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सबरीमला में महिलाओं के प्रवेश का विरोध, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ हड़ताल जैसा: सीएम विजयन
विजयन ने कहा कि दोनों महिलाएं सबरीमला में ‘ऊपर से नहीं उतरीं’ बल्कि वे सामान्य भक्तों की तरह ही गई थीं और अन्य श्रद्धालुओं ने उनका विरोध नहीं किया.
नई दिल्ली: केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने गुरुवार को सबरीमला मंदिर में दो महिलाओं के प्रवेश किए जाने के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों को लेकर भाजपा, आरएसएस को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि उनके द्वारा की गई हिंसा से सख्ती से निपटा जाएगा. विजयन ने कहा कि दोनों महिलाएं सबरीमला में ‘ऊपर से नहीं उतरीं’ बल्कि वे सामान्य भक्तों की तरह ही गई थीं और अन्य श्रद्धालुओं ने उनका विरोध नहीं किया.
उन्होंने यहां संवददाताओं को बताया, ‘सबरीमला मंदिर में प्रवेश करने वाली कनकदुर्गा और बिंदू ने मंदिर जाने के लिए सुरक्षा मांगी थी जिसके बाद उन्हें सुरक्षा प्रदान की गई. वे ऊपर से नहीं उतरी थीं. वे सामान्य भक्तों की तरह ही मंदिर गईं. अन्य श्रद्धालुओं ने उनका विरोध नहीं किया. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सबरीमला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर हड़ताल करना सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ हड़ताल करने जैसा है.
शुद्धिकरण के लिए मंदिर को बंद करने के मुख्य पुजारी के कदम की कड़ी आलोचना करते हुए, विजयन ने कहा कि यह शीर्ष अदालत के फैसले के खिलाफ था. विजयन ने कहा, ‘इस तरह की चीजों का फैसला देवस्व ओम बोर्ड को करना है. यह कदम न केवल सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लंघन था, बल्कि बोर्ड के नियमों के खिलाफ भी था.
Kerala CM on #SabarimalaTemple issue: It’s government’s responsibility to give protection to women. The government has fulfilled this constitutional responsibility. Sangh Parivar is trying to make Sabarimala into a clash zone. pic.twitter.com/W5CaVQsnu7
— ANI (@ANI) January 3, 2019
बुधवार को तड़के पारंपरिक रूप से प्रतिबंधित रजस्वला आयु वर्ग की दो महिलाओं द्वारा मंदिर में प्रवेश करने के बाद राज्य में कई जगह हिंसा हुई. प्रदर्शन के दौरान केरल राज्य परिवहन निगम की 79 बसें क्षतिग्रस्त हो गई. कई मीडियाकर्मी, महिलाएं और 31 पुलिसकर्मी घायल हो गए.कई जगहों पर माकपा के कार्यालयों पर भी हमला किया गया.
गौरतलब है कि सुबह से लेकर शाम तक की यह हड़ताल विभिन्न हिंदुत्ववादी समूहों के एक संयुक्त संगठन ‘सबरीमला कर्म समिति’ द्वारा बुलाई गई है, जो उच्चतम न्यायालय के 28 सितंबर के फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों की अगुवाई कर रहा