं को लेकर खुलकर बात की. इस दौरान उन्होंने साफ तौर पर कहा कि भारत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) का हिस्सा नहीं होगा, बल्कि वह खुद अलग स्टेशन स्थापित करेगा. उन्होंने कहा कि चंद्रयान-2 (Chandrayaan-2) जिसे चंद्र अभियान-2 (Mission Moon) भी कहा जाता है, के बाद इसरो सूर्य को लेकर अभियान शुरू करेगा. इसके तहत 2020 की पहली छमाही में आदित्य एल1 लांच किया जाएगा. शुक्र के लिए एक और अंतरग्रहीय अभियान को अगले 2-3 वर्षों में लांच किया जाएगा. आपको बता दें कि इसरो प्रमुख डॉ. के. सिवन अंतरिक्ष विभाग के सचिव भी हैं.

मिशन चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग की घोषणा, 15 जुलाई को सुबह 2:51 मिनट पर भरेगा उड़ान

गगनयान योजना का विस्तार

अंतरिक्ष मिशन को स्पष्ट करते हुए डॉ. सिवन ने कहा कि यह मिशन गगनयान कार्यक्रम का विस्तार होगा. सिवन ने कहा, ‘‘हमें गगनयान कार्यक्रम को बनाए रखना होगा, इसलिए वृहद योजना के तहत हम भारत में अंतरिक्ष स्टेशन की योजना बना रहे हैं. हम मानव युक्त चंद्र अभियान के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय का हिस्सा होंगे. हमारे पास अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए स्पष्ट योजना है.’ हम अलग अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करने की योजना बना रहे हैं. हम (ISS) उसका हिस्सा नहीं हैं…, हमारा अंतरिक्ष स्टेशन बहुत छोटा होगा. हम एक छोटा मॉड्यूल लांच करेंगे जिसका इस्तेमाल माइक्रोग्रैविटी प्रयोग के लिए किया जाएगा.’’

स्टेशन बनने में लगेंगे 5-7 साल

इसरो प्रमुख के अनुसार भारत के अंतरिक्ष स्टेशन का वजन करीब 20 टन होने की संभावना है. उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष स्टेशन की योजना बनाते समय इसरो अंतरिक्ष पर्यटन के बारे में नहीं सोच रहा है. सिवन ने कहा कि 2022 तक पहले गगनयान मिशन के बाद इस परियोजना को मंजूरी के लिए सरकार के पास भेजा जाएगा. उन्हें इस परियोजना के क्रियान्वयन में 5-7 साल लगने की उम्मीद है. हालांकि भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन पर आने वाली लागत के संबंध में उन्होंने कुछ नहीं कहा. फिलहाल पृथ्वी की कक्षा में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन ही एक मात्र ऐसा स्टेशन है जो पूरी तरह काम कर रहा है. यहां अंतरिक्ष यात्री तमाम प्रयोग करते हैं. चीन की भी अपना खुद का अंतरिक्ष स्टेशन बनाने की योजना है.

कुछ ऐसा दिखता है चंद्रयान-2, अगले महीने लॉन्च करने की तैयारी में लगा है इसरो

सूर्य के हिस्से का करेंगे अध्ययन

गगनयान परियोजना पर इसरो प्रमुख ने कहा कि सरकार ने एक राष्ट्रीय सलाहकार परिषद बनाई है, जिसमें अंतरिक्ष उद्योग के शीर्ष भारतीय विशेषज्ञों को शामिल किया गया है. डॉ. सिवन ने बताया कि इस परिषद में इसरो के पूर्व प्रमुख के कस्तूरीरंगन, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव आशुतोष शर्मा, प्रधानमंत्री के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के विजय राघवन और डीआरडीओ के अध्यक्ष जी सतीश रेड्डी शामिल हैं. आदित्य एल1 अभियान के बारे में जानकारी देते हुए डॉ. के. सिवन ने कहा कि इस अभियान में सूर्य के सबसे बाहरी हिस्से कोरोना का अध्ययन किया जाएगा.

(इनपुट – एजेंसी)

ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें. India.Com पर विस्तार से पढ़ें देश की और अन्य ताजा-तरीन खबरें

Published Date: June 14, 2019 8:15 AM IST