अंडमान निकोबार को अब बाहरी दुनिया से डिजिटल संपर्क में कोई समस्या नहीं आएगी: पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 अगस्त को चेन्नई व अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के बीच सबमेरीन केबल प्रणाली का उद्घाटन करेंगे.

Updated: August 9, 2020 5:37 PM IST

By India.com Hindi News Desk | Edited by Amit Kumar

अंडमान निकोबार को अब बाहरी दुनिया से डिजिटल संपर्क में कोई समस्या नहीं आएगी: पीएम मोदी
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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अंडमान और निकोबार के भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ संवाद किया. इस दौरान प्रधानमंत्री ने भारत के इस खूबसूरत द्वीप अंडमान और निकोबार को लेकर आगे की योजना के बारे में विस्तार से बताया.

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन की शुरुआत में कहा, “देश की आजादी के आंदोलन को धार देने वाली, वीर सावरकार और नेताजी सुभाष चंद्र बोस जैसे आजादी के अनेक तपस्वियों से जो धरती जुड़ी हुई है, ऐसी पुण्य स्थली को मैं वंदन करता हूं.”

उन्होंने कहा कि बीमारी हो या व्यापार, कारोबार हर समस्या से निपटने के लिए हम जुटे हुए हैं, हमारे सभी वैज्ञानिक इस काम में लगे हुए हैं. हमारी कोशिश होनी चाहिए कि हम घर-घर तक, हर परिवार तक संवाद बनाए रखें, इस मुश्किल समय में हमें सबके काम आना है. पीएम ने कहा कि एक आइलैंड से दूसरे आइलैंड तक एयर कनेक्टिविटी में सुधार करते हुए देश के बाकी हिस्सों से आईलैंड्स को एयरवेज से भी जोड़ा जा रहा है. पोर्ट ब्लेयर एयरपोर्ट का बड़े पैमाने पर विस्तार किया जा रहा है.

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 अगस्त को चेन्नई व अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के बीच सबमेरीन केबल प्रणाली का उद्घाटन करेंगे जिससे यहां बेहतर संर्पक सुविधाएं उपलब्ध हो सकेंगी. इस प्रणाली के तहत दो स्थानों के बीच दूरसंचार सिग्नलों के आदान-प्रदान के लिए समुद्र में केबल बिछायी जाती है.

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के भाजपा कार्यकर्ताओं से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संवाद करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि यह द्वीप समूह आत्मनिर्भर भारत और नये भारत के विकास और उसकी सुरक्षा में प्रमुख भूमिका निभाएगा. उन्होंने कहा, ‘‘नए भारत के निर्माण के लिए पूरे देश का संतुलित विकास आवश्यक है. हमने सुनिश्चित किया है कि सरकार भले ही एक जगह से काम करती हो लेकिन उसके कार्यों का लाभ देश के कोने-कोने तक पहुंचना चाहिए.‘‘

उन्होंने कहा कि सरकार के कार्यक्रमों का लाभ समाज की आखिरी पंक्ति में खड़े व्यक्ति ही नहीं बल्कि देश के आखिरी छोर पर खड़े व्यक्ति को भी मिलना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘एक तरफ हम गरीबों के घर, शौचालय, रसोई गैस, पीने का पानी, बिजली, मोबाइल, इंटनरनेट, सड़क, रेल कनेक्टिविटी जैसी बहुत ही मूल ज़रूरतों को पूरा कर रहे हैं. वहीं, दूसरी तरफ मेगा और आधुनिक परियोजनाओं पर भी तेज़ी से काम कर रहे हैं.’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस अंडमान निकोबार द्वीप समुह ने भारत की आज़ादी के आंदोलन को ताकत दी उसकी आत्मनिर्भर भारत के लिए, नए भारत की रक्षा-सुरक्षा और समृद्धि के लिए भी व्यापक भूमिका है. उन्होंने कहा, ‘‘इसी को समझते हुए 2017 में ही द्वीप समूह विकास एजेंसी का गठन किया गया था.’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि चेन्नई और पोर्ट ब्लेयर के बीच समुद्र के भीतर बिछाये गई केबल संपर्क सुविधा (ओएफसी) से अंडमान निकोबार द्वीपसमूह में मोबाइल और लैंडलाइन दूरसंचार सेवाएं बेहतर होंगी.

उन्होंने कहा, ‘‘इंटरनेट कनेक्टिविटी में बहुत बड़ा सुधार हो जाएगा. नेटवर्क की समस्या की चर्चा बार-बार आती है उसका भी समाधान होगा. बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई-लिखाई सुविधा का ज्यादा से ज्यादा लाभ मिलना संभव हो पाएगा. पर्यटन और दूसरे कारोबार से जुड़े साथियों को भी देश और दुनिया से जुड़ने में अब कोई समस्या नहीं आएगी.’’

(इनपुट भाषा)

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