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शाहीन बाग़ में प्रदर्शन के कारण बंद नोएडा-फरीदाबाद मार्ग खुला, 69 दिन से बंद था रास्ता
नागरिकता क़ानून और एनआरसी के विरोध में हो रहे प्रदर्शन के कारण बंद नोएडा-फरीदाबाद मार्ग खुल गया है.
नई दिल्ली: नागरिकता क़ानून (Citizenship Amendment Act) और एनआरसी (National Register of Citizenship) के विरोध में हो रहे प्रदर्शन के कारण बंद नोएडा-फरीदाबाद सड़क खुल (Noida-Faridabad Road Reopened) गई है. आज ये मार्ग खोल दिया गया है. ये सड़क 69 दिन बाद खोली गई है. इतने दिनों से जामिया इलाके में शाहीन बाग़ (Shaheen Bagh) में किये जा रहे प्रदर्शन के कारण बंद थी.
बता दें कि शाहीन बाग़ से पिछले 69 दिनों से नागरिकता क़ानून और एनआरसी के विरोध में प्रदर्शन किया जा रहा है. प्रदर्शन स्थल पर बड़ी संख्या में महिलाएं मौजूद रहती हैं. प्रदर्शन का नेतृत्व महिलाएं ही करती आ रही हैं.
Noida-Faridabad road has been reopened. It was shut for the last 69 days due to ongoing anti-CAA/NRC protest in Shaheen Bagh in Delhi
— ANI (@ANI) February 21, 2020
शाहीन बाग़ में प्रदर्शन के कारण बंद सड़कों का मामला सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) पहुंच चुका है. सुप्रीम कोर्ट ने बंद सड़क को खुलवाने और मामले को सुलझाने के लिए तीन वार्ताकार नियुक्त किये थे. पिछले दो दिन से वार्ताकार प्रदर्शनकारियों से बातचीत करने पहुंच रहे थे. वार्ताकार प्रदर्शनकारियों से मुलाकात की थी. ये वार्ताकार वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े, साधना रामचंद्रन हैं. वार्ताकारों में पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त वजाहत हबीबुल्लाह भी शामिल हैं.
संजय हेगड़े ने प्रदर्शनकारियों से बातचीत करते हुए कहा था कि हम यहां सुप्रीम कोर्ट ने आदेश पर आए हैं. हमें उम्मीद है कि सभी के सहयोग से मामले को सुलझाएं. इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि हम मामले का समाधान निकाल बड़ा उदाहरण प्रस्तुत कर सकते हैं.
शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों ने कहा था कि “वार्ताकारों का हम स्वागत करते हैं और उनकी बात भी सुनेंगे, लेकिन हमारी मांग यही होगी कि सरकार सीएए और एनआरसी को वापस ले. साथ ही अभी तक जितने भी प्रदर्शनकारियों पर मुकदमा दर्ज किया गया है, उनको हटाया जाए और उत्तर प्रदेश में जिस तरह बच्चों की हत्या हुई है, उनके परिवार को मुआवजा मिले या पेंशन मिले. सरकार अगर हमारी मांगें पूरी नहीं करती है तो हम ऐसे ही बैठे रहेंगे. नागरिकता क़ानून गैर संवैधानिक है. इसे हर हाल में वापस लेना चाहिए. इसके साथ ही केंद्र सरकार लिखित आश्वासन दे कि एनआरसी पूरे देश में लागू नहीं किया जाएगा.”
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