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S-400 की खरीदी अमेरिका की 'आपत्‍त‍ि' को लेकर भारत का जवाब- हम एक स्वतंत्र विदेश नीति अपनाते हैं

रूस के साथ भारत के एस-400 मिसाइल सौदे पर अमेरिका की नाखुशी पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने साफ कहा, हम एक स्वतंत्र विदेश नीति अपनाते हैं, यह हमारे रक्षा अधिग्रहण पर भी लागू होता है

Published: January 28, 2022 6:20 PM IST

By India.com Hindi News Desk | Edited by Laxmi Narayan Tiwari

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रूस के साथ भारत के एस-400 मिसाइल सौदे पर अमेरिका की नाखुशी पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने साफ कहा, हम एक स्वतंत्र विदेश नीति अपनाते हैं.

S-400 missile defense system: नई दिल्ली: रूस (Russia) से एस-400 मिसाइल प्रतिरक्षा प्रणाली (S-400 missile defense system) की खरीद पर अमेरिका (US) द्वारा चिंता व्यक्त (displeasure over India’s S-400 missile deal with Russia) करने के बीच भारत ने आज शुक्रवार को स्पष्ट किया कि वह स्वतंत्र विदेश नीति का अनुसरण करता है जो रक्षा खरीद एवं आपूर्ति पर भी लागू होती है और राष्ट्रीय सुरक्षा हितों के तहत मार्गदर्शित होते हैं. रूस के साथ भारत के एस-400 मिसाइल सौदे पर अमेरिका की नाखुशी पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने आज साफ कहा, भारत और अमेरिका के बीच व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी है. भारत और रूस के बीच विशेष रणनीतिक साझेदारी है. हम एक स्वतंत्र विदेश नीति अपनाते हैं, यह हमारे रक्षा अधिग्रहण पर भी लागू होता है.

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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने सप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग में यह बात कही. उनसे अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के उस बयान के बारे में पूछा गया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि रूस से भारत द्वारा एस-400 मिसाइल प्रतिरक्षा प्रणाली की खरीद को लेकर अमेरिका की चिंताओं में कोई बदलाव नहीं आया है .

बागची ने कहा, ”अमेरिका और भारत के बीच समग्र वैश्विक सामरिक गठजोड़ है. वहीं, रूस के साथ भारत का विशेष एवं विशेषाधिकार प्राप्त सामरिक गठजोड़ है.”

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ”हम स्वतंत्र विदेश नीति का अनुसरण करते हैं. यह हमारे रक्षा खरीद और आपूर्ति पर भी लागू होती है और राष्ट्रीय सुरक्षा हितों के तहत मार्गदर्शित होती हैं.”

बता दें कि अमेरिका ने कहा है कि रूस का भारत को एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली बेचना क्षेत्र में और संभवत: उससे परे भी अस्थिरता पैदा करने में मॉस्को की भूमिका को प्रदर्शित करता है. अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने बृहस्पतिवार को अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘एस-400 प्रणाली को लेकर जो हमारी चिंताएं है, उनमें कोई बदलाव नहीं आया है. मुझे लगता है कि यह क्षेत्र में और संभावित रूप से उससे परे अस्थिरता पैदा करने में रूस की भूमिका को उजागर करता है.’

अमेरिका भारत द्वारा रूस से मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदे जाने पर कई बार चिंता व्यक्त कर चुका है. भारत ने जोर देकर कहा है कि उसके फैसले उसकी राष्ट्रीय सुरक्षा के हित पर आधारित हैं.

गौरतलब है कि भारत ने अक्तूबर 2018 में रूस के साथ एस-400 मिसाइल प्रतिरक्षा प्रणाली के पांच इकाई की खरीद के सौदे पर हस्ताक्षर किए थे. हालांकि, उस अमेरिका की ट्रंप सरकार ने इस सौदे पर आगे बढ़ने पर प्रतिबंध लगाने की चेतावनी दी थी.

विदेश मंत्रालय ने कहा, भारत-चीन कमांडर-स्तरीय बैठक का 14वां दौर इसी साल 12 जनवरी को एलएसी आयोजित किया गया था. वार्ता का दौर जल्द से जल्द हो…आखिरी बातचीत में दोनों पक्षों ने सहमति जताई शेष मुद्दों के समाधान से शांति और शांति बहाल करने में मदद मिलेगी. विदेश मंत्रालय ने कहा, द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति को सक्षम करने के लिए, दोनों पक्ष निकट संपर्क में रहने, सैन्य और राजनयिक चैनलों के माध्यम से बातचीत बनाए रखने और शेष मुद्दों के पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान पर जल्द से जल्द काम करने पर सहमत हुए.  (इनपुट: भाषा)

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Published Date: January 28, 2022 6:20 PM IST