Top Recommended Stories

कर्नाटक: न्यायिक प्रणाली पर वकील ने लगाए आरोप, कोर्ट ने सुनाई एक सप्ताह के जेल की सजा

कर्नाटक हाईकोर्ट ने एक अधिवक्ता को न्यायिक प्रणाली और विशेष रूप से न्यायिक अधिकारियों के खिलाफ आरोप लगाने के लिए एक सप्ताह के कारावास की सजा सुनाई है

Published: February 9, 2023 12:00 AM IST

By India.com Hindi News Desk | Edited by Laxmi Narayan Tiwari

Lawyer accuses judicial system in Karnataka, court sentenced to one week imprisonment
फोटो प्रतीकात्मक

Karnataka, Karnataka, High Court,  judicial system: बेंगलुरु: कर्नाटक हाईकोर्ट (Karnataka High Court ) ने एक अधिवक्ता ( Advocate ) को न्यायिक प्रणाली (judicial system) और विशेष रूप से न्यायिक अधिकारियों के खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगाने के लिए एक सप्ताह के कारावास की सजा सुनाई है. मुख्य न्यायाधीश प्रसन्ना बी वराले और न्यायमूर्ति अशोक एस किनागी की पीठ ने हाल में आदेश दिया कि अधिवक्ता के एस अनिल को हिरासत में लिया जाए और 10 फरवरी को फिर से उसके समक्ष पेश किया जाए.

Also Read:

उच्च न्यायालय में अदालती कार्यवाही की अवमानना ​​का सामना कर रहे अनिल ने एक निवेदन में आग्रह किया था कि उनके मामले को दूसरी पीठ में स्थानांतरित कर दिया जाए क्योंकि उन्होंने मौजूदा न्यायाधीशों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. अदालत ने कहा कि उसके पास अदालत की अवमानना करने के लिए आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश पारित करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचा है.

अनिल के खिलाफ मूल आपराधिक अवमानना का मामला 2019 में दायर किया गया था. उन्हें एक जमानती वारंट जारी किया गया था, जो उन्हें 14 अक्टूबर, 2019 को मिला था. उन्होंने मई 2020 में एक और नोटिस स्वीकार किया. उनके खिलाफ स्वत: संज्ञान लेकर एक और अवमानना याचिका दायर की गई थी. अदालत ने कहा कि जब पुलिस अधिकारियों ने उन्हें जमानती वारंट तामील कराने का प्रयास किया, तो उन्होंने जवाब देने से इनकार कर दिया.

इस बारे में पुलिस ने अदालत में विस्तृत रिपोर्ट दाखिल की. उच्च न्यायालय ने एक पैराग्राफ का हवाला दिया जिसमें अनिल ने दावा किया कि वह बीमार थे और चाहते थे कि मुख्य न्यायाधीश और अन्य न्यायाधीश दोनों उनके मामले से खुद को अलग कर लें और उनके सभी मामलों को एक अन्य पीठ के समक्ष रखा जाए.

अनिल ने आरोप लगाया था कि कर्नाटक उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों का यह सब रवैया अवमानना कानून के गंभीर दुरुपयोग को साबित करता है, जिसमें पारदर्शिता का घोर अभाव है. उन्होंने न्यायिक प्रणाली में भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाए थे. (भाषा)

ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें. India.Com पर विस्तार से पढ़ें देश की और अन्य ताजा-तरीन खबरें

Published Date: February 9, 2023 12:00 AM IST