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मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस: सिर्फ नेगेटिव ही नहीं पॉजिटिव बातों पर भी ध्यान दें- नीतीश कुमार
जेडीयू ने कहा कि बिहार सरकार उच्चतम न्यायालय की निगरानी में भी जांच को तैयार है
नई दिल्ली: बिहार के मुजफ्फरपुर बालिका आश्रय गृह बलात्कार मामले पर रविवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आरोपियों के खिलाफ कड़ा एक्शन लेने की बात कही. इसके साथ ही नीतीश ने लोगों से सरकार के अच्छे कामों पर भी ध्यान देने को कहा.
नीतीश ने कहा, ”जरा पॉजिटिव बातों को भी आप लोग देख लें, एक आधी कोई नेगेटिव घटना हो गई उसी को लेकर चल रहे हैं. जो गड़बड़ करेगा वो अंदर जाएगा, उसको बचाने वाला भी नहीं बचेगा, वो भी अंदर जाएगा. हम किसी को बख्शने वाले नहीं हैं, आज तक नहीं किया है कोई समझौता, बाकी हम ही को गाली देना है तो दीजिए, कैसे कैसे लोगों से गाली दिलवा रहे हैं.”
Zara positive feed par bhi aap log kripa karke dekh lein. Ek aad negative cheez hogya usi ko lekar chal rahe hain. Jo gadbad karega vo andar jaega. Usko bachaane wala bhi nahi bachega, vo bhi andar jaega: Bihar CM Nitish Kumar pic.twitter.com/P27QIs5xq1
— ANI (@ANI) August 5, 2018
इस मामले पर विपक्ष द्वारा नीतीश कुमार के इस्तीफे की मांग पर जनता दल (यूनाइटेड) ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस्तीफा नहीं देंगे और पार्टी उच्चतम न्यायालय की निगरानी में मामले की जांच को तैयार है. नीतीश कुमार के इस्तीफे की मांग को खारिज करते हुए वरिष्ठ जदयू नेता के सी त्यागी ने शनिवार को जंतर मंतर पर आरजेडी द्वारा आयोजित प्रदर्शन में शामिल होने पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सहित विपक्षी नेताओं की निन्दा की. उन्होंने कहा कि बिहार में हुई दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक घटना से राजनीतिक लाभ उठाने के लिए यह संबंधित दलों का एक मित्रता दिवस था.
Hum kisiko bakshne wale nahi hain. Aaj tak nahi kiya hai koi samjhauta. Baaki hum hi ko gaali dena hai toh dijiye. Kaise kaise logon se gaali dilwa rahe hain: Bihar CM Nitish Kumar pic.twitter.com/FM93YmsLrP
— ANI (@ANI) August 5, 2018
त्यागी ने कहा, ‘‘बच्चियों से बलात्कार एनडीए सरकार और नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार सरकार के खिलाफ विपक्षी दलों के लिए एकता और नीतीश कुमार का इस्तीफा मांगने का मुद्दा कैसे हो सकता है. बिहार में असहाय पीड़िताओं को लेकर यह राजनीति अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण चीज है.’’
उन्होंने कहा कि विपक्ष की मांग के बावजूद नीतीश बिहार के मुख्यमंत्री पद से कभी इस्तीफा नहीं देंगे. त्यागी ने विपक्षी दलों को चुनौती दी कि वे नीतीश कुमार को विधानसभा में अपदस्थ करके दिखाएं.
उन्होंने कहा, ‘‘नीतीश एक संवेदनशील व्यक्ति हैं और घटना को लेकर लज्जित महसूस कर रहे हैं जिसे विपक्षी दल उनकी अंतरात्मा पर चोट करने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं. लेकिन वह कभी भी इस्तीफा नहीं देंगे, हम उन्हें ऐसा नहीं करने देंगे.’’ जदयू नेता ने कहा कि नीतीश के इस्तीफे की मांग बालू माफिया और शराब माफिया की मदद पर केंद्रित है जिन पर राज्य सरकार ने प्रभावी तरीके से रोक लगाई है.
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त्यागी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की आलोचना की और कहा कि जंतर मंतर पर राजद के विरोध प्रदर्शन में उनका शामिल होना दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा, ‘‘मैं सीताराम येचुरी और डी राजा की भी निन्दा करता हूं जिन्होंने एक समय पर जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) छात्रसंघ के अध्यक्ष रहे चंद्रशेखर और पूर्णिया के विधायक अजीत सरकार की हत्याओं को भुला दिया और राजद के प्रदर्शन में शामिल हो गए.’’
जदयू के राज्यसभा सदस्य और पार्टी प्रवक्ता त्यागी ने कहा कि नीतीश कुमार ने मामले की जांच की निगरानी के लिए पटना उच्च न्यायालय को लिखा था और जोर दिया कि पार्टी यहां तक कि उच्चतम न्यायालय की निगरानी में भी जांच को तैयार है. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार ने आरोपी के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की और राजद तथा विपक्षी दलों की इच्छा के अनुरूप घटना की सीबीआई जांच की सिफारिश की.
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त्यागी ने कहा कि तब भी विपक्षी दल घटना का इस्तेमाल झूठ फैलाने के लिए कर रहे हैं तथा राजनीतिक उद्देश्यों और बालू एवं शराब माफिया, जिन पर राज्य की नीतीश सरकार ने प्रभावी रोक लगाई है, की मदद के लिए षड्यंत्र की कहानियां गढ़ रहे हैं.
जदयू नेता ने आरोप लगाया कि विपक्षी दल जदयू और नीतीश कुमार को हटाकर राज्य में ‘‘अराजकता’’ तथा ‘‘जंगल राज’’ की वापसी चाहते हैं. त्यागी ने यह मांग भी की कि देश में बच्चों से सबंधित सभी आश्रय गृहों की जांच उच्चतम न्यायालय की समिति की निगरानी में कराई जानी चाहिए.