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तो क्या विदेशों में भी है पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी की संपत्तियां, जूट के झोले से मिले संकेत!

पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री और करोड़ों रुपये के पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (WBSSC) भर्ती घोटाले के आरोपी पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी की संपत्ति देश से बाहर होने के भी संकेत मिल रहे हैं.

Updated: July 31, 2022 12:32 PM IST

By Nitesh Srivastava

तो क्या विदेशों में भी है पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी की संपत्तियां, जूट के झोले से मिले संकेत!

पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री और करोड़ों रुपये के पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (WBSSC) भर्ती घोटाले के आरोपी पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी की संपत्ति देश से बाहर होने के भी संकेत मिल रहे हैं. जांच एजेंसिया इन संकेतों के आधार पर सबूत जुटाने की कोशिश में जुटी हुई है. सूत्रों के मुताबिक पार्थ चटर्जी की संपत्ति बांग्लादेश में भी हो सकती है. सूत्रों से पता चला है की कोलकाता के पास एक कपड़े की दुकान हैं, जहां पार्थ साल में कई बार साड़ी खरीद किया करते थे. ऐसा कहा जा रहा है कि उसी कपड़े की दुकान के माध्यम से हवाला के रास्ते बांग्लादेश में पैसा पहुंचाया जा रहा था.

एक जूट बैग से मिले संकेत

प्राप्त जानकारी के अनुसार ED इस बारे में जांच के लिए विदेश मंत्रालय के साथ संपर्क कर रहा है. अर्पिता मुखर्जी के टॉलीगंज वाले फ्लैट में तलाशी के समय एक जूट का बैग मिला था, जो उस कपड़े की दुकान का है. इस दुकान के एक कार्यक्रम में पार्थ चटर्जी भी उपस्थित थे. उसी बैग को सूत्र बनाकर ED आगे के जांच कर रहा है.

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अर्पिता मुखर्जी के विदेश दौरे पर भी नजर

पार्थ चटर्जी की करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के विदेश दौरे फिलहाल प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच के दायरे में हैं। मुखर्जी के पासपोर्ट से, जो वर्तमान में ईडी के अधिकारियों के पास है, यह पाया गया कि पिछले कुछ वर्षों के दौरान, उसने बांग्लादेश, मलेशिया, थाईलैंड और सिंगापुर की यात्राएं कीं. साथ ही, ईडी को उसके पड़ोसी नेपाल के कई दौरे पर भी निश्चित सुराग मिले हैं.

इन सवालों के जवाब तलाश रही है ED

अब इन विदेश दौरों, जैसा कि ईडी के सूत्रों ने पुष्टि की है, ने जांच अधिकारियों के मन में कई सवाल खड़े कर दिए हैं. पहला सवाल यह है कि क्या ये विदेश यात्राएं केवल आनंद के संकेत थे या इनसे कोई वित्तीय भागीदारी जुड़ी हुई है. दूसरा सवाल यह है कि क्या मुखर्जी ने ये यात्राएं अकेले कीं या उनके साथ कोई था. तीसरा सवाल यह है कि उसने अपनी विदेश यात्राओं के लिए इन देशों को विशेष रूप से क्यों चुना. हालांकि, सबसे महत्वपूर्ण सवाल यह है कि क्या चटर्जी इन विदेश यात्राओं में उनके साथ थें.

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