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Farmers Protest भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने सोमवार को कहा कि तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ जारी आंदोलन का अंत अदालत के हस्तक्षेप से नहीं बल्कि सरकार के साथ आपसी समझ से ही होगा. एक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई. आयोजकों द्वारा जारी एक विज्ञप्ति के मुताबिक, 11वीं ‘भारतीय छात्र संसद’ को ऑनलाइन संबोधित करते हुए टिकैत ने युवाओं से अपने घरों से बाहर निकलने और ‘क्रांति’ में शामिल होने की अपील की.
टिकैत के हवाले से विज्ञप्ति में कहा गया, ‘आज देश ने भारत बंद देखा. मुझे लगता है कि सरकार कानूनों और नीतियों में निरर्थक संशोधन कर रही है. सरकार देश के मूल्यवान संसाधनों को बेचना चाहती है, वे जमीन बेचना चाहते हैं.’ उन्होंने युवाओं से आंदोलन में शामिल होने की अपील करते हुए कहा, ‘मुझे लगता है कि इससे आंदोलन को काफी मजबूती मिलेगी.’
टिकैत ने आरोप लगाया कि अगर सरकार संसाधनों को खत्म करना जारी रखती है, तो एक दिन भारत ‘मजदूर कॉलोनी’ के रूप में जाना जाएगा और देश में केवल श्रमिक वर्ग रह जाएगा. भारतीय छात्र संसद सम्मेलन का आयोजन एमआईटी स्कूल ऑफ गवर्नमेंट द्वारा किया गया था.
(इनपुट भाषा)
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