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BIMSTEC समिट में PM मोदी बोले- बिम्स्टेक के इतिहास में लिखेंगे स्वर्णिम अध्याय | संबोधन की बड़ी बातें

BIMSTEC में भारत के अलावा श्रीलंका, बांग्लादेश, म्यांमार, थाईलैंड, नेपाल और भूटान देश शामिल हैं. इस बार श्रीलंका अध्यक्ष के रूप में बिम्सटेक समिट की मेजबानी कर रहा है.

Updated: March 30, 2022 12:00 PM IST

By India.com Hindi News Desk | Edited by Nitesh Srivastava

Bimstec MODI

PM Modi Speech in BIMSTEC : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को बिम्स्टेक देशों के बीच अधिक सहयोग का आह्वान करते हुए कहा कि यह बंगाल की खाड़ी को संपर्क, समृद्धि और सुरक्षा का सेतु बनाने का वक्त है. 5वें बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग के लिए बंगाल की खाड़ी पहल (BIMSTEC) शिखर सम्मेलन में अपने शुरुआती संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस ऐतिहासिक शिखर सम्मेलन के परिणाम बिम्स्टेक के इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय लिखेंगे. उन्होंने कहा कि भारत बिम्स्टेक सचिवालय के परिचालन बजट को बढ़ाने के लिए सहयोग के रूप में 10 लाख अमेरिकी डॉलर प्रदान करेगा.

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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यूरोप में हाल के घटनाक्रम ने अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था की स्थिरता पर सवालिया निशान लगा दिया है। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में BIMSTEC क्षेत्रीय सहयोग को और अधिक सक्रिय बनाना महत्वपूर्ण हो गया है. उन्होंने कहा कि बिम्स्टेक देशों के बीच आपसी व्यापार बढ़ाने के लिए BIMSTEC एफटीए प्रस्ताव पर आगे बढ़ना जरूरी है. उन्होंने कहा कि हमारा क्षेत्र स्वास्थ्य और आर्थिक सुरक्षा की चुनौतियों का सामना कर रहा है, ऐसे में एकता और सहयोग समय की मांग है.

  • अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बिम्सटेक की स्थापना का ये 25वां वर्ष है इसलिए आज के समिट को मैं विशेष रूप से महत्वपूर्ण मानता हूं. इस लैंडमार्क समिट के परिणाम बिम्सटेक के इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय लिखेंगे.
  • पीएम ने कहा कि पिछले 2 सालों के चुनौतीपूर्ण माहौल में राष्ट्रपति राजपक्ष ने बिम्सटेक को कुशल नेतृत्व दिया है. जिसके लिए मैं उनका अभिनंदन करता हूं. आज के चुनौतीपूर्ण वैश्विक परिप्रेक्ष्य में से हमारा क्षेत्र अछूता नहीं रहा है। हम अभी भी कोरोना के दुष्प्रभावों को झेल रहे हैं.
  • उन्होंने कहा कि हमारे आपसी व्यापार को बढ़ाने के लिए बिम्सटेक FTA के प्रस्ताव पर शीघ्र प्रगति करना आवश्यक है. हमें अपने देशों के उद्यमियों और स्टार्टअपके बीच आदान-प्रदान भी बढ़ाना चाहिए. इसी के साथ हमें ट्रेड फ़ैसिलिटेशन के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय मानदंड को अपनाने का भी प्रयत्न करना चाहिए.
  • पिछले कुछ सप्ताह में यूरोप के डेवलपमेंट से अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के स्थायित्व पर प्रश्नचिन्ह खड़ा हो गया है इस संदर्भ में बिम्सटेक क्षेत्रीय सहयोग को और सक्रिय बनाना महत्वपूर्ण हो गया है. आज हमारे बिम्सटेक चार्टर को अपनाया जा रहा है. बिम्सटेक हमारी अपेक्षाओं को पूरा करे, इसके लिए सचिवालय की क्षमता को बढ़ाना भी महत्त्वपूर्ण है.
  • PM ने कहा कि मेरा सुझाव है कि सेक्रेटरी जनरल इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए एक रोडमैप बनाएं. उन्होंने कहा कि यह महत्त्वपूर्ण कार्य समय और अपेक्षा के अनुरूप पूरा हो, इसके लिए भारत सचिवालय केपरिचालन बजट को बढ़ाने के लिए 1 मिलियन डॉलर की वित्तीय सहायता देगा.

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