
Omicron In India: कोरोना-ओमिक्रॉन से जूझ रहा है देश, कर्नाटक में मिली ये चौंकाने वाली जानकारी, जानिए
कोरोना की दूसरी लहर में कोरोना के वेरिएंट डेल्टा ने कहर बरपाया था. अब तीसरी लहर में जहां देश में कोरोना और ओमिक्रॉन से परेशानी बढ़ी है वहीं कर्नाटक में मिली है चौंकाने वाली जानकारी, जानिए

Omicron In India:देश में कोरोना के नए मामलों में थोड़ी गिरावट देखी जा रही है, तीन लाख पहुंची कोरोना के नए मरीजों की संख्या थोड़ी सी घटकर अब दो लाख से ज्यादा तो हुई है, लेकिन कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के संक्रमित मरीजों की संखया भी बढ़ रही है. कहा जा रहा है कि कई राज्यों में ओमिक्रॉन का कम्यूनिटी ट्रांसमिशन शुरू हो गया है. देश में हर दिन कोरोना के नए केस दो लाख को पार कर रहे हैं. कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच कर्नाटक से एक डराने वाली जानकारी सामने आई है. बता दें कि पिछले 24 घंटे में कर्नाटक में कोरोना के 38,083 नए मामले सामने आए जबकि 49 मरीज़ों की मौत हुई है.
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डेल्टा ने कर्नाटक में बढ़ा दी है चिंता
कर्नाटक में कोरोना मामलों में जो तेजी देखने को मिल रही है, उसका कारण ओमिक्रॉन ना होकर डेल्टा वैरिएंट हैं, जिसने अब चिंता बढ़ा दी है. अभी राज्य में कोरोना के 40 हजार के करीब मामले सामने आ रहे हैं मौत भी ज्यादा हो रही है. कोरोना का नया एपीसेंटर कर्नाटक भी सभी को चिंता में डाल रहा है. हैरानी की बात ये है कि यहां पर ओमिक्रॉन का खतरा कम है. आंकड़े बताते हैं कि कर्नाटक में मामले जरूर ज्यादा आ रहे हैं, लेकिन उसका कारण ओमिक्रॉन ना होकर डेल्टा वेरिएंट है. इसी डेल्टा वैरिएंट ने देश में दूसरी लहर में तबाही मचाई थी, कर्नाटक में अभी भी वही वैरिएंट ज्यादा सक्रिय है.
तीसरी लहर में भी एक्टिव है डेल्टा
कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री डॉ के सुधाकर के मुताबिक कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान कहर बरपाने वाला घातक डेल्टा स्वरूप कर्नाटक में कोविड की तीसरी लहर में भी हावी है. मंत्री ने ट्वीट करते हुए जानकारी दी है कि कर्नाटक में छह हजार नमूने जिनका जीनोम सिक्वेंसिंग किया गया उनसे स्पष्ट हुआ है कि इनमें तीन चौथाई मामले डेल्टा और उसके ही वेरिएंट के हैं और इसके बाद ओमीक्रोन स्वरूप का स्थान है.
सुधाकर की ओर से साझा किए गए आंकड़ों से पता चलता है कि मौजूदा तीसरी लहर के दौरान जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए इस्तेमाल किए गए 6,000 नमूनों में से 73.89 प्रतिशत डेल्टा और इसके उपवंश के स्वरूपों, जबकि केवल 18.59 फीसदी मामले ओमीक्रोन के थे. इसके अलावा 4.77 फीसदी मामले इटीए, कप्पा और पेंगों जबकि 2.6 फीसदी अल्फा/बी1.1.7 और 0.13 फीसदी बीटा/बी.1.351. के थे.
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