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Russia-Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग को लेकर सभी देश चिंतित हैं, वहीं इसे लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में विभिन्न देश इस समस्या का हल तलाशने में लगे हैं. युद्ध की वजह से यूक्रेन में हालात गंभीर होते जा रहे हैं. इसे लेकर सुरक्षा परिषद की बैठक में भारत ने इस युद्ध की निंदा की है और कहा है कि यूक्रेन में हाल के घटनाक्रम से भारत बहुत परेशान है. हम आग्रह करते हैं कि हिंसा और शत्रुता को तत्काल समाप्त करने के लिए सभी प्रयास किए जाएं. मानव जीवन की कीमत पर कभी भी कोई समाधान नहीं निकाला जा सकता है.
भारत ने यूएनएससी के उस प्रस्ताव से परहेज किया है जिसमें यूक्रेन के खिलाफ रूस की ‘आक्रामकता’ की निंदा की गई थी. यूएन में भारत के पीआर, टीएस तिरुमूर्ति ने रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग पर यूएनएससी की बैठक में कहा कि यह खेद की बात है कि कूटनीति का रास्ता छोड़ दिया गया. हमें उस पर लौटना होगा. इसके बाद भारत ने इन सभी कारणों को गिनाते हुए, यूक्रेन पर आक्रमण की निंदा करते हुए सुरक्षा परिषद में वोट करने से परहेज किया. उन्होंने कहा कि भारत ने संवाद और कूटनीति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अंतर को पाटने और बीच का रास्ता खोजने के प्रयास में प्रासंगिक पक्षों तक पहुंचने का विकल्प बरकरार रखा है.
बता दें कि भारत ने यूएनएससी के उस प्रस्ताव से परहेज किया है जिसमें यूक्रेन के खिलाफ रूस की ‘आक्रामकता’ की निंदा की गई थी. भारत, चीन, संयुक्त अरब अमीरात समेत 3 देशों ने इस निंदा प्रस्ताव से परहेज किया है, जबकि 11 देशों ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया जबकि रूस ने अपनी वीटो शक्ति (संकल्प को अवरुद्ध करने के लिए) का इस्तेमाल किया है.
भारत ने कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच छिड़े इस युद्ध को लेकर हम सभी पक्षों के साथ संपर्क में है और संबंधित पक्षों से बातचीत क रहे हैं और युद्ध को तत्काल विराम देने का आग्रह कर रहे हैं. प्रस्ताव के एक पहले के मसौदे में आगे बढ़ने का प्रस्ताव था. भारत ने इस मामले पर अपनी सुसंगत, दृढ़ और संतुलित स्थिति बनाए रखी है.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में शुक्रवार को यूक्रेन पर रूस के हमले की आलोचना करने वाला एक प्रस्ताव पेश किया गया, जिसमें भारत और चीन ने अपना रुख साफ कर दिया है और वोटिंग से खुद को दूर रखा है. वहीं, रूस के शीर्ष राजनयिक रोमन बाबुश्किन ने कल कहा था कि रूस को उम्मीद है कि भारत इस बैठक में रूस का समर्थन करेगा.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में अमेरिका और उसके सहयोगी देशों की ओर से लाए जाने वाले प्रस्ताव के मसौदे में यूक्रेन पर रूस की सैन्य कार्रवाई की आलोचना की गई. हालांकि, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में यह प्रस्ताव दिया गया कि रूस पर लगाम लगाने के लिए सभी देश इस प्रस्ताव पर अपनी सहमति दें. लेकिन, यह प्रस्ताव के पास होने में मुश्किलें आ सकती हैं, क्योंकि परिषद के स्थायी सदस्य रूस के पास वीटो पावर है.
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