बोगीबील. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को देश के सबसे लंबे रेल-रोड पुल का उद्घाटन किया. यह 4857 करोड़ की लागत से डिब्रूगढ़ में ब्रह्मपुत्र नदी पर बना हुआ है. इससे चीन की सीमा पर पहुंचना आसान हो जाएगा. उद्घाटन करने के बाद पीएम पुल पर काफी देर तक टहलते रहे.
कुल 4.9 किलोमीटर लंबे इस पुल की मदद से असम के तिनसुकिया से अरूणाचल प्रदेश के नाहरलगुन कस्बे तक की रेलयात्रा में लगने वाले समय में 10 घंटे से अधिक की कमी आने की उम्मीद है. यतिनसुकिया-नाहरलगुन इंटरसिटी एक्सप्रेस सप्ताह में पांच दिन चलेगी. मौजूदा समय में इस दूरी को पार करने में 15 से 20 घंटे का समय की तुलना में अब इसमें साढ़े पांच घंटे तक का कम समय लगेगा. इससे पहले यात्रियों को रेल भी कई बार रेल बदलनी पड़ती थी.
14 कोचों वाली है चेयर कार ट्रेन
कुल 14 कोचों वाली यह चेयर कार ट्रेन तिनसुकिया से दोपहर में रवाना होगी और नाहरलगुन से सुबह वापसी करेगी. बोगीबील पुल असम के डिब्रूगढ़ जिले में ब्रह्मपुत्र नदी के दक्षिण तट को अरूणाचल प्रदेश के सीमावर्ती धेमाजी जिले में सिलापाथर को जोड़ेगा.
धेमाजी के लोगों के लिए महत्वपूर्ण
यह पुल और रेल सेवा धेमाजी के लोगों के लिए अति महत्वपूर्ण होने जा रही है क्योंकि मुख्य अस्पताल, मेडिकल कॉलेज और हवाई अड्डा डिब्रूगढ़ में हैं. इससे ईटानगर के लोगों को भी लाभ मिलेगा क्योंकि यह इलाका नाहरलगुन से केवल 15 किलोमीटर की दूरी पर है.
35,400 टन स्टील की आपूर्ति
इस्पात बनाने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी ने सोमवार को कहा कि उसने एशिया के दूसरे सबसे लंबे रेल-सह-सड़क पुल बोगीबील के निर्माण के लिये 35,400 टन स्टील की आपूर्ति की है. सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ने एक बयान में कहा, भारतीय इस्पात प्राधिकरण (सेल) ने ब्रह्मपुत्र नदी पर बने सड़क-सह-रेल पुल के निर्माण में 35,400 टन स्टील की आपूर्ति की है. कंपनी के अनुसार पुल के लिये की गयी इस्पात की आपूर्ति 50 प्रतिशत से अधिक है.