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Latest News Update: आंदोलन कर रहे किसानों और मोदी सरकार के तीन मंत्रियों के बीच 8वें राउंड की वार्ता जारी

केंद्र सरकार के तीन कृषि बिलों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन का समाधान निकालने के लिए मोदी सरकार और किसान संगठनों की मीटिंग दिल्‍ली के विज्ञान भवन में चल रही है

Published: January 8, 2021 2:55 PM IST

By India.com Hindi News Desk | Edited by Laxmi Narayan Tiwari

Latest News Update: आंदोलन कर रहे किसानों और मोदी सरकार के तीन मंत्रियों के बीच 8वें राउंड की वार्ता जारी

Farmers protest, farm Laws, kisan andolan, Delhi, modi govt, Piyush Goyal, Narendra Singh Tomar, Centre, kisan union, msp,: केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों के नेताओं (farmer leaders) और केंद्र सरकार के बीच शुक्रवार दोपहर को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में 8वें दौर की बातचीत शुरू हो गई है. किसान प्रतिनिधियों से चर्चा के लिए केद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar), रेल मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) और वाणिज्य राज्य मंत्री सोम प्रकाश मौजूद हैं. इससे पहले इन मंत्रियों ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ उनके घर पर मीटिंग की.

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केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेलवे, वाणिज्य एवं खाद्य मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य राज्य मंत्री तथा पंजाब से सांसद सोम प्रकाश करीब 40 किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ विज्ञान भवन में वार्ता कर रहे हैं.

केंद्र सरकार के साथ हो रही आठवें दौर की वार्ता के लिए हरियाणा- दिल्‍ली बॉर्डर से किसान नेता सिंघु बॉर्डर से विज्ञान भवन पहुंच चुके हैं.

दोनों पक्षों के बीच शुक्रवार दोपहर 2:00 बजे विज्ञान भवन में आठवें दौर की बातचीत प्रस्‍तावित, जो बीते 4 दिसंबर को हुई 7वें वार्ता के दौरान तय हुई थी. दोनों पक्ष एक महीने से जारी गतिरोध को इस 8वीं मीटिंग खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं. बता दें कि किसान आंदोलन का आज 44वां दिन है.


इससे पहले 4 जनवरी को हुई 7वें बैठक बेनतीजा रही थी. अभी तक हुई बातचीत में कोई हल नहीं निकला है. किसान आंदोलन का आज 44वें दिन में आज किसानों की सरकार के साथ 8वें दौर की मीटिंग हो रही है.

चर्चा करेंगे और संभव है कि हम लोग समाधान तक पहुंच पाएंगे: कृषि मंत्री
किसान और केंद्र सरकार के बीच होने वाली 8वें दौर से पहले केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, मुझे पूरी आशा है कि किसान यूनियन के लोग सकारात्मक माहौल में चर्चा करेंगे और संभाव्यता हम लोग समाधान तक पहुंच पाएंगे.

आंदोलन को खत्म कराने की जिम्मेवारी केवल सरकार पर है: टिकैत
वार्ता से पहले प्रमुख किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि अब इस आंदोलन को खत्म कराने की जिम्मेवारी केवल सरकार पर है. हमारे सहयोगी चैनल जी न्यूज से बातचीत में टिकैत ने कहा कि हमारे पास अब कोई फॉर्मूला नहीं है. सरकार के पास फॉर्मूला है, सरकार के पास बहुत ज्ञानी लोग हैं वो लेकर आएंगे. टिकैत ने कहा कि किसान नेताओं ने बता दिया है कि कानून की वापसी, एमएसपी पर कानून और स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के बिना बात नहीं बनेगी. उन्होंने कहा कि इस आंदोलन के दौरान जो किसान शाहिद हुए हैं उनके लिए मौन रखेंगे. किसान ने सरकार से कह दिया है कि हमें ये कानून नहीं चाहिए.

समाधान की उम्‍मीद के साथ वार्ता के लिए जा रहे हैं
तीनों कृषि कानूनों पर केंद्र के साथ 8 वें दौर की वार्ता से पहले विज्ञान भवन के लिए रवाना होते हुए भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा, हम इस आशा के साथ वार्ता के लिए जा रहे हैं कि आज एक समाधान होगा.

