
जम्मू कश्मीर के इस गांव में भी 'जोशीमठ जैसे हालात', घरों में दरारें आने के बाद 19 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया
जम्मू कश्मीर के डोडा जिले के एक गांव में भी उत्तराखंड के जोशीमठ जैसे हालात बन गए हैं. यहां भी घरों में दरारें आने के बाद 19 परिवारों को प्रशासन की तरफ से सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है.

जम्मू कश्मीर के डोडा जिले के एक गांव में भी उत्तराखंड के जोशीमठ जैसे हालात बन गए हैं. यहां भी घरों में दरारें आने के बाद 19 परिवारों को प्रशासन की तरफ से सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है. अधिकारियों ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि किश्तवाड़-बटोटे राष्ट्रीय राजमार्ग के पास थाथरी के नई बस्ती गांव में एक मस्जिद और एक मदरसे को भी असुरक्षित घोषित कर दिया गया है. नई बस्ती गांव के कुछ घरों में कुछ दिन पहले दरारें आनी शुरू हो गई थीं, लेकिन एक दिन पहले हुए भूस्खलन से स्थिति और खराब हो गई. इसके बाद यहां प्रभावित घरों की संख्या 21 तक पहुंच गई.
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J&K | The situation was aggravated last night. We received panic calls at midnight. Ten more houses subsided, and a total of 21 houses, one Masjid, & Madrassa have been evacuated. The area is under red alert: Athar Amin Zargar, SDM Doda pic.twitter.com/mh5BRwFEQZ
— ANI (@ANI) February 3, 2023
उप जिलाधिकारी (थाथरी) अतहर अमीन जरगर ने कहा, ‘घरों के असुरक्षित होने के बाद हमने 19 प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित कर दिया है. हम स्थिति पर नजर रख रहे हैं और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठा रहे हैं.’ उन्होंने कहा कि उपायुक्त और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने घटनास्थल का दौरा किया और प्रभावित परिवारों को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया. हालांकि, जरगर ने इस मामले की तुलना उत्तराखंड के जोशीमठ की स्थिति के साथ करने से इनकार कर दिया, जो भूधंसाव के कारण एक बड़ी चुनौती का सामना कर रहा है.
जरगर ने कहा, ‘नई बस्ती की स्थिति की भूधंसाव प्रभावित जोशीमठ से तुलना करना अतिशयोक्ति होगी. हमें भूस्खलन की समस्या का सामना करना पड़ रहा है और चिनाब घाटी बिजली परियोजनाओं के भूवैज्ञानिकों और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने पहले ही साइट का निरीक्षण कर लिया है.’
उन्होंने कहा कि भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (ASI) को एक रिपोर्ट भेजी गई है. वे आगे की जांच के लिए यहां आएंगे. अधिकांश निवासी आसपास के गांवों के थे.
इस बीच, घटना से प्रभावित जाहिदा बेगम ने कहा कि वह 15 साल से गांव में रह रही हैं और घरों में दरारें देखकर हैरान हैं. प्रभावित परिवारों के उचित पुनर्वास की मांग करते हुए उन्होंने कहा, ‘गांव में 50 से अधिक परिवारों में घबराहट है. भूस्खलन के बाद अधिकांश घरों में दरारें आ गईं.’
(इनपुट: भाषा)
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