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Monkeypox: भारत के कुछ हिस्सों से मंकीपॉक्स के मामले सामने आने के कुछ दिनों बाद, केंद्र सरकार ने मंकीपॉक्स वायरस के खिलाफ एक टीका विकसित करने के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (EOE) आमंत्रित किया है. भारत सरकार ने मंकीपॉक्स परीक्षण के लिए 15 प्रयोगशालाओं को नामित किया है. ओडिशा के सार्वजनिक स्वास्थ्य निदेशक ने कहा,हमने आईसीएमआर-आरएमआरसी, भुवनेश्वर से इन नमूनों के परीक्षण की सुविधा के लिए कहा है.वे सैंपल को नजदीकी लैब में भेजेंगे.हमने कुछ मेडिकल कॉलेजों को कुछ बेड उपलब्ध कराने के लिए कहा है.
केंद्र सरकार ने मंकीपॉक्स के खिलाफ वैक्सीन विकसित करने और इस संक्रमण के निदान के लिए डायग्नोस्टिक किट के विकास में संयुक्त सहयोग के लिए अनुभवी वैक्सीन निर्माताओं, और इन-विट्रो डायग्नोस्टिक (आईवीडी) किट निर्माताओं से ईओआई को आमंत्रित किया है.ईओआई जमा करने की अंतिम तिथि 10 अगस्त है.
बता दें कि भारत में अबतक मंकीपॉक्स के 4 मामले सामने आए- 3 केरल से और 1 दिल्ली से. सभी राज्यों के लिए सतर्क रहना जरूरी है. उच्च जोखिम वाले देशों की यात्रा के इतिहास वाले लोगों को सतर्कता पर रखने के लिए सभी जिलों को सलाह जारी की है.
मंकीपॉक्स के को लेकर केंद्र सरकार की ओर से पहले ही दिशा-निर्देश जारी किए हैं. इन दिशा-निर्देशों में 21 दिन का आइसोलेशन, मास्क पहनना, हाथ साफ रखना, घावों को पूरी तरह से ढककर रखना और उनके पूरी तरह से ठीक होने का इंतजार करना शामिल है. बता दें कि ये दिशानिर्देश मई में जारी किए गए थे और दिल्ली सरकार ने अपने अस्पतालों और 11 राजस्व जिलों को उनका पालन करने का निर्देश दिया था.
दुनियाभर में मंकीपॉक्स का खतरा लगातार बढ़ रहा है. इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रमुख टेडरोस अदनहोम गेब्रेहेसुस ने सलाह दी है कि जिन पुरुषों को मंकीपॉक्स का जोखिम है वे फिलहाल यौन साथियों की संख्या सीमित रखने पर विचार करें. पिछले दिनों ही डब्ल्यूएचओ ने मंकीपॉक्स महामारी को वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया था.
मंकीपॉक्स में आमतौर पर बुखार, सिरदर्द, तीन सप्ताह तक चकत्ते, गले में खराश, खांसी और फफोले होते हैं. लक्षणों में घाव शामिल हैं, जो आमतौर पर बुखार की शुरुआत के एक से तीन दिनों के भीतर शुरू होते हैं, लगभग दो से चार सप्ताह तक रहते हैं और अक्सर उपचार जारी रहने तक पीड़ादायक होते है. इनमें खुजली भी होती है. मंकीपॉक्स के वायरस का हथेली और तलवों में विशेष प्रभाव दिखता है.
गे-बाइसेक्सुअल लोगों को ज्यादा खतरा
‘न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन’ में छपे एक रिसर्च के मुताबिक, 95 प्रतिशत मामले यौन गतिविधि के माध्यम से प्रसारित हुए और संक्रमित लोगों में से 98 प्रतिशत समलैंगिक या बाईसेक्शुअल (पुरुषों व महिलाओं दोनों से संबंध बनाने वाले) पुरुष थे. रिसर्च में 528 संक्रमितों पर अध्ययन किया गया है.
मंकीपॉक्स वायरस के कारण होने वाला एक जूनोटिक रोग है, जो वायरस के एक ही परिवार से संबंधित है जो चेचक का कारण बनता है. डब्ल्यूएचओ के अनुसार, यह रोग पश्चिम और मध्य अफ्रीका जैसे क्षेत्रों में स्थानिक है, लेकिन हाल ही में गैर-स्थानिक देशों से भी मामले सामने आए हैं.
भारत में, दिल्ली के एक 34 वर्षीय व्यक्ति, जिसका विदेश यात्रा का कोई इतिहास नहीं है, रविवार को उसमें मंकीपॉक्स के लक्षण मिले हैं और उसकी जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. जिसक बाद देश में मंकीपॉक्स के मामलों की संख्या चार हो गई है इससे पहले केरल में मंकीपॉक्स के तीन मामले सामने आए थे.
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