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PM नरेंद्र मोदी ने न्यायधीशों और मुख्यमंत्रियों की सभा को किया संबोधित, बोले- स्थानीय भाषा में हो अदालती कार्यवाही

उन्होंने कहा कि हमारे देश में न्यायपालिका की भूमिका संविधान संरक्षक की है. वहीं विधायिका नगरिकों की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करती है. मुझे विश्वास है कि संविधान की इन दो धाराओं का मिलन, यह संतुलन देश में प्रभावी और समयबद्ध न्याय व्यवस्था का रोडमैन तैयार करेगा.

Published: April 30, 2022 12:41 PM IST

By Avinash Rai

PM नरेंद्र मोदी ने न्यायधीशों और मुख्यमंत्रियों की सभा को किया संबोधित, बोले- स्थानीय भाषा में हो अदालती कार्यवाही
PM Modi also interacted with a few entrepreneurs on this occasion to learn about their start-ups, and advised them about how they could benefit people.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को राजधानी दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायधीशों के एक सम्मेलन में उद्घाटन सत्र को संबोधित किया. इस दौरान केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू और सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश एनवी रमन्ना वहां मौजूद थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दौरान कहा कि यह सम्मेलन हमारी संवैधानिक खूबसूरती है. उन्होंने कहा कि हमारे देश में न्यायपालिका की भूमिका संविधान संरक्षक की है. वहीं विधायिका नगरिकों की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करती है. मुझे विश्वास है कि संविधान की इन दो धाराओं का मिलन, यह संतुलन देश में प्रभावी और समयबद्ध न्याय व्यवस्था का रोडमैन तैयार करेगा.

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न्याय व्यवस्था में तककीन का प्रयोग आवश्यक

पीएम नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन सत्र में कहा कि साल 2047 में देश अपने आजादी के 100 वर्ष जब पूरा करेगा, तब हम देश में कैसी न्याय व्यवस्था देखना चाहेंगे. हम किस तरह की व्यवस्था बनाएंगे कि 2047 के भारत के आकांक्षाओं को पूरा कर सके. उन्होंने कहा कि भारत सरकार ज्यूडिशियल सिस्टम में तकनीकी की संभावनाओं को डिजिटल इंडिया मिशन का एक अहम हिस्सा मानती है. इस बाबत ई-कोर्ट की व्यवस्था भी अपनाई जा रही है.

स्थानीय भाषा में हो अदालती कार्यवाही

उन्होंने कहा कि कोर्ट में स्थानीय भाषाओं को प्रोत्साहन देने की आवश्यकता है. इससे न्याय व्यवस्था के प्रति नागरिकों में भरोसा बढ़ेगा. वे इससे जुड़ाव महसूस करेंगे. हमारे देश में हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट की सारी कार्यवाही अंग्रेजी भाषा में होती है. ऐसे में एक बड़ी आबादी है जिसे अंग्रेजी में न्यायिक प्रक्रिया तथा फैसलों को समझने में दिक्कत होती है. हमें आम जनता के लिए इसे सरल बनाने की आवश्यकता है.

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Published Date: April 30, 2022 12:41 PM IST