By clicking “Accept All Cookies”, you agree to the storing of cookies on your device to enhance site navigation, analyze site usage, and assist in our marketing efforts Cookies Policy.
केरल के प्रोफेसर के अजीबोगरीब बोल, जींस पहनने वाली महिलाओं के होते हैं किन्नर बच्चे
सरकारी कार्यक्रमों में प्रोफेसर की भागीदारी पर लगा प्रतिबंध
तिरुअनंतपुरम: केरल के कलाडी में कॉलेज के प्रोफेसर डॉ. रजित कुमार ने किन्नरों और शारीरिक अक्षमताओं से जूझ रहे बच्चों के बारे में विवादित बयान दिया है. इसके बाद राज्य सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी में है, लेकिन राजिथ अब भी अपने बयान पर डटे हुए हैं.
कासरगोद में एक काउंसलिंग सेशन के दौरान राजिथ ने किन्नर और शारीरिक रूप से कमजोर बच्चों के पैदा होने का अजीबोगरीब वैज्ञानिक कारण बताया. उन्होंने कहा कि जो महिलाएं जींस पहनती हैं और अपने नारीत्व के साथ समझौता करती हैं, उनके किन्नर बच्चे पैदा होते हैं. राजिथ ने आगे बताया कि अच्छे बच्चे उनके पैदा होते हैं, जिनके पिता पुरुष और माता महिलाओं की तरह रहते हैं. लेकिन जब पिता अपने पुरुषत्व और मां अपने नारीत्व के साथ समझौता करती है तो उनकी पैदा होने वाली बेटी में पुरुषों वाले लक्षण होते हैं और अंतत: बच्चा किन्नर पैदा होता है. राजिथ इतने पर ही नहीं रुके. उन्होंने यह भी कहा कि विद्रोही स्वभाव के पुरुष और महिलाओं से पैदा होने वाले बच्चे ऑटिज्म का शिकार होते हैं.
कानूनी कार्रवाई की तैयारी में सरकार
राजिथ के इस वैज्ञानिक व्याख्या की चारों ओर निंदा होने के बाद राज्य सरकार भी उनके खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है. रविवार को राज्य की स्वास्थ्य मंत्री के के शैलजा एक नोट जारी कर सरकारी कार्यक्रमों में उनकी भागीदारी पर प्रतिबंध लगा दिया. बता दें कि राजिथ पिछले कई वर्षों से स्कूल, कॉलेज और सरकारी कार्यालयों में जागरुकता शिविर और काउंसलिंग सेशन आयोजित कर रहे हैं.
बयान पर कायम हैं राजिथ
एक चैनल के चैट शो में भाग लेते हुए राजिथ ने अपने बयान का बचाव किया और बताया कि वे अब भी इस पर डटे हुए हैं. उन्होंने दावा किया कि उनके तर्क विज्ञान और उनके शैक्षिक अनुभवों पर आधारित हैं. 2 अप्रैल को फेसबुक पर अपने वीडियो पोस्ट में भी उन्होंने दावा किया कि उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है.
Also Read:
ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें. India.Com पर विस्तार से पढ़ें India Hindi की और अन्य ताजा-तरीन खबरें