ट्रैक्टर रैली को लेकर बहस पर किसानों ने कहा- रैली निकालना हमारा अधिकार, हज़ारों लोग इसमें शामिल होंगे

सुप्रीम कोर्ट में किसानों की ट्रैक्टर रैली को लेकर बहस जारी है.

Published: January 18, 2021 4:01 PM IST

By India.com Hindi News Desk | Edited by Zeeshan Akhtar

Farmers protesting at Singhu border. (Photo PTI)
प्रतीकात्मक तस्वीर

Kisan Andolan: सुप्रीम कोर्ट में किसानों की ट्रैक्टर रैली को लेकर बहस जारी है. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में इसके खिलाफ याचिका दायर की गई है. आज सुप्रीम कोर्ट में बहस भी हुई. सुप्रीम कोर्ट ने इसे लेकर कहा कि सरकार और पुलिस के पास इस मामले से निपटने के सभी अधिकार हैं. दिल्ली में किसे घुसने देना है और किसे नहीं, ये पुलिस तय करे.

इस बीच कृषि कानूनों (Farm Law) का विरोध कर रहे किसान संगठन के नेताओं ने कहा कि शांतिपूर्वक ट्रैक्टर रैली निकालना किसानों का संवैधानिक अधिकार है. 26 जनवरी को प्रस्तावित इस रैली में हजारों लोग भाग लेंगे. भारतीय किसान यूनियन (लखोवाल) पंजाब के महासचिव परमजीत सिंह ने कहा कि किसान राजपथ और उच्च सुरक्षा वाले क्षेत्रों में रैली नहीं निकालने जा रहे.उन्होंने कहा कि वे केवल दिल्ली में आउटर रिंग रोड पर रैली निकालेंगे और इससे आधिकारिक गणतंत्र दिवस परेड में कोई बाधा उत्पन्न नहीं होगी.

परमजीत सिंह ने से कहा, ‘‘हम दिल्ली की सीमाओं पर अटके हुए हैं. हमने इन सीमाओं पर बैठने का फैसला स्वयं नहीं किया था, हमें दिल्ली में प्रवेश करने से रोका गया. हम कानून-व्यवस्था बाधित किए बिना शांतिपूर्वक रैली निकालेंगे. हम हमारे संवैधानिक अधिकार का इस्तेमाल करेंगे और निश्चित ही दिल्ली में प्रवेश करेंगे.’’अखिल भारतीय किसान सभा के उपाध्यक्ष (पंजाब) लखबीर सिंह ने कहा कि किसान 26 जनवरी को आउटर रिंग रोड पर ट्रैक्टर ट्राली निकालने के बाद प्रदर्शन स्थलों पर लौटेंगे.

लखबीर ने कहा, ‘‘यदि दिल्ली पुलिस को गणतंत्र दिवस पर कानून-व्यवस्था को लेकर कोई समस्या है, तो वे संयुक्त किसान मोर्चा के साथ बैठक कर सकते हैं और ट्रैक्टर रैली के लिए वैकल्पिक मार्गों के बारे में बता सकते हैं. इसके बाद हमारी किसान समिति इस पर फैसला करेगी, लेकिन यह स्पष्ट है कि राष्ट्रीय राजधानी में 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली निकाली जाएगी.’’

प्रस्तावित ट्रैक्टर या ट्रॉली रैली अथवा गणतंत्र दिवस पर समारोहों एवं सभाओं को बाधित करने की कोशिश करने पर तथा अन्य प्रकार के प्रदर्शनों पर रोक लगाने के लिये केंद्र की याचिका पर सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने कहा कि पुलिस के पास इस मामले से निपटने का पूरा अधिकार हैं. प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति विनीत सरन की पीठ ने इस मामले पर सुनवाई के दौरान केन्द्र से कहा , ‘‘क्या उच्चतम न्यायालय यह बताएगा कि पुलिस की क्या शक्तियां हैं और वह इनका इस्तेमाल कैसे करेगी? हम आपको यह नहीं बताने जा रहे कि आपको क्या करना चाहिए.’’

बता दें कि उल्लेखनीय है कि पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश सहित देश के विभिन्न हिस्सों से आए हजारों किसान पिछले एक महीने से भी अधिक समय से दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर तीनों नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए धरना प्रदर्शन कर रहे हैं.

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