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पीएम मोदी ने परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर 21 द्वीपों का नामकरण किया, कहा-नेताजी को आजादी के बाद भुला देने का प्रयास हुआ

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने आरोप लगाया कि पहले की सरकारों में विकृत वैचारिक राजनीति के कारण आत्मविश्वास की कमी और हीनभावना रही, जिन नेताजी सुभाष चंद्र बोस को आजादी के बाद भुला देने का प्रयास हुआ, आज देश उन्हें पल-पल याद कर रहा

Published: January 23, 2023 7:39 PM IST

By India.com Hindi News Desk | Edited by Laxmi Narayan Tiwari

PM Modi named 21 islands after Paramveer Chakra winners, said- there was an attempt to forget Netaji Subhash Chandra Bose after independence
दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी सोमवार को वीसी के जरिए अंडमान- निकोबार के 21 द्वीपों के 21 परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर नामकरण समारोह में शिरकत की. (फोटो-पीटीआई )

पोर्ट ब्लेयर: प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने सोमवार को आरोप लगाया कि पहले की सरकारों में विकृत वैचारिक राजनीति के कारण आत्मविश्वास की कमी और हीनभावना रही, जिसकी वजह से देश के सामर्थ्य को कमतर आंका गया. उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों ने दुर्गम और अप्रासंगिक मानकर हिमालयी, पूर्वोत्तर और द्वीपीय क्षेत्रों की दशकों तक उपेक्षा की और उनके विकास को नजरअंदाज किया. नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जन्‍मदिन 23 जनवरी को पराक्रम दिवस के तौर पर मनाया जाता है.

इस अवसर पर अण्‍डमान और निकोबार द्वीप समूह के 21 सबसे बड़े द्वीपों का नामकरण परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर करने के बाद अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने यह आरोप भी लगाया कि आजादी के बाद देश के स्वाधीनता आंदोलन के इतने बड़े नायक को भुला देने का प्रयास किया गया.

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PM मोदी ने कहा,नेताजी को भुला देने का प्रयास हुआ, आज देश उन्हें पल-पल याद कर रहा

नेताजी की याद में दिल्ली के इंडिया गेट पर उनकी प्रतिमा स्थापित करने, आजाद हिंद सरकार के गठन के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर लाल किले पर तिरंगा फहराने, उनके जीवन से जुड़ी फाइलों को सार्वजनिक करने सहित कई अन्य कदमों का उल्लेख करते हुए PM मोदी ने कहा, जिन नेताजी सुभाष चंद्र बोस को आजादी के बाद भुला देने का प्रयास हुआ, आज देश उन्हें पल-पल याद कर रहा है.

इस कार्यक्रम में वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से हिस्सा ले रहे प्रधानमंत्री ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप पर बनाए जाने वाले नेताजी राष्‍ट्रीय स्‍मारक के प्रतिरूप का भी उद्घाटन किया. कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल अनिल चौहान, तीनों रक्षा सेवाओं के प्रमुख, अण्डमान और निकोबार द्वीप समूह के उपराज्यपाल देवेंद्र कुमार जोशी सहित कई अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे.

देश की पहले की सरकारों में विकृत वैचारिक, राजनीति के कारण दशकों से आत्मविश्वास की कमी और हीनभावना रही

प्रधानमंत्री ने कहा, हमारे देश की पहले की सरकारों में, खासकर विकृत, वैचारिक राजनीति के कारण दशकों से जो आत्मविश्वास की कमी और हीनभावना रही, उसके कारण देश के सामर्थ्य को हमेशा कमतर आंका गया. उन्होंने कहा, चाहे हमारे हिमालयी राज्य हों, विशेषकर पूर्वोत्तर के राज्य हों या फिर अंडमान निकोबार जैसे समुद्री द्वीप क्षेत्र…. इन्हें लेकर यह सोच रहती थी कि ये तो दूरदराज के दुर्गम और अप्रासंगिक इलाके हैं. और इसी सोच के कारण ऐसे क्षेत्रों की दशकों तक उपेक्षा हुई. उनके विकास को नजरअंदाज किया गया. अण्डमान निकोबार द्वीप समूह इसका भी साक्षी रहा है.

सामर्थ्य भारत के द्वीपों के पास भी है जो दुनिया को बहुत कुछ दे सकते हैं

प्रधानमंत्री ने सिंगापुर, मालदीव और सेशेल्स का उदाहरण देते हुए कहा कि अपने संसाधनों के सही इस्तेमाल से ये देश और द्वीपीय क्षेत्र पर्यटन के आकर्षण का केंद्र बन गए हैं और आज पूरी दुनिया से लोग इन देशों में पर्यटन के लिए जाते हैं. उन्होंने कहा कि ऐसा ही सामर्थ्य भारत के द्वीपों के पास भी है जो दुनिया को बहुत कुछ दे सकते हैं. उन्होंने कहा, लेकिन कभी पहले ध्यान ही नहीं दिया गया. हालात तो यह थे कि हमारे यहां कितने द्वीप हैं, कितनी टापू हैं, इसका हिसाब किताब तक नहीं रखा गया.

आज लोग यहां इतिहास को जानने और जीने के लिए भी पहुंच रहे हैं

पीएम मोदी ने कहा कि पहले लोग अण्डमान और निकोबार द्वीप समूह के प्राकृतिक सौंदर्य को देखने यहां आते थे, लेकिन आज लोग यहां इतिहास को जानने और जीने के लिए भी पहुंच रहे हैं. उन्होंने कहा, यहां के द्वीप हमारी समृद्ध आदिवासी परंपरा की धरती भी रहे हैं. अपनी विरासत पर गर्व की भावना, इस परंपरा के लिए भी आकर्षण पैदा कर रही है. नेताजी सुभाष चंद्र बोस से जुड़े स्मारक और अन्य प्रेरणा स्थल देशवासियों में यहां आने के लिए उत्सुकता पैदा करते हैं. आने वाले समय में यहां पर्यटन के और असीम अवसर पैदा होंगे.

