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जल्द खत्म होने वाला है जेपी नड्डा का अध्यक्षीय कार्यकाल, किसको मिल सकती है पार्टी की कमान?

भाजपा के वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) का कार्यकाल जनवरी 2023 में समाप्त हो रहा है.

Published: August 29, 2022 11:08 PM IST

By India.com Hindi News Desk | Edited by Zeeshan Akhtar

Bihar News BJP President JP Nadda said ungleraaj came back in bihar and law and order has completely collapsed

नई दिल्ली: भाजपा के वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) का कार्यकाल जनवरी 2023 में समाप्त हो रहा है. नड्डा ने पार्टी के पूर्णकालिक राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर पार्टी की कमान 20 जनवरी 2020 को संभाली थी. 2019 लोक सभा चुनाव के बाद तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह (Amit Shah) के गृह मंत्री बनने के बाद जुलाई 2019 में नड्डा को पार्टी का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था, इसके कुछ महीने बाद ही उन्हे तीन वर्षीय कार्यकाल के लिए सर्वसम्मति से पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया था. ऐसे में भाजपा में नए अध्यक्ष को लेकर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है क्योंकि भाजपा संविधान के मुताबिक पार्टी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन की एक विस्तृत प्रक्रिया होती है. भाजपा के संविधान के अनुसार कम से कम 50 प्रतिशत राज्यों में संगठन का चुनाव होने के बाद ही राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव कराया जा सकता है.

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भाजपा के संविधान की धारा-19 में राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया का वर्णन किया गया है. इसके मुताबिक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव एक निर्वाचक मंडल द्वारा करने की व्यवस्था की गई है जिसमें पार्टी के राष्ट्रीय परिषद और प्रदेश परिषद के सदस्य शामिल होते हैं. पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष वही व्यक्ति बन सकता है जो कम से कम चार अवधियों तक पार्टी का सक्रिय सदस्य रहा हो और न्यूनतम 15 वर्ष से पार्टी का सदस्य हो. राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की योग्यता रखने वाले नेता का नाम, निर्वाचक मंडल में शामिल कोई भी 20 सदस्य प्रस्तावित कर सकता है. लेकिन यह संयुक्त प्रस्ताव कम से कम पांच राज्यों से भी आना चाहिए, जहां राष्ट्रीय परिषद के चुनाव संपन्न हो चुके हों.

अध्यक्ष के कार्यकाल का जिक्र पार्टी के संविधान की धारा 21 में किया गया है. इसके अनुसार, कोई भी व्यक्ति तीन-तीन साल के दो कार्यकाल तक ही भाजपा का अध्यक्ष रह सकता है. भाजपा में तीन वर्ष के लिए लगातार दूसरी बार अध्यक्ष बनाने का संविधान संशोधन नितिन गडकरी को दोबारा अध्यक्ष बनाने के लिए किया गया था लेकिन विवाद में फंस जाने की वजह से 2013 में गडकरी दोबारा पार्टी के अध्यक्ष नहीं बन पाए थे.

भाजपा संविधान के मुताबिक, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन को लेकर प्रक्रिया कई महीने पहले ही शुरू हो जाती है इसलिए फिलहाल यह माना जा रहा है कि नड्डा को एक्सटेंशन मिल सकता है. इसके पीछे एक ठोस वजह भी बताई जा रही है. दरअसल, इस वर्ष के आखिरी में प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह के गृह राज्य गुजरात के अलावा जेपी नड्डा के अपने गृह राज्य हिमाचल प्रदेश में विधान सभा चुनाव होने हैं. अगले वर्ष यानी 2023 में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, तेलंगाना, राजस्थान, त्रिपुरा, मेघालय, मिजोरम और नागालैंड में विधान सभा चुनाव होने है. वहीं 2024 में अप्रैल-मई के महीने में लोक सभा चुनाव भी होना है. यानि पार्टी को अगले डेढ़ वर्ष तक लगातार चुनाव लड़ना है और वर्तमान व्यवस्था में सरकार एवं संगठन के बीच एक बेहतरीन तालमेल और समन्वय भी देखने को मिल रहा है.

इसलिए पार्टी के सूत्र यह बता रहे हैं कि ज्यादा संभावना इस बात की ही नजर आ रही है कि पार्टी की वर्तमान व्यवस्था में कोई ज्यादा बदलाव किए बिना नड्डा को 2023 के महत्वपूर्ण विधान सभा चुनावों तक या 2024 में होन वाले लोक सभा चुनाव तक बने रहना दिया जाए. इस बीच नड्डा की सक्रियता भी काफी बढ़ी हुई नजर आ रही है और वो लगातार राज्यों का दौरा भी कर रहे हैं. हालांकि यह एक्सटेंशन अस्थायी यानी 2024 के लोक सभा चुनाव तक के लिए होगा या उन्हे तीन वर्ष के पूर्ण कार्यकाल के लिए दोबारा राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना जाएगा, इसे लेकर तस्वीर फिलहाल साफ नहीं है. आपको बता दें कि, इससे पहले 2019 में तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का कार्यकाल अप्रैल-मई 2019 में होने वाले लोक सभा चुनाव के मद्देनजर इसी तरह से बढ़ाया गया था.

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