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नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ असम में भड़का गुस्सा, अर्द्धसैनिक बलों के 5, 000 जवान भेजे गए

सरकार ने कश्मीर से 20 कंपनियों के 2000 जवानों को वापस बुलाकर असम भेजने का आदेश

Updated: December 11, 2019 6:51 PM IST

By India.com Hindi News Desk | Edited by Laxmi Narayan Tiwari

नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ असम में भड़का गुस्सा, अर्द्धसैनिक बलों के 5, 000 जवान भेजे गए
प्रतीकात्मक तस्वीर

गुवाहाटी: नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ बुधवार को हजारों लोग असम में सड़कों पर उतरे. राज्य के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प से राज्य में अव्यवस्था की स्थिति पैदा हो गई है. इसके चलते केंद्र ने पैरा मिलिट्री फोर्सेस के 5000 हजार से अधिक जवानों को उत्‍तर-पूर्व के अशांत इलाकों में भेजने का आदेश दिया है. हालांकि, किसी भी पार्टी या छात्र संगठन ने बंद, प्रदर्शन का आह्वान नहीं किया है.

दिल्ली में अधिकारियों ने बताया कि नागरिकता विधेयक को लेकर विरोध के मद्देनजर शांति का माहौल सुनिश्चित करने के वास्ते अर्द्धसैनिक बलों के पांच हजार जवानों को पूर्वोत्तर भेजा जा रहा है. केंद्र ने बुधवार को असम सहित पूर्वोत्तर राज्यों में अर्द्धसैनिक बल के 5000 जवानों को विमान से भेजा है. अधिकारियों ने बताया कि संसद में नागरिकता (संशोधन) विधेयक पर चर्चा के खिलाफ वहां हो रहे विरोध-प्रदर्शन के सिलसिले में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए जवानों को वहां भेजा गया है.

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कश्मीर से करीब 20 कंपनियों (2000 जवानों) को वापस बुलाया गया है, जहां उन्हें पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाने और जम्मू-कश्मीर को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने के केंद्र के निर्णय से पहले भेजा गया था. अधिकारियों ने कहा कि शेष 30 कंपनियों को अन्य स्थानों से पूर्वोत्तर राज्यों में भेजा गया है. इनमें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के जवान शामिल हैं.

– गुवाहाटी में सचिवालय के पास प्रदर्शनकारियों की सुरक्षा बलों के साथ भिड़ंत हो गई
– पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लाठियां चलाई और आंसू गैस के गोले छोड़े
– लोकसभा में विधेयक पारित होने वाले दिन से ही असम के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन तेज हो गया
– छात्र नेताओं के मुताबिक, सचिवालय के सामने पुलिस की कार्रवाई में कई प्रदर्शनकारी घायल हो गए।
– गुवाहाटी, डिब्रूगढ़ और जोरहाट जैसे स्थानों पर सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया है
– छात्रों ने जीएस रोड पर अवरोधक को तोड़ दिया जिसके बाद पुलिस ने लाठी चार्ज किया
– छात्रों पर आंसू गैस के गोले भी छोड़े गए जिसे पुलिसकर्मियों पर छात्रों ने उठाकर फेंका
– पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठियां चलाईं

– प्रदर्शनकारियों ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके जापानी समकक्ष शिंजो आबे के बीच होने वाली शिखर बैठक के
लिए सड़क पर लगाए गए एक मंच को भी तोड़ दिया.
– सरकार की योजनाओं के विज्ञापन वाले बैनरों को भी फाड़ा गया और सचिवालय के सामने उसमें आग लगा दी
– एक प्रदर्शनकारी ने कहा, प्रदेश में सर्बानंद सोनोवाल के नेतृत्व में बर्बर सरकार है
– प्रदर्शनकारी ने कहा- जब तक कैब वापस नहीं लिया जाता है तब तक हम किसी दबाव में नहीं आएंगे
– पुलिस ने डिब्रूगढ़ के एक पॉलिटेक्निक संस्थान पास प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे
– प्रदर्शनकारियों द्वारा की जा रही पत्थरबाजी में एक पत्रकार भी घायल हो गया
– बुधवार को जोरहाट, गोलाघाट, डिब्रूगढ़, तिनसुकिया, शिवसागर, बोंगाईगांव, नगांव, सोणितपुर और कई अन्य जिलों में सुबह लोग बड़ी संख्या में सड़कों पर निकले

– प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर टायर जलाए दिए
– वाहनों और ट्रेन की आवाजाही रोकने के लिए सड़कों और पटरियों पर लकड़ियां रख दी गईं
– डिब्रूगढ़ में चौलखोवा में रेलवे पटरियों और सड़कों से प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए लाठीचार्ज भी किया
– डिब्रूगढ़ जिले के मोरन में प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया गया और रबड़ की गोलियां चलाई गईं
– गुवाहाटी विश्वविद्यालय, कॉटन विश्वविद्यालय और डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय में बुधवार को होने वाली परीक्षाएं टली
– शैक्षाणिक संस्थानों के कैंपस सुनसान दिख रहे थे
– कॉटन विश्वविद्यालय के छात्र सोमवार रात से ही राज्य की राजधानी में अनिश्चितकालीन धरना पर बैठे हैं
– बुधवार की सुबह असम इंजीनियरिंग कॉलेज के भी छात्र उनके साथ आ जुड़े
– जोरहाट और डिब्रूगढ़ में सारी दुकानें बंद हैं और सड़कों से वाहन नदारद रहे
– लोगों ने कई स्थानों पर रेल पटरी पर धरना दिया
– शिवसागर के लकवा नगर में मोटरसाइकिल रैली निकाली गई

– कुछ प्रदर्शनकारियों ने लकवा में तेल के कुएं वाले इलाके में घुसने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने रोक दिया
– व्यापक विरोध प्रदर्शन को देखते हुए पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने बुधवार को कई ट्रेनें रद्द कर दीं
– राज्य से चलने वाली कई ट्रेनों की समय-सारिणी बदल दी
– कम से कम 14 ट्रेनों को या तो रद्द कर दिया गया है या गंतव्य स्थान से पहले ही रोक दिया गया है
– ट्रेन परिचालन’ में बाधा को देखते हुए उनके रास्ते बदल दिए गए हैं
– दिल्ली में भी, पूर्वोत्तर के राज्यों के लोगों का एक समूह बुधवार को प्रदर्शन के लिए जंतर-मंतर पहुंचा

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