
'जब दूसरों के सपनों को पूरा करना सफलता का पैमाना बन जाए तो कर्तव्य पथ इतिहास रचता है', अधिकारियों के साथ बैठक में PM मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रमुख सरकारी योजनाओं के कामकाज को लेकर देश के अलग-अलग हिस्सों के जिलाधिकारियों के साथ बातचीत की.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रमुख सरकारी योजनाओं के कामकाज को लेकर देश के अलग-अलग हिस्सों के जिलाधिकारियों के साथ बातचीत की. इस दौरान प्रधानमंत्री ने अधिकारियों का मनोबल बढ़ाते हुए कहा कि आकांक्षी जिलों में केंद्र, राज्यों और स्थानीय प्रशासन के टीम वर्क से अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं. पीएम मोदी ने ‘अप टू डाउन’ और ‘डाउन टू अप’ तक शासन का फ्लो सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन व जनता के बीच डायरेक्ट और इमोशनल जुड़ाव की अपील की. उन्होंने कहा कि आकांक्षी जिलों के अधिकारी अब अपने प्रयासों के जरिये लोगों के जीवन में सुधार को देखकर काफी संतुष्टि महसूस करते हैं.
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उन्होंने कहा कि हर जिले को दूसरों की सफलता से सीखने और अपनी चुनौतियों का मूल्यांकन करने की जरूरत है. बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने अधिकारियों से कहा कि आकांक्षी जिलों ने साबित कर दिया है कि इंपलीमेंटेशन प्रोसस में आने वाली बाधाओं को हटाकर अच्छे रिजल्ट हासिल किये जा सकते हैं. उन्होंने कहा कि जब दूसरों के सपनों को पूरा करना अपनी सफलता का पैमाना बन जाए, तो फिर वो कर्तव्य पथ इतिहास रचता है, आज हम देश के आकांक्षी जिलों में यही इतिहास बनते हुए देख रहे हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 4 सालों में देश के लगभग हर आकांक्षी जिले में जन-धन खातों में 4 से 5 गुना की वृद्धि हुई है. लगभग हर परिवार को शौचालय मिला है, हर गांव तक बिजली पहुंची है और बिजली सिर्फ गरीब के घर में नहीं पहुंची है बल्कि लोगों के जीवन में ऊर्जा का संचार हुआ है. उन्होंने कहा कि आकांक्षी जिलों में जो लोग रहते हैं, उनमें आगे बढ़ने की तड़प होती है. इन लोगों ने अपने जीवन का अधिकतर समय अभावों में, मुश्किलों में गुजारा है. हर छोटी-छोटी चीजों के लिए उन्होंने परिश्रम किया है इसलिए वो लोग साहस दिखाने के लिए और रिस्क उठाने के लिए तैयार होते हैं.
उन्होंने कहा कि डिजिटल इंडिया के रूप में देश एक मौन क्रांति का साक्षी बन रहा है. हमारा कोई भी ज़िला इसमें पीछे नहीं छूटना चाहिए. डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर हमारे हर गांव तक पहुंचे, सेवाओं और सुविधाओं की डोर स्टेप डिलिवरी का जरिया बने, ये बहुत जरूरी है. पीएम के अनुसार सरकार के अलग-अलग मंत्रालयों ने, अलग-अलग विभागों ने ऐसे 142 जिलों की एक लिस्ट तैयार की है. जिन एक-दो पैरामीटर्स पर ये अलग-अलग 142 जिले पीछे हैं, अब वहां पर भी हमें उसी कलेक्टिव अप्रोच के साथ काम करना है, जैसे हम आकांक्षी जिलों में करते हैं.
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