महिला भक्‍त से रेप में दोषी नारायण सांई को कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद

तथाकथित धर्म उपदेशक और कथावाचक पि‍ता आसाराम भी दुष्‍कर्म के मामले में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहा है

Updated: April 30, 2019 9:46 PM IST

By India.com Hindi News Desk | Edited by Laxmi Narayan Tiwari

महिला भक्‍त से रेप में दोषी नारायण सांई को कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद
सूरत जिले की सत्र अदालत ने जेल में बंद प्रवचनकर्ता आसाराम के बेटे नारायण सांई को साल 2013 में अपनी एक महिला भक्त के साथ रेप के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. (फाइल फोटो)

अहमदाबाद: गुजरात के सूरत जिले की सत्र अदालत ने जेल में बंद प्रवचनकर्ता आसाराम के बेटे नारायण सांई को साल 2013 में अपनी एक महिला भक्त के साथ रेप के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. बता दें कि कोर्ट ने इस मामले में बीते शुक्रवार को दोषी करार दिया था और उसे इस मामले में 30 अप्रैल को सजा सुनाना तय किया था. इसके साथ ही अदालत ने उसपर पांच लाख रुपए जुर्माना भी लगाया है. इससे पहले सत्र न्यायालय ने शुक्रवार को उसे दोषी ठहराया था. नारायण सांई के अलावा मामले में दोषी ठहराए गए उसके तीन अन्य सहयोगियों गंगा, जमुना और हनुमान को 10-10 साल की कारावास की सजा सुनाई गई और 5-5 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है. उसके ड्राइवर को पांच वर्ष की सजा सुनाई गई है और 500 रुपए का जुर्माना लगाया गया है. नारायण सांई के वकील ने पत्रकारों से कहा कि सजा सुनाए जाने के बाद वह अगले 60 दिनों के अंदर जमानत पर अपनी रिहाई के लिए उच्च न्यायालय में अपील कर सकते हैं.

उपदेशक और तथाकथित धर्मगुरु आसाराम का 47 साल का बेटा साल 2013 से लाजपोर जेल में बंद है. बता दें कि आसाराम जोधपुर में बलात्कार के एक दूसरे मामले में दोषी पाया जा चुका है और वह आजीवन कारावास की सजा भुगत रहा है और सूरत में रहने वाली महिला के द्वारा दायर मामला गांधी नगर अदालत में चल रहा है. अपर सत्र न्यायाधीश पीएस गढ़वी ने मंगलवार को इन दोषियों को सजा सुनाई. रेप के लिए कम से कम दस साल और अधिकतम आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है.

कोर्ट ने नारायण सांई अलावा तीन महिलाओं सहित चार सहयोगियों को भी दोषी पाया है. बता दें कि इस मामले में कुल 11 आरोपी थे और इनमें से छह को बरी कर दिया गया है. सांई को आईपीसी के धारा 376 (बलात्कार), 377 (अप्राकृतिक दुराचार), 323 (हमला), 506-2 (आपराधिक धमकी) और 120-ख(षडयंत्र) के तहत दोषी पाया गया. सांई को दिसम्बर 2013 में दिल्ली हरियाणा बार्डर पर गिरफ्तार किया गया था. जब वह जेल में था, तो सूरत पुलिस ने दावा किया था कि उसने मामले को कमजोर बनाने के लिए पुलिस अधिकारियों, डॉक्टरों और यहां तक कि न्यायिक अधिकारियों को रिश्वत देने की कोशिश की.

सांई के सहयोगियों धर्मिष्ठा उर्फ गंगा, भावना उर्फ जमुना और पवन उर्फ हनुमान को साजिश रचने का दोषी पाया गया है. सांई का ड्राइवर राजकुमार उर्फ रमेश मल्होत्रा को आईपीसी की धारा 212 (हमलावर को शरण देना) के तहत दोषी पाया गया है.

साधिका कही जाने वालीं गंगा और जमुना पर आरोप था कि उन्होंने पीडि़ता को गलत तरीके से कैद करके रखा और सांई के निर्देश पर उससे मारपीट की. उन पर यह भी आरोप लगाया गया था कि उन्होंने सांई के साथ रिश्ता कायम करने के लिए पीड़िता का ब्रेनवॉश किया. साधक हनुमान पर पीड़िता को बहलाने सहित सांई के कमरे में ले जाने का आरोप था.

सूरत पुलिस ने सांई के खिलाफ 2014 में 1,100 पन्नों का आरोप पत्र दायर किया था. साल 2013 में आसाराम की गिरफ्तारी के बाद सूरत की दो बहनों ने 2013 में पुलिस में दर्ज अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि आसाराम बापू और नारायण सांई ने उनका यौन उत्पीड़न किया था. इनमें से एक बड़ी बहन ने आरोप लगाया कि जब वह उसके अहमदाबाद के आश्रम में रह रही थी, तो 1997 से 2006 के बीच आसाराम ने उसके साथ रेप किया. छोटी बहन ने आरोप लगाया था कि सूरत के जहांगीपुरा इलाके में बने आश्रम में 2002 से 2005 के बीच रहने के दौरान नारायण सांई ने उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया.

Also Read:

ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें. India.Com पर विस्तार से पढ़ें India Hindi की और अन्य ताजा-तरीन खबरें

By clicking “Accept All Cookies”, you agree to the storing of cookies on your device to enhance site navigation, analyze site usage, and assist in our marketing efforts Cookies Policy.