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Kisan Andolan Latest Update: अंतरराज्यीय सीमाओं से शुक्रवार की शाम अवरोधक हटाए जाने के बाद पंजाब से किसानों के नए जत्थे दिल्ली आने के लिए हरियाणा में प्रवेश कर गए हैं. हालांकि इससे पहले दिन में राष्ट्रीय राजधानी पहुंचने की जद्दोजहद में बड़ी संख्या में किसानों को कदम-कदम पर पुलिस के अवरोधकों, पानी की बौछारों और आंसू गैस के गोलों का सामना करना पड़ा था. अंतत: बड़ी संख्या में किसान दिल्ली के बुराड़ी मैदान में पहुंच गए हैं.
इस बीच केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने प्रदर्शन कर रहे किसानों से आंदोलन बंद करने का अनुरोध करते हुए कहा कि सरकार उनसे सभी मुद्दों पर बातचीत के लिए तैयार है. इस बात पर जोर देते हुए कि नए कृषि कानूनों से किसानों के जीवन स्तर में काफी सुधार होगा, तोमर ने कहा कि सरकार विभिन्न किसान संगठनों के साथ संपर्क में हैं और उन्हें तीन दिसंबर को बातचीत के लिए बुलाया गया है.
शाम तक पंजाब से लगी अंतरराज्यीय सीमाओं और दिल्ली जाने वाले राजमार्गों पर लगे हरियाणा पुलिस के सभी अवरोधक हटा लिए गए और सामान्य यातायात की अनुमति दे दी गई. केन्द्र के नये कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के ‘दिल्ली चलो’ आंदोलन को विफल बनाने के लिए हरियाणा पुलिस द्वारा लगाए गए सभी अवरोधक हटाए जाने के बाद विभिन्न सड़कों पर यातायात सामान्य हो गया.
पुलिस ने शुक्रवार को किसानों को उत्तरी दिल्ली के निरंकारी ग्राउंड में प्रदर्शन करने की अनुमति दी. यह दिल्ली के सबसे बड़े मैदानों में एक है. लेकिन सिंघू बार्डर पर इकट्ठा हुए किसान अबतक शहर में दाखिल नहीं हुए हैं.
इससे पहले दिन में दिल्ली पुलिस ने सिंघु बार्डर पर किसानों को तितर-बितर करने के लिए आंसूगैस का इस्तेमाल किया क्योंकि ये लोग केंद्र के नये कृषि कानूनों के खिलाफ अपने मार्च के तहत राष्ट्रीय राजधानी की ओर बढ़ने का प्रयास कर रहे थे. किसानों ने दिल्ली में दाखिल होने के प्रयास में पुलिस पर पथराव भी किया और बैरीकेड तोड़े .
किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोकने के लिए शहर की सीमाओं पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया था. सिंघू बार्डर पर धुंआ ही धुंआ नजर आ रहा था. सुरक्षाकर्मियों ने किसानों को तितर-बितर करने के लिए कई बार आंसू गैस के गोले दागे. टिकरी बार्डर पर किसानों की पुलिस के साथ झड़प हुई.
इस प्रदर्शन के कारण शहर के कई हिस्सों में यातायात बाधित रहा. दिल्ली यातायात पुलिस ने कई ट्वीट किये एवं लोगों से पंजाब के किसानों के दिल्ली चलो आंदोलन के चलते बाहरी रिंगरोड, मुकरबा चौक, जीटीके रोड, एनएच 44, सिंघू बार्डर से परहेज करने का परामर्श दिया. उसने कहा, ‘‘ ऑल इंडिया किसान संघर्ष कोर्डिनेशन कमिटी की रैली/मार्च/ प्रदर्शन के मद्देनजर वह मुकरबा चौक एवं जीटीके रोड से मार्ग बदल रही है. इस क्षेत्र में भारी जाम है. ’’
राष्ट्रीय राजधानी की विभिन्न सीमाओं पर जमा हजारों किसानों को उत्तरी दिल्ली के एक मैदान में शांतिपूर्ण प्रदर्शन की इजाजत मिलने के बाद शहर के आसपास शुक्रवार को सुबह से बना तनाव का माहौल कुछ हद तक खत्म हो गया. केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ ‘दिल्ली चलो’ मार्च के तहत विभिन्न स्थानों पर जमा किसानों को रोकने के लिए घंटों तक पुलिस को मशक्कत करनी पड़ी. पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और पानी की बौछारों का भी प्रयोग किया लेकिन किसान नहीं माने. कई जगहों पर किसानों ने पथराव किया और बैरिकेड भी तोड़ डाले.
दिल्ली पुलिस के जनसंपर्क अधिकारी ईश सिंघल ने बताया, ‘‘किसान नेताओं के साथ बातचीत के बाद प्रदर्शनकारी किसानों को दिल्ली में बुराड़ी के निरंकारी मैदान में शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की अनुमति दी गयी है. हम किसानों से शांति बनाये रखने की अपील करते हैं.’’
केन्द्र सरकार से तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर किसानों ने उत्तर प्रदेश के कई जिलों में चक्का जाम और विरोध प्रदर्शन किया. लखनऊ में भारतीय किसान यूनियन ने अहिमामऊ-सुल्तानपुर मार्ग पर चक्का जाम की तैयारी की थी, लेकिन प्रशासनिक मुस्तैदी से यह संभव नहीं हो सका. किसानों ने शनिवार और रविवार को भी आंदोलन जारी रखने का एलान किया है. भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश उपाध्यक्ष हरनाम सिंह वर्मा ने 77 किसानों द्वारा गिरफ़्तारी देने का दावा किया है, लेकिन पुलिस का कहना है कि हिरासत में लेकर इन्हें छोड़ दिया गया.
पुलिस के अनुसार लखनऊ में चार-पांच अलग-अलग स्थानों पर किसानों ने प्रदर्शन की कोशिश की, लेकिन उन्हें हिरासत में लेकर बाद में छोड़ दिया गया. लखनऊ के संयुक्त पुलिस आयुक्त नवीन अरोड़ा ने इस संदर्भ में पूछे जाने पर बताया कि अहिमामऊ, चिनहट, और मोहनलालगंज समेत कुल पांच स्थानों पर विरोध प्रदर्शन के लिए किसान एकत्रित हुए थे, लेकिन उन्हें समझा-बुझा कर धरना प्रदर्शन के लिए बनाये गये ईको गार्डेन भेज दिया गया. उन्होंने कहा कि कुल किसानों की संख्या करीब 250 रही होगी जिनमें किसी को गिरफ़्तार नहीं किया गया है. अरोड़ा ने बताया कि मोहनलालगंज में भी कुछ किसानों ने एक अलग मामले में प्रदर्शन किया था और उनका भी ज्ञापन ले लिया गया है.
(इनपुट भाषा)
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