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Karnataka Penthouse Prostitution case: कर्नाटक में हाई प्रोफाइल पेंटहाउस वेश्यावृत्ति रैकेट (Karnataka Penthouse Prostitution Racket) की जांच में हैरान करने वाले खुलासे हुए हैं. पूछताछ के दौरान आरोपियों ने खुलासा किया कि उन्होंने मेंगलुरु (Mangaluru) में प्रतिष्ठित कॉलेजों में पढ़ रही नाबालिग लड़कियों के निजी वीडियो लिए और इसके बाद उन्हें फंसाया और पड़ोसी केरल राज्य (Kerala) के प्रभावशाली राजनेताओं (Politicians) और शीर्ष अधिकारियों (Bureaucrats)का मनोरंजन करने के लिए मजबूर किया.
पुलिस की जांच टीम के अधिकारी सेक्स रैकेट में केरल के राजनेताओं और नौकरशाहों की संलिप्तता की भी जांच कर रहे हैं. नेटवर्क उनके पूर्ण समर्थन से संचालित होता था और मामले में अभियुक्तों ने केवल केरल के कुलीन ग्राहकों को अनुमति दी थी.
पुलिस सूत्रों ने बताया कि मामले की गंभीरता और संवेदनशीलता को देखते हुए अब मामले को मंगलुरु दक्षिण पुलिस स्टेशन से सिटी क्राइम ब्रांच (सीसीबी) को स्थानांतरित कर दिया गया है.
पुलिस इस खुलासे से सामने आई जानकारी से हैरान है और शक है कि आरोपी ने जिले के कई नाबालिग छात्राओं को देह व्यापार में फंसाया है. मंगलुरु पुलिस ने मामले के सिलसिले में तीन लोगों, एक दंपति और एक अन्य महिला को गिरफ्तार किया है। उन्होंने तटीय शहर के प्रतिष्ठित कॉलेजों में पढ़ने वाले दो प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज के छात्राओं को भी बचाया है. आरोपियों की पहचान शमीना, सिद्दीक और आयशम्मा के रूप में हुई है.
आरोपी ने युवकों को 10वीं और कक्षा 11, 12 में पढ़ रही भोली-भाली और सुंदर लड़कियों से दोस्ती करने के लिए भेजा था. एक बार जब लड़कियों से दोस्ती हो गई तो उन्हें युवक सीसीटीवी कैमरों से लैस एक पेंटहाउस में ले आए. इसके बाद आरोपी उन्हें यह कहते हुए ब्लैकमेल करते थे कि उनके निजी वीडियो को सार्वजनिक कर उनके माता-पिता को भेज दिया जाएगा.
पुलिस के अनुसार, यह रैकेट काफी लंबे समय से चल रहा था. ग्राहकों की मांग पर भोली भाली लड़कियों को निशाना बनाया जाता था. कमजोर आर्थिक पृष्ठभूमि वाली लड़कियों को भी पैसे की मदद के वादे के साथ इसमें शामिल किया गया था. यह गठजोड़ तब सामने आया, जब 17 वर्षीय पीड़िता में से एक ने अपने दोस्त के साथ अपनी आपबीती साझा की.
मामला जब प्राचार्य तक पहुंचा तो उन्होंने पुलिस हेल्पलाइन पर फोन किया था. मंगलुरु के पुलिस आयुक्त एन. शाहीकुमार ने डीसीपी (लॉ एंड ऑर्डर) हरिराम शंकर के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया और छापेमारी की गई. गुरुवार को दोषियों को गिरफ्तार किया गया.
पुलिस आरोपियों द्वारा ग्राहकों को ब्लैकमेल किए जाने के एंगल से भी जांच कर रही है. पोक्सो एक्ट और अनैतिक यातायात रोकथाम अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. आगे की जांच जारी है. (इनपुट: आईएएनएस)
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