एक ऐसे भारत का निर्माण करेंगे जो सक्षम होगा, सामर्थ्यवान होगा

इस द्वीप समूह में इंटरनेट सेवाओं के विस्तार कार्यों का उल्लेख करते प्रधानमंत्री ने कहा कि अतीत में अंडमान निकोबार द्वीप समूह ने आजादी की लड़ाई को नई दिशा दी थी, उसी तरह भविष्य में यह क्षेत्र देश के विकास को नई गति देगा. उन्होंने कहा, मुझे विश्वास है कि हम एक ऐसे भारत का निर्माण करेंगे जो सक्षम होगा, सामर्थ्यवान होगा और आधुनिक विकास की बुलंदियों को छूएगा.

द्वीपों का नामकरण 21 परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर

अंडमान निकोबार द्वीप समूह के सबसे बड़े द्वीप का नामकरण प्रथम परमवीर चक्र विजेता के नाम पर किया गया. इसी प्रकार आकार की दृष्टि से अन्‍य द्वीपों का नामकरण किया गया. इन द्वीपों का नाम जिन परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर रखा गया है, उनमें मेजर सोमनाथ शर्मा, सूबेदार और मानद कप्तान (तत्कालीन लांस नायक) करम सिंह, एम.एम., सेकंड लेफ्टिनेंट राम राघोबा राणे, नायक जदुनाथ सिंह, कंपनी हवलदार मेजर पीरू सिंह, कैप्टन जी.एस. सलारिया, लेफ्टिनेंट कर्नल (तत्कालीन मेजर) धन सिंह थापा, सूबेदार जोगिंदर सिंह, मेजर शैतान सिंह, सीक्यूएमएच. अब्दुल हमीद, लेफ्टिनेंट कर्नल अर्देशिर बुर्जोरजी तारापोर, लांस नायक अल्बर्ट एक्का, मेजर होशियार सिंह, सेकंड लेफ्टिनेंट अरुण खेत्रपाल, फ्लाइंग ऑफिसर निर्मलजीत सिंह सेखों, मेजर रामास्वामी परमेश्वरन, नायब सूबेदार बाना सिंह, कप्तान विक्रम बत्रा, लेफ्टिनेंट मनोज कुमार पांडे, सूबेदार मेजर (तत्कालीन राइफलमैन) संजय कुमार और सूबेदार मेजर सेवानिवृत्त (मानद कप्तान) ग्रेनेडियर योगेंद्र सिंह यादव शामिल हैं.

मोदी ने कहा, इन 21 द्वीपों को अब परमवीर चक्र विजेताओं के नाम से जाना जाएगा

मोदी ने कहा, इन 21 द्वीपों को अब परमवीर चक्र विजेताओं के नाम से जाना जाएगा. आज के इस दिन को आजादी के अमृत काल के एक महत्वपूर्ण अध्याय के रूप में आने वाली पीढ़ियां याद करेंगी. हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए ये द्वीप एक चिरंतर प्रेरणा का स्थल बनेंगे. उन्होंने कहा कि ये काम देशहित में बहुत पहले हो जाने थे, क्योंकि जिन देशों ने अपने नायक-नायिकाओं को समय रहते जनमानस से जोड़ा वो विकास और राष्ट्र निर्माण की दौड़ में बहुत आगे गए. उन्होंने कहा, आज आजादी के अमृत काल में भारत यही काम कर रहा है, जी-जान से कर रहा है.

शाह ने कहा, पूरे विश्व में किसी भी देश नेजवानों को सम्मानित करने का ऐसा काम नहीं किया

इस अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने अपने संबोधन में कहा कि पूरे विश्व में किसी भी देश ने अपने देश के लिए लड़ने वाले जवानों के नाम पर अपने द्वीपों का नाम रख कर उनको सम्मानित करने का काम नहीं किया. उन्होंने कहा, आज भारत के प्रधानमंत्री की यह पहल, जिसके तहत अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के 21 बड़े द्वीपों को हमारे परमवीर चक्र विजेताओं के नाम के साथ जोड़ कर, उनकी स्मृति को जब तक यह पृथ्वी रहेगी तब तक चिरंजीव करने का प्रयास सेना का उत्साह बढ़ाएगा.

सेल्युलर जेल आजादी की लड़ाई का बहुत बड़ा तीर्थ स्थान

शाह ने अंडमान स्थित सेल्युलर जेल को आजादी की लड़ाई का एक बहुत बड़ा तीर्थ स्थान बताया और कहा कि देश के इसी हिस्से को सबसे पहले स्वतंत्रता प्राप्त होने का सम्मान मिला. उन्होंने कहा, आज 21 द्वीपों को नाम नहीं दिया गया है बल्कि 21 वीरों के पराक्रम को नमन करते हुए 21 दीप जलाने का काम प्रधानमंत्री द्वारा किया गया है.

2018 में पीएम मोदी ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नाम पर रॉस द्वीप का नामकरण किया था

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के ऐतिहासिक महत्‍व और नेताजी सुभाष चंद्र बोस की स्‍मृति में वर्ष 2018 में प्रधानमंत्री मोदी ने रॉस द्वीप का नामकरण नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप के तौर पर किया था. इसी प्रकार नील द्वीप का नाम बदलकर शहीद द्वीप और हेवलॉक द्वीप का नाम स्‍वराज द्वीप किया गया था. (इनपुट भाषा)

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