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नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि ‘लव जिहाद’ (Love Jihad) मौजूदा कानूनों के तहत परिभाषित नहीं है और इससे जुड़ा कोई मामला केंद्रीय एजेंसियों के संज्ञान में नहीं आया है. केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी. रेड्डी ने कहा कि संविधान का अनुच्छेद किसी भी धर्म को स्वीकारने, उस पर अमल करने और उसका प्रचार-प्रसार करने की आजादी देता है. उन्होंने कहा कि केरल उच्च न्यायालय सहित कई अदालतों ने इस विचार को सही ठहराया है.
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रेड्डी ने कहा, ‘‘यह ‘लव जिहाद’ शब्द मौजूदा कानूनों के तहत परिभाषित नहीं है. लव जिहाद का कोई मामला केंद्रीय एजेंसियों के संज्ञान में नहीं आया है.’’ उन्होंने कहा कि एनआईए ने केरल में अलग अलग धर्मों के जोड़ों के विवाह के दो मामलों की जांच की है.
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बता दें कि कुछ समय पहले लव जिहाद को लेकर जमकर बवाल मचा था. एक समुदाय पर दूसरे समुदाय की लड़कियों को फंसाकर शादी कर के धर्म परिवर्तन के आरोप लगाए गए थे. भारतीय जनता पार्टी ने इस मुद्दे को न सिर्फ उठाया था बल्कि चुनावों में भी इसका इस्तेमाल किया था. केरल का मामला सबसे चर्चित रहा था. सारा अली खान और सुशांत सिंह राजपूत की फिल्म ‘केदारनाथ’ और सलमान खान की फिल्म ‘बजरंगी भाईजान’ तक पर लव जिहाद को बढ़ावा देने के आरोप लगा दिए गए थे.
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