JNU राजद्रोह मामला: बढ़ सकती हैं कन्हैया की मुश्किलें, दिल्ली सरकार ने दी मुकदमा चलाने की मंजूरी

पुलिस ने 2016 के इस मामले में कुमार के साथ ही जेएनयू के पूर्व छात्रों उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था.

Updated: February 28, 2020 9:40 PM IST

By India.com Hindi News Desk | Edited by Amit Kumar

JNU राजद्रोह मामले में बढ़ सकती हैं कन्हैया कुमार की मुश्किलें, दिल्ली सरकार ने दी मुकदमा चलाने की मंजूरी
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने राजद्रोह के एक मामले में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार और दो अन्य लोगों पर मुकदमा चलाने के लिए दिल्ली पुलिस को मंजूरी दे दी. सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. पुलिस ने 2016 के इस मामले में कुमार के साथ ही जेएनयू के पूर्व छात्रों उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था.

पुलिस ने कहा था कि आरोपियों ने नौ फरवरी, 2016 को जेएनयू परिसर में एक कार्यक्रम के दौरान जुलूस निकाला और वहां कथित रूप से लगाये गये देश-विरोधी नारों का समर्थन किया था.

इससे पहले दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ (स्पेशल सेल) ने 19 फरवरी को दिल्ली के गृह सचिव को पत्र लिखकर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार से जुड़े जेएनयू देशद्रोह मामले में मंजूरी देने की प्रक्रिया को तेज करने का अनुरोध किया था. इसके लिए स्पेशल सेल के डीसीपी प्रमोद सिंह कुशवाहा ने पत्र लिखकर मुकदमा चलाए जाने के लिए प्रक्रिया को तेज करने का अनुरोध किया था.

दिल्ली की एक अदालत ने छात्र नेता कन्हैया कुमार और अन्य के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए दिल्ली सरकार से जेएनयू देशद्रोह मामले में मंजूरी से संबंधित स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था. अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट पुरुषोत्तम पाठक ने भी दिल्ली पुलिस को सरकार को एक अनुस्मारक (रिमाइंडर/याद दिलाना) भेजने का निर्देश दिया है. न्यायाधीश ने कहा, “नई सरकार का गठन किया गया है, एक अनुस्मारक भेजें.” अदालत अब इस मामले में तीन अप्रैल को सुनवाई करेगी.

सुनवाई की पिछली तारीख को अरविंद केजरीवाल सरकार ने अदालत को सूचित किया था कि अभी तक इस मामले में कोई निर्णय नहीं लिया गया है. इसके अलावा यह भी कहा गया कि फाइल दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के समक्ष लंबित है, जो गृह मंत्रालय का कार्यभार भी संभाल रहे हैं. सरकारी वकील ने अदालत में एक पत्र प्रस्तुत करके जवाब दाखिल किया है.

उल्लेखनीय है कि नौ फरवरी 2016 को जेएनयू परिसर में संसद हमले के दोषी अफजल गुरु और मकबूल बट को दी गई फांसी के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन का आयोजन किया गया था. इस मामले में कन्हैया, उमर खालिद और अनिर्बान को गिरफ्तार किया गया था. उनपर आरोप है कि उन्होंने देश विरोधी नारेबाजी का समर्थन किया था. कन्हैया उस वक्त जेएनयूएसयू के अध्यक्ष थे. इस गिरफ्तारी के खिलाफ देशभर में अलग-अलग विश्वविद्यालय परिसरों में विरोध-प्रदर्शन देखने को मिला था. हालांकि, बाद में तीनों को जमानत दे दी गई थी.

(इनपुट भाषा)

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