
Karnataka Hijab Row: हाईकोर्ट बुधवार को करेगा सुनवाई, शिवमोगा जिले में कर्फ्यू बढ़ा, बंद रहेंगे स्कूल
कर्नाटक में हिजाब विवाद पर हाईकोर्ट कल सुनवाई करेगा, वहीं शिवमोगा में बजरंग दल कार्यकर्ता की हत्या के बाद बढ़े तनाव को देखते हुए प्रशासन ने स्थानीय प्रशासन ने जिले में कर्फ्यू बढ़ा दिया है

Karnataka Hijab Row: कर्नाटक (Karnataka) में हिजाब विवाद (Hijab Row) और शिवमोगा (Shivamogga) में बजरंग दल कार्यकर्ता की हत्या के बाद बढ़े तनाव को देखते हुए प्रशासन ने स्थानीय प्रशासन ने जिले में कर्फ्यू (curfew) बढ़ा दिया है. इसमें सुबह 6 बजे से लेकर 9 बजे आवाजाही की इजाजत दी गई है. दो दिनों के लिए धारा 144 को और बढ़ाकर शुक्रवार तक दिया गया है. इसके साथ ही इन दिनों में स्कूल भी शुक्रवार तक बंद रहेंगे. स्थिति की समीक्षा के आधार पर आगे की कार्रवाई तय की जाएगी. हीं, कर्नाटक हाईकोर्ट ने आज मंगलवार को हिजाब विवाद की सुनवाई स्थगित करते हुए इसे कल जारी रखने का निर्देश दिया है.
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शिवमोगा के उपायुक्त सेल्वामणि आर ने कहा, जिले में कर्फ्यू बढ़ाया गया है, सुबह 6:00 बजे से 9:00 बजे तक आवाजाही की इजाजत रहेगी. धारा 144 दो दिनों के लिए और बढ़ाई गई है शुक्रवार सुबह तक, इसके साथ ही इन दिनों में स्कूल भी बंद रहेंगे.
Bajrang Dal worker murder, Shivamogga | Six accused are Mohammed Kashif, Sayed Nadeem, Afsifullah Khan, Rehan Sharef, Nihan, Abdul Afnan: SP Laxmi Prassad pic.twitter.com/1NE82fMMmF
— ANI (@ANI) February 22, 2022
बता दें कि इस बीच आज मंगलवार को कर्नाटक हाईकोर्ट ने हिजाब विवाद पर जल्द फैसला आने के स्पष्ट संकेत देते हुए इस मामले में वकीलों को इस सप्ताह तक अपने तर्क पूरा करने के निर्देश दिए हैं.
हाईकोर्ट ने सरकार के महाधिवक्ता को जल्द अपना जवाब दाखिल करने को कहा
कक्षाओं में हिजाब पहनने के अपने अधिकार की मांग कर रही छात्राओं की याचिकाओं पर विचार करने के लिए गठित न्यायालय की विशेष बेंच ने यह निर्देश दिया. मुख्य न्यायाधीश रितु राज अवस्थी ने सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले महाधिवक्ता (एजी) प्रभुलिंग नवदगी को जल्द से जल्द अपना जवाब दाखिल करने को कहा. एजी ने पीठ को बताया कि वह मंगलवार को अपनी दलीलें पूरी कर लेंगे. मुख्य न्यायाधीश ने सभी वकीलों को सूचित किया कि पीठ इस सप्ताह के अंत में मामले की सुनवाई पूरी करना चाहती है और वे अपने तर्कों को संक्षिप्त रखते हुए इस सप्ताह के भीतर ही पूरा करने के सकारात्मक प्रयास करें.
मामले में कुरान के 144 सूरे भी रखे गए हैं
महाधिवक्ता ने कहा कि यह पूरी तरह से याचिकाकर्ता पर है कि वह यह साबित करे कि हिजाब की प्रथा प्रक्रिया के तौर पर अनिवार्य है और इस्लाम में इसका पालन किया जाता है. उन्होंने इस मामले में कुरान के 144 सूरे भी रखे हैं और इस संबंध में उनसे इस अदालत ने पूछा है. एजी ने अदालत से कहा कि पोशाक पहनना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है और याचिकाकर्ताओं ने अनुच्छेद 19 (1) (ए) के तहत अपने मौलिक अधिकार के रूप में तर्क दिया है. हालांकि, अनुच्छेद 19 (1) (ए) अनुच्छेद 19 (2) के तहत सार्वजनिक व्यवस्था, शालीनता के अधीन है. वर्तमान मामले में, वर्दी नियम संस्थागत प्रतिबंध के अधीन है और यह न केवल स्कूलों में, बल्कि अस्पतालों, सैन्य प्रतिष्ठानों और अन्य में भी संस्थागत अनुशासन के अधीन है.
कर्नाटक सरकार ने हाईकोर्ट से कहा, हिजाब पहनना धर्म का अनिवार्य हिस्सा नहीं, यह अनुच्छेद 25 के तहत नहीं आ सकता
एजी ने यह भी उल्लेख किया कि वर्दी पूर्व-विश्वविद्यालय तक निर्धारित की जा रही है. कैंपस में हिजाब पहनने पर कोई पाबंदी नहीं है और केवल कक्षाओं में हिजाब की अनुमति नहीं है. चाहे कोई किसी भी धर्म का हो, वर्दी सभी के लिए जरूरी है. उन्होंने फ्रांस और तुर्की द्वारा सार्वजनिक स्थानों पर हिजाब पर पूर्ण प्रतिबंध का उल्लेख किया. इस बिंदु पर न्यायमूर्ति कृष्ण एस दीक्षित ने हस्तक्षेप किया और कहा कि यह हर देश की संवैधानिक नीति पर निर्भर करता है. महाधिवक्ता नवदगी ने कहा कि वह केवल इतना कहना चाहते हैं कि हमारे देश में इस तरह की कोई पाबंदी नहीं है. उन्होंने इससे पहले कहा था कि हिजाब इस्लाम की एक अनिवार्य प्रथा नहीं है और यह भी बताया कि कैसे विभिन्न उच्च न्यायालयों और सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयों द्वारा इसे बरकरार रखा गया है. उन्होंने सरकार का प्रतिनिधित्व करते हुए अपनी दलीलें पेश करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता छात्राओं ने सिर्फ सिर पर स्कार्फ पहनने की अनुमति के लिए नहीं, बल्कि कक्षाओं में इसे पहनने की अनुमति देने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया है. लेकिन महाधिवक्ता ने कहा कि हिजाब पहनना उनके धर्म का अनिवार्य हिस्सा नहीं है और यह अनुच्छेद 25 के तहत नहीं आ सकता है. (इनपुट: आईएएनएस-एएनआई)
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