
जमानत मिलने के बाद जिग्नेश मेवानी फिर अरेस्ट, पीएम मोदी के खिलाफ ट्वीट को लेकर हैं मुश्किल में
नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के खिलाफ ट्वीट करने पर अरेस्ट हुए निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवानी (Jignesh Mevani) को राहत मिली थी, लेकिन उन्हें फिर से अरेस्ट कर लिया गया.

कोकराझार (असम): गुजरात के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवानी (Jignesh Mevani) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के खिलाफ ट्वीट से संबंधित एक मामले में यहां की एक अदालत द्वारा जमानत दिए जाने के बाद असम पुलिस ने उन्हें अधिकारियों पर हमला करने के आरोप में फिर से गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने बताया कि कांग्रेस समर्थित विधायक मेवानी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.
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इससे पहले दिन में कोकराझार की एक अदालत ने प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ उनके ट्वीट से जुड़े मामले में उन्हें जमानत दे दी थी. गुजरात के विधायक के खिलाफ कोकराझार में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद उन्हें 19 अप्रैल को गुजरात के पालनपुर शहर से गिरफ्तार किया गया था. जिग्नेश को असम की पुलिस ने गुजरात से अरेस्ट किया था. असम में एक बीजेपी कार्यकर्ता द्वारा ट्वीट को लेकर मुकदमा दर्ज कराने के बाद असम पुलिस गुजरात पहुंची थी.
असम में कोकराझार की एक अदालत ने गुजरात के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवानी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ किए गए ट्वीट से जुड़े मामले में जमानत दी थी. कोकराझार प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट भावना काकोटी ने उन्हें कई शर्तों के साथ जमानत दी है, जिसके विवरण की प्रतीक्षा है.
सुनवाई के बाद मेवानी को वापस कोकराझार जेल ले जाया गया और उनके वकीलों ने कहा कि जमानत बांड से संबंधित औपचारिकताओं को पूरा किया जा रहा है. मेवानी को 19 अप्रैल को गुजरात के पालनपुर शहर से गिरफ्तार किया गया था. उनके एक ट्वीट को लेकर कोकराझार थाने में एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी जिसमें उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी “गोडसे को भगवान मानते हैं.’ विधायक को ट्रांजिट रिमांड पर कोकराझार लाया गया था और कोकराझार के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने 21 अप्रैल को उन्हें तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया था.
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