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New Parliament Building Inauguration: संसद भवन की नई बिल्डिंग के उद्घाटन को लेकर विवाद अब भी थमा नहीं है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार 28 मई को नई पार्लियामेंट बिल्डिंग का उद्घाटन करेंगे. विपक्ष लोकतंत्र की दुहाई देकर कह रहा है कि इसका उद्घाटन राष्ट्रपति के द्वारा होना चाहिए. अपनी इस मांग को लेकर विपक्ष ने उद्घाटन समारोह का बहिष्कार किया है. इस बीच सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी लगाई गई. इस याचिका में मांग की गई कि पार्लियामेंट की नईं बिल्डिंग का उद्घाटन राष्ट्रपति के हाथों ही होना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया है और याचिकाकर्ता की मंशा पर भी प्रश्नचिन्ह खड़े किए.
सुप्रीम कोर्ट ने आज यानी शुक्रवार 26 मई को याचिका पर सुनवाई करते हुए इसे खारिज कर दिया. याचिकाकर्ता का कहना था कि संविधान के मुताबिक राष्ट्रपति संसद का अनिवार्य हिस्सा हैं, इसलिए उन्हें ही नई पार्लियामेंट बिल्डिंग का उद्घाटन करना चाहिए. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, यह हमारी समझ से परे है कि आप इस मसले पर कोर्ट क्यों आए हैं. ये मसला आर्टिकल 32 के तहत सुनवाई लायक नहीं हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा, ‘गनीमत समझिए कि हम आप पर जुर्माना नहीं लगा रहे हैं.’ सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद वकील ने संविधान के दूसरे प्रावधानों का हवाला दिया. उन्होंने राष्ट्रपति को मिले अधिकारों के बारे में बात की. उन्होंने कहा, संसद संस्था के हेड राष्ट्रपति हैं. उन्हें ही सत्र बुलाने का अधिकार है.’
इस पर कोर्ट ने कहा, ‘संसद भवन के उद्घाटन का इससे क्या संबंध है.’ सुप्रीम कोर्ट की इस टिप्पणी के बाद वकील ने याचिका वापस लेने की इजाजत मांगी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘हमें आशंका है कि याचिका वापस लेने की इजाजत मिलने पर वह दोबारा हाईकोर्ट जा सकते हैं.’ कोर्ट ने वकील से इस संबंध में पूछा तो उन्होंने इनकार किया. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया.
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