Top Recommended Stories

रतन टाटा को भारत रत्न देने की मांग वाली याचिका पर गुस्साए जज, कहा- क्या बस यही...

याचिकाकर्ता के वकील ने अदालत से इस बाबत सरकार से ‘कम से कम अनुरोध’ करने का आग्रह किया. इस पर कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश ने कहा, “जाइए, अनुरोध कीजिए.

Updated: March 31, 2022 4:07 PM IST

By India.com Hindi News Desk | Edited by Zeeshan Akhtar

ratan tata news, tata nano
Ratan Tata: The former Chairman of Tata Sons is known for his philanthropy and business acumen alike (File Photo)

नई दिल्ली: मशहूर उद्योगपति रतन टाटा (Ratan Tata) को ‘भारत रत्न’ (Bharat Ratna) से सम्मानित करने की मांग की जा रही है. इसके लिए दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) में जनहित याचिका भी दायर की गई कि इसके लिए केंद्र सरकार को निर्देश दिया जाये, लेकिन हाईकोर्ट ने इस याचिका को ख़ारिज कर दिया है. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति नवीन चावला की पीठ ने कहा कि किसी व्यक्ति को सर्वोच्च नागरिक सम्मान देने के लिए प्राधिकारियों को निर्देश जारी करना अदालत का काम नहीं है. पीठ ने कहा, “यह किस तरह की याचिका है? क्या सरकार को किसी को भारत रत्न से सम्मानित करने का निर्देश देना अदालत का काम है?”

Also Read:

याचिकाकर्ता के वकील ने अदालत से इस बाबत सरकार से ‘कम से कम अनुरोध’ करने का आग्रह किया. इस पर कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश ने कहा, “जाइए, अनुरोध कीजिए. इसमें अदालत के दखल देने का सवाल कहां बनता है?” अदालत के यह कहने पर कि वह याचिका को जुर्माने के साथ खारिज करेगी, याचिकाकर्ता के वकील ने इसे वापस ले लिया.

सामाजिक कार्यकर्ता होने का दावा करने वाले याचिकाकर्ता राकेश ने अपनी याचिका में कहा था कि रतन टाटा भारत रत्न के हकदार हैं, क्योंकि वह देश की सेवा कर रहे हैं और उनके जीवन पर कोई दाग नहीं है. याचिकाकर्ता ने यह भी कहा था कि रतन टाटा एक उत्कृष्ट व्यवसायी साबित हुए हैं, जिन्होंने दुनियाभर के युवाओं को प्रेरित किया है.

ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें. India.Com पर विस्तार से पढ़ें देश की और अन्य ताजा-तरीन खबरें

By clicking “Accept All Cookies”, you agree to the storing of cookies on your device to enhance site navigation, analyze site usage, and assist in our marketing efforts Cookies Policy.