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पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) उत्तराखंड के मौजूदा मुख्यमंत्री हैं. वह राज्य के तराई इलाके के जिले उधमसिंह नगर में खटीमा विधानसभा क्षेत्र (Khatima Assembly Constituency) से विधायक हैं. वह उत्तराखंड के 10वें मुख्यमंत्री हैं. साल 2017 के विधानसभा चुनाव के बाद त्रिवेंद्र सिंह रावत (Trivendra Singh Rawat) का राज्य का मुख्यमंत्री बनाया गया था, उनके हटने के बाद तीरथ सिंह रावत (Tirath Singh Rawat) को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया गया. लेकिन जुलाई 2021 में उनके हटने के बाद एक ही विधानसभा कार्यकाल के दौरान पुष्कर सिंह धामी ने तीसरे मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली. पुष्कर सिंह धामी का पैतृक निवास पिथौरागढ़ (Pithoragarh) जिले में है. उनका राजनीतिक करियर तीन दशक का है. उन्होंने 1990 अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के छात्र नेता के रूप में राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी.
पुष्कर सिंह धानी का जन्म 16 सितंबर 1975 को पिथौरागढ़ जिले के तुंडी गांव में हुआ था. उनका पैतृक गांव इसी जिले में है, जिसका नाम हरखोला है. बाद में उनका परिवार तुंडी गांव चला गया, जहां उन्होंने पांचवी कक्षा तक पढ़ाई की. इसके बाद पुष्कर सिंह धामी का परिवार उधमसिंह नगर जिले में खटीमा के नागला तराई भाबर चला गया. उनके पिता शेर सिंह धामी भारतीय सेना में थे और सुबेदार के पद से रिटायर हुए. उनकी मां का नाम विशना देवी है. पुश्कर सिंह धामी ने साल 2011 में शादी की और उनकी पत्नी का नाम गीता धामी है. उनके दो बेटे भी हैं.
पुष्कर सिंह धानी ने लखनऊ विश्वविद्यालय से मानव संसाधन प्रबंधन और औद्योगिक संबंध विषय में ग्रेजुएशन की. उन्होंने साल 2002 में लखनऊ विश्वविद्यालय से ही एलएलबी किया. पुष्कर सिंह धामी ने साल 2001-2002 में तत्कालीन मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी (Bhagat Singh Koshyari) के ओएसडी और सलाहकार के तौर पर भी काम किया.
साल 1990 में ABVP के छात्र नेता के रूप में पुष्कर सिंह धामी का राजनीतिक सफर शुरू हुआ था. साल 2008 तक वह भारतीय जनता युवा मोर्चा के स्टेट प्रेसिडेंट भी रहे. इसी दौरान राज्य के उद्योगों में 70 फीसद अवसर स्थानीय युवाओं को के लिए आरक्षित करवाने के लिए दबाव डालने का श्रेय भी पुष्कर सिंह धामी को जाता है. साल 2012 में भारतीय जनता पार्टी ने पहली बार विधानसभा का टिकट दिया. खटीमा विधानसभा से चुनाव जीतकर पुषकर सिंह धामी पहली बार विधानसभा पहुंचे. इसके बाद साल 2017 के विधानसभा चुनाव में एक बार फिर वह खटीमा से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे. राज्य में तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को हटाने के बाद जब नया चेहरा ढूंढा जा रहा था तो तीरथ सिंह रावत को मुख्यमंत्री बनाकर भेजा गया, लेकिन 6 महीने के भीतर उनका विधानसभा के लिए चुना जाना आवश्यक था. लेकिन राज्य में उपचुनाव नहीं हुआ और तीरथ सिंह रावत को मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ा. इस बार नए चेहरे की खोज युवा पुष्कर सिंह धामी पर जाकर थमी. जुलाई 2021 में उन्होंने मुख्यमंत्री पद की कमान संभाली.
माना जाता है कि पुष्कर सिंह धामी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के करीबी हैं और उनके ही सुझाव पर उन्हें उत्तराखंड का मुख्यमंत्री बनाया गया था. बीजेपी में आने से पहले पुष्कर सिंह धामी ने आरएसएस में कई वर्षों तक विभिन्न पदों पर काम किया था.
साल 2017 के विधानसभा चुनाव में दायर उनके चुनावी हलफनामे के अनुसार पुष्कर सिंह धामी के पास कुल 49 लाख 15 हजार से ज्यादा की संपत्ति है. इस दौरान उन्होंने घोषित किया कि उन पर 2 लाख 7 हजार रुपये की देनदारी भी है. साल 2014-15 की उनकी इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) में उन्होंने 14 लाख 30 हजार से ज्यादा की आमदनी दर्शायी थी. मुख्यमंत्री और विधायक के तौर पर मिलने वाली सैलरी (Pushkar Singh Dhami’s Salary) फिलहाल उनकी आमदनी का मुख्य स्रोत है. इसके अलावा वह एक वकील भी हैं. हालांकि, मुख्यमंत्री होने के नाते वह फिलहाल प्रैक्टिस नहीं करते हैं. उनकी पत्नी हाउस वाइफ हैं, इसलिए उनकी भी कोई आमदनी नहीं है और बच्चे अभी स्कूल पढ़ते हैं.
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