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आतंकवादियों को शरण देने वालों की अब नहीं खैर, संपत्तियां कुर्क की जाएंगी: जम्मू कश्मीर पुलिस

'यह कार्रवाई केवल उन मकान मालिकों के खिलाफ होगी, जिन्होंने आतंकवादियों को जानबूझकर शरण दी हो’

Published: March 26, 2022 6:05 PM IST

By India.com Hindi News Desk | Edited by Zeeshan Akhtar

Jammu-Kashmir Encounter

श्रीनगर: आतंकवादियों या उनके सहयोगियों को शरण मुहैया कराने वालों की संपत्तियां गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून (यूएपीए) के तहत कुर्क किए जाने की चेतावनी देने के कुछ दिनों बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस ने स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई केवल उन मकान मालिकों के खिलाफ होगी, जिन्होंने ‘‘आतंकवादियों को जानबूझकर शरण दी हो’’ और जिन पर ऐसा करने का कोई दबाव नहीं हो. पुलिस ने कहा कि किसी प्रकार का दबाव होने पर, इस बात को साबित करने की जिम्मेदारी मकान मालिक की होगी. श्रीनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) राकेश बलवाल ने एक बयान में कहा कि आतंकवाद के मकसद से इस्तेमाल की गई संपत्तियों को कुर्क किए जाने की कार्रवाई की शुरुआत को लेकर श्रीनगर पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के बारे में कुछ लोगों ने गलत सूचनाएं एवं अफवाह फैलाई हैं.

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राकेश बलवाल ने कहा कि यह स्पष्ट किया जाता है कि श्रीनगर पुलिस आतंकवादियों को जानबूझकर पनाह देने और किसी दबाव के कारण ऐसा करने के बीच के अंतर से भली भांति परिचित है. एसएसपी ने कहा, ‘‘केवल उन संपत्तियों की कुर्की की जा रही है, जहां यह साबित हो गया है कि मकान मालिक/सदस्य ने जानबूझकर कई दिनों तक आतंकवादियों को पनाह दी और यह काम किसी भी प्रकार के दबाव में नहीं किया गया.’’ उन्होंने कहा कि हमेशा हर मामले में जांच प्रक्रिया के उन्नत चरण पर होने के बाद ही कुर्की की जाती है.

बलवाल ने कहा कि कुछ लोग जानकारी नहीं होने के कारण इसे एक तरह की जबरन कार्रवाई के रूप में चित्रित करने की कोशिश कर रहे है, ‘‘लेकिन तथ्य यह है कि गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम, 1967 की धाराएं दो (जी) और 25 दशकों से लागू हैं और अफवाह फैलाने वाले कुछ लोगों के दावे के विपरीत, इनमें कुछ नया नहीं जोड़ा गया है.’’ उन्होंने शहर के लोगों से अपील की कि वे कुछ निहित स्वार्थ वाले तत्वों द्वारा फैलाए जा रहे दुष्प्रचार पर कोई ध्यान नहीं दें और आतंकवादियों को अपनी संपत्तियों में शरण नहीं दें. जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बृहस्पतिवार को चेतावनी दी कि आतंकवादियों या उनके सहयोगियों को पनाह देने वाले लोगों की संपत्तियों को यूएपीए के तहत कुर्क कर लिया जाएगा. श्रीनगर पुलिस ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा था, ‘आतंकवाद के उद्देश्य से इस्तेमाल की गईं कुछ अचल संपत्तियों को यूएलपी (यूएपीए) अधिनियम की धारा दो (जी) और 25 के तहत कुर्क करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है.’

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