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किसानों और सरकार की वार्ता फिर विफल, कांग्रेस ने कहा- कृषि कानून वापस ही हों, प्रियंका गांधी बोलीं- हम पीछे नहीं हटेंगे

राहुल गांधी ने कहा कि पूरा देश किसानों के साथ है.

Updated: January 8, 2021 7:48 PM IST

By India.com Hindi News Desk | Edited by Zeeshan Akhtar

Women farmers during their ongoing protest against new farm laws, at Singhu border in New Delhi, Thursday, Dec 31, 2020. (PTI Photo)
farmers protest (File photo: PTI)

Kisan Andolan: किसानों और सरकार के बीच आज नौवीं बार वार्ता विफल हो गई. अगले दौर की बातचीत 15 जनवरी को होगी. इस बीच कांग्रेस (Congress) ने कहा कि कृषि कानूनों को वापस लिए जाने के अलावा कोई और रास्ता नहीं है. इस मुद्दे का यही एक समाधान है. कांग्रेस पार्टी ने तीन कृषि कानूनों (New Farm Laws) के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में सोशल मीडिया (Social Media) अभियान भी चलाया जिसके तहत पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने लोगों से किसान आंदोलन (Kisan Andolan) के पक्ष में आवाज बुलंद करने की अपील की.

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पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने ‘किसान के लिए भारत बोले’ अभियान के तहत वीडियो जारी कर कहा, ‘‘शांतिपूर्ण आंदोलन लोकतंत्र का एक अभिन्न हिस्सा होता है. हमारे किसान बहन-भाई जो आंदोलन कर रहे हैं, उसे देश भर से समर्थन मिल रहा है. आप भी उनके समर्थन में अपनी आवाज़ जोड़कर इस संघर्ष को बुलंद कीजिए ताकि कृषि-विरोधी क़ानून ख़त्म हों.’’ उधर, पंजाब के उन कांग्रेस सांसदों ने पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) से मुलाकात की, जो केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध और प्रदर्शनकारी किसानों के समर्थन में पिछले एक महीने से जंतर-मंतर पर खुले आसामान के नीचे धरने पर बैठे हुए हैं.

गुरजीत सिंह औजला, रवनीत बिट्टू, जसबीर गिल और कई अन्य सांसदों ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के आवास 12, तुगलक लेन में प्रियंका से मुलाकात की. सांसदों से मुलाकात के दौरान प्रियंका ने कहा, ‘‘हम बिल्कुल पीछे नहीं हटेंगे. हम किसानों के साथ हमेशा रहे हैं. समाधान यही है कि कानून वापस लिए जाएं. इसके अलावा कोई और समाधान नहीं है.’’गौरतलब है कि सरकार और किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के बीच तीन कृषि कानूनों को लेकर शुक्रवार को आठवें दौर की वार्ता बेनतीजा संपन्न हुई.

सूत्रों के मुताबिक अगली बैठक 15 जनवरी को हो सकती है.तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की अपनी मांग पर अड़े किसान नेताओं ने शुक्रवार को सरकार से दो टूक कहा कि उनकी ‘‘घर वापसी’’ तभी होगी जब वह इन कानूनों को वापस लेगी. सरकार ने कानूनों को पूरी तरह से निरस्त करने की मांग खारिज करते हुए इसके विवादास्पद बिन्दुओं तक चर्चा सीमित रखने पर जोर दिया.

किसान संगठनों की मांग है कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया जाए और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी दी जाए. अपनी मांगों को लेकर हजारों किसान दिल्ली के निकट पिछले करीब 40 दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं. सरकार का कहना है कि ये कानून कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के कदम हैं और इनसे खेती से बिचौलियों की भूमिका खत्म होगी तथा किसान अपनी उपज देश में कहीं भी बेच सकते हैं.

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