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PM Modi ने कहा-Ease Of Doing की तरह अब Ease Of Justice भी होना चाहिए, न्याय भी आसानी से मिलना चाहिए

PM Modi ने दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित न्यायिक प्राधिकार कार्यक्रम को संबोधिथ करते हुए कहा कि-देश में न्याय भी अब Ease Of Doing और Ease Of Living की तरह आसानी से मिलना चाहिए, जानिए पीएम ने और क्या कहा-

Published: July 30, 2022 12:52 PM IST

By Kajal Kumari

PM Modi (File Photo)
PM Modi (File Photo)

PM Modi: पहले अखिल भारतीय जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि न्याय भी अब Ease Of Doing के जितना आसानी से मिलना चाहिए. आज ये भी उतनी ही महत्वपूर्ण है जितना कि व्यापार करने में आसानी और जीवनयापन में आसानी है.

पीएम ने कहा-न्याय की सुगमता भी जरूरी है

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पीएम मोदी ने कहा: “यह समय आजादी का अमृत काल का समय है. यह उन संकल्पों का समय है जो अगले 25 वर्षों में देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे. देश की इस अमृत यात्रा में Ease Of Doing बिजनेस और Ease Of Living की तरह न्याय की सुगमता भी उतनी ही जरूरी है.’

देश के न्यायिक ढ़ांचे में किया जा रहा है बदलाव

पीएम ने शनिवार को दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना के साथ एक मंच साझा करते हुए कहा: “किसी भी समाज के लिए न्यायिक प्रणाली तक पहुंच जितनी महत्वपूर्ण है, न्याय प्रदान करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है. न्यायिक बुनियादी ढांचे का भी महत्वपूर्ण योगदान है. इसके लिए पिछले आठ वर्षों में देश के न्यायिक ढांचे को मजबूत करने के लिए तेज गति से काम किया गया है.”

अब तो ई-कोर्ट मिशन भी कर रहे हैं काम


प्रधानमंत्री ने कहा कि “ई-कोर्ट मिशन के तहत देश में वर्चुअल कोर्ट शुरू किए जा रहे हैं. ट्रैफिक उल्लंघन जैसे अपराधों के लिए चौबीस घंटे कोर्ट काम करना शुरू कर दिया है. लोगों की सुविधा के लिए अदालतों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के बुनियादी ढांचे का भी विस्तार किया जा रहा है.”

विज्ञान भवन में आयोजित की गई है पहली बैठक

राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण (एनएएलएसए) द्वारा विज्ञान भवन में 30-31 जुलाई, 2022 तक जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) की पहली राष्ट्रीय स्तर की बैठक आयोजित की जा रही है. बैठक डीएलएसए में एकरूपता और तुल्यकालन लाने के लिए एक एकीकृत प्रक्रिया के निर्माण पर विचार-विमर्श किया जाएगा.

देश में कुल 676 जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (DLSAs) हैं. वे जिला न्यायाधीश के नेतृत्व में होते हैं जो प्राधिकरण के अध्यक्ष के रूप में कार्य करते हैं. डीएलएसए और राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण (एसएलएसए) के माध्यम से नालसा द्वारा विभिन्न कानूनी सहायता और जागरूकता कार्यक्रम लागू किए जाते हैं.

डीएलएसए नालसा द्वारा आयोजित लोक अदालतों को विनियमित करके अदालतों पर बोझ को कम करने में भी योगदान करते हैं.

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