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यूक्रेन से जंग के बीच रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव 31 मार्च को आएंगे भारत, इन मुद्दों पर बातचीत संभव

Russia Ukraine Crisis: यूक्रेन पर जारी हमले के बीच रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव (Sergey Lavrov) 31 मार्च से दो दिवसीय दौरे पर भारत आ रहे हैं. विदेश मंत्रालय ने बुधवार को यह जानकारी दी.

Updated: March 30, 2022 6:12 PM IST

By India.com Hindi News Desk | Edited by Parinay Kumar

Russian Foreign Minister Sergey Lavrov
Russian Foreign Minister Sergey Lavrov

Russia Ukraine Crisis: यूक्रेन पर जारी हमले के बीच रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव (Sergey Lavrov) 31 मार्च से दो दिवसीय दौरे पर भारत आ रहे हैं. विदेश मंत्रालय ने बुधवार को यह जानकारी दी. यूक्रेन के खिलाफ 24 फरवरी को रूस द्वारा शुरू किये गए सैन्य अभियान के बाद यह उनकी पहली भारत यात्रा है. लावरोव के चीन की दो दिवसीय यात्रा समाप्त करने के बाद भारत की यात्रा पर आने की उम्मीद है. विदेश मंत्रालय ने एक लाइन के बयान में कहा, ‘रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव 31 मार्च से एक अप्रैल तक भारत के आधिकारिक दौरे पर आएंगे.’ समझा जाता है कि लावरोव की यात्रा के दौरान भारत द्वारा रूस से तेल और द्विपक्षीय कारोबार के लिए भुगतान प्रणाली पर चर्चा पर होगी.

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सूत्रों के अनुसार, इस दौरान भारत द्वारा रूस से एस-400 मिसाइल प्रणाली के उपकरणों और सैन्य हथियारों की समय पर आपूर्ति पर भी जोर दिया जा सकता है. लावरोव की यात्रा ऐसे समय में होने जा रही है जब अमेरिका के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार दलीप सिंह और ब्रिटेन की विदेश मंत्री लिज ट्रस भी भारत आने वाली हैं. ट्रस 30-31 मार्च को भारत का दौरा करेंगी. वहीं, जर्मनी के विदेश एवं सुरक्षा नीति सलाहकार जेन्स प्लॉटनर भारत के दौरे पर आए हुए हैं.

पिछले सप्ताह चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने भी भारत का दौरा किया था. इसके साथ इसी सप्ताह हिन्द प्रशांत के लिये यूरोपीय संघ के विशेष दूत गैब्रियल विसेंटिन नयी दिल्ली आए. कई अन्य प्रमुख शक्तियों के विपरीत, भारत ने अभी तक यूक्रेन पर आक्रमण के लिए रूस की आलोचना नहीं की है और उसने रूसी आक्रमण की निंदा करने वाले प्रस्तावों पर संयुक्त राष्ट्र के मंचों पर मतदान में हिस्सा लेने से परहेज किया है.

वहीं, पिछले गुरुवार को यूक्रेन में मानवीय संकट को लेकर रूस द्वारा पेश प्रस्ताव पर मतदान के दौरान भी भारत अनुपस्थित रहा. यह इस संघर्ष को लेकर भारत के निष्पक्ष रूख को प्रदर्शित करता है. संघर्ष शुरू होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से टेलीफोन पर 24 फरवरी, 2 मार्च और 7 मार्च को बात कर चुके हैं. प्रधानमंत्री मोदी यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से दो बार बात कर चुके हैं.

(इनपुट: भाषा)

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