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फारूक अब्दुल्ला बोले- कोर्ट के बाहर निकले अयोध्या मसले का हल, मैं भी पत्थर लगाने जाऊंगा
अयोध्या में राममंदिर निर्माण को लेकर नेशनल कांफ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला ने बड़ा बयान दिया है.
नई दिल्ली: अयोध्या में राममंदिर निर्माण को लेकर नेशनल कांफ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला ने बड़ा बयान दिया है. सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को नई बेंच के गठन के एलान के बाद फारूक ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अयोध्या मसले का हल बातचीत से निकाला जाना चाहिए. इस मामले को कोर्ट में क्यों ले जाया गया. मुझे पूरी उम्मीद है कि कोर्ट के बाहर ही इस मसले का हल बातचीत से निकलेगा.
उन्होंने कहा कि भगवान राम पूरे विश्व के हैं केवल हिन्दुओं के नहीं. अब्दुल्ला ने कहा कि भगवान राम से किसी को बैर नहीं है और न ही होना चाहिए. कोशिश करनी चाहिए सुलझाने की और बनाने की जिस दिन ये हो जाएगा मैं भी एक पत्थर लगाने जाऊंगा. उन्होंने कहा कि जल्द ही समाधान होना चाहिए.
Farooq Abdullah on Ayodhya issue: Bhagwan Ram se kisi ko baer nahi hai na hona chahiye. Koshish karni chahiye suljhane ki aur banane ki. Jis din ye ho jayega main bhi ek patthar lagane jaaonga. Jaldi samadhaan hona chahiye https://t.co/eIBPpvpr8G
— ANI (@ANI) January 4, 2019
बता दें कि शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उसके द्वारा गठित एक उपयुक्त पीठ राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि मालिकाना विवाद मामले की सुनवाई की तारीख तय करने के लिए 10 जनवरी को आदेश देगी. प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति एस के कौल की पीठ ने कहा, ‘एक उपयुक्त पीठ मामले की सुनवाई की तारीख तय करने के लिए 10 जनवरी को आगे के आदेश देगी.
सुनवाई के लिए मामला सामने आते ही प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि यह राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामला है और इसपर आदेश पारित किया. अलग-अलग पक्षों की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता हरिश साल्वे और राजीव धवन को अपनी बात रखने का कोई मौका नहीं मिला. मामले की सुनवाई 30 सेकेंड भी नहीं चली. मामला प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की पीठ के सामने सूचीबद्ध था. हाईकोर्ट ने इस विवाद में दायर चार दीवानी वाद पर अपने फैसले में 2.77 एकड़ भूमि का सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला के बीच समान रूप से बंटवारा करने का आदेश दिया था.
अनेक हिन्दु संगठन विवादित स्थल पर राम मंदिर का यथाशीघ्र निर्माण करने के लिए अध्यादेश लाने की मांग कर रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा था कि अयोध्या में राम मंदिर के मामले में न्यायिक प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही अध्यादेश लाने के बारे में निर्णय का सवाल उठेगा.
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