किसान यूनियन के नेता सोचकर आएंगे कि समाधान करना है, तो समाधान अवश्य होगा: मंत्री
केंद्रीय कैलाश चौधरी ने कहा, पहले कि वार्ता में किसान यूनियन के नेताओं का विषय था कि हम इसमें सुधार चाहते हैं. सरकार सुधार के लिए तैयार है. मुझे विश्वास है कि आज की वार्ता में वे इस बात को समझेंगे. किसान यूनियन के नेता सोचकर आएंगे कि समाधान करना है, तो समाधान अवश्य होगा.

कुछ अहम घटनाक्रम 
– किसानों ने गुरुवार को कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे ट्रैक्टर रैली भी निकाली थी.
– केंद्र का कहना है कि वह कानूनों को रद्द करने के अलावा किसी भी प्रस्ताव पर विचार करने को तैयार है.
– पहले 4 जनवरी को हुई 7वें बैठक बेनतीजा रही थी.
– 30 दिसंबर को छठे दौर की वार्ता में कुछ सफलता मिली थी
– छठवें दौर की वार्ता में सरकार किसानों की बिजली सब्सिडी और पराली जलाने संबंधी मांगों पर राजी हो गई थी.

ट्रैक्टरों की प्रस्तावित परेड से पहले यह महज एक रिहर्सल है: किसान संगठन
किसानों ने केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ बृहस्पतिवार को प्रदर्शन स्थल-सिंघू, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर और हरियाणा के रेवासन में ट्रैक्टर रैली निकाली थी. प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों ने कहा कि 26 जनवरी को हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से राष्ट्रीय राजधानी में आने वाले ट्रैक्टरों की प्रस्तावित परेड से पहले यह महज एक रिहर्सल है. किसान दिल्ली से लगी सीमाओं पर नवंबर से डटे हैं.

सरकार और किसान संगठनों के बीच ये है मुद्दा
पिछले साल सितंबर 2020 में लागू हुए तीनों कानूनों को केंद्र सरकार ने कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के तौर पर पेश किया है. सरकार का कहना है इन कानूनों के आने से बिचौलिए की भूमिका खत्म हो जाएगी और किसान अपनी उपज देश में कहीं भी बेच सकेंगे. दूसरी तरफ, प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों का कहना है कि इन कानूनों से एमएसपी का सुरक्षा कवच खत्म हो जाएगा और मंडियां भी खत्म हो जाएंगी और खेती बड़े कॉरपोरेट समूहों के हाथ में चली जाएगी.

दिल्‍ली में ट्रैफिक डाईवर्ट का अलर्ट
यातायात पुलिस के अधिकारी लगातार ट्विटर पर लोगों को बंद एवं परिवर्तित मार्गों की जानकारी दे रहे हैं. यातायात पुलिस ने मंगलवार को सिलसिलेवार ट्वीट में बताया कि सिंघू, औचंदी, प्याऊ मनियारी, सबोली और मंगेश बॉर्डर बंद हैं. ट्रैफि‍क पुलिस ने कहा कि कृपया लामपुर, सफियाबाद, पल्ला और सिंघू स्कूल टोल टैक्स बार्डर से होकर जाएं. मुकरबा और जीटेके रोड पर भी यातायात परिवर्तित किया गया है. आउटर रिंग रोड, जीटीके रोड और एनएच-44 पर जाने से भी बचें.

दिल्‍ली के कई बॉर्डर बंद
ट्रैफि‍क पुलिस ने कहा कि चिल्ला और गाजीपुर बॉर्डर नोएडा तथा गाजीपुर से दिल्ली आने वाले लोगों के लिए बंद है. कृपया आनंद विहार, डीएनडी, अप्सरा, भोपुरा और लोनी बॉर्डर से होकर दिल्ली आएं. ट्रैफि‍क पुलिस ने कहा कि टिकरी, ढांसा बॉर्डर पर यातायात पूरी तरह बंद है.

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