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Kisan Andolan: क्या सरकार की बात मानेंगे किसान, कृषि कानूनों को निलंबित रखने के प्रस्ताव पर किसान यूनियन की बैठक शुरू

किसान नेताओं ने हालांकि कहा था कि वे नये कृषि कानूनों को वापस लिए जाने से कम किसी बात पर सहमत नहीं होंगे.

Published: January 23, 2021 4:04 PM IST

By India.com Hindi News Desk | Edited by Gaurav Tiwari

Kisan Andolan: क्या सरकार की बात मानेंगे किसान..?, कृषि कानूनों को निलंबित रखने के प्रस्ताव पर किसान यूनियन की बैठक शुरू
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नई दिल्ली: नए कृषि कानूनों को निलंबित रखने के सरकार के प्रस्ताव पर पुनर्विचार करने के लिए यहां सिंघू बॉर्डर पर पंजाब के 32 किसान संघों की बैठक चल रही है. दरअसल, सरकार ने एक दिन पहले किसान नेताओं से कहा था कि कृषि कानूनों को 18 महीने के लिए निलंबित रखने के उसके प्रस्ताव पर सहमत होने की स्थिति में वे शनिवार तक जवाब दें. बाद में आज दिन में, संयुक्त किसान मोर्चा की अहम बैठक भी होनी है.

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संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले 40 किसान संगठन दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं. ऑल इंडिया किसान सभा के उपाध्यक्ष (पंजाब) लखबीर सिंह ने कहा, ‘‘पंजाब के किसान संघों की बैठक चल रही है. बाद में, संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक होगी.’’

किसान नेताओं और सरकार के बीच पिछले 10 चरणों की वार्ता के विपरीत, शुक्रवार को हुई 11वें दौर की वार्ता में दोनों ही पक्ष अपने-अपने रूख पर अड़े रहें. यहां तक कि इसमें बैठक की अगली तारीख के बारे में भी फैसला नहीं हो सका.

सरकार ने बुधवार को पिछले दौर की वार्ता में किसानों के दिल्ली की सीमाओं से अपने घर लौटने की स्थिति में कानूनों को एक से डेढ़ साल के लिए निलंबित रखने तथा समाधान ढूंढ़ने के लिए संयुक्त समिति बनाने की पेशकश की थी.

किसान नेताओं ने हालांकि कहा था कि वे नये कृषि कानूनों को वापस लिए जाने से कम किसी बात पर सहमत नहीं होंगे. किसान नेताओं ने यह भी कहा कि 26 जनवरी को ‘‘ट्रैक्टर परेड’’ योजना के अनुरूप निकाली जाएगी और किसान यूनियनों ने पुलिस से कहा है कि इस दौरान शांति बनाए रखने की जिम्मेदारी सरकार की है.

गणतंत्र दिवस पर सुरक्षा का हवाला देकर पुलिस अधिकारियों ने किसान संगठनों के नेताओं से अनुरोध किया था कि वे दिल्ली से बाहर ट्रैक्टर परेड निकालें. किसान नेताओं ने कहा कि वे दिल्ली में बाहरी रिंग रोड पर ही परेड निकालेंगे और इससे कम पर वे राजी नहीं हैं.

किसान नेताओं की दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के पुलिस अधिकारियों के साथ बातचीत शनिवार को होगी, जिसमें ट्रैक्टर परेड के वैकल्पिक मार्गों पर विचार किया जाएगा.

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को वार्ता के बाद कहा था कि किसान नेताओं के अड़ियल रवैये के लिए बाहरी ‘‘ताकतें’’ जिम्मेदार हैं तथा जब आंदोलन की शुचिता खो जाती है, तो कोई भी समाधान निकलना मुश्किल हो जाता है.

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Published Date: January 23, 2021 4:04 PM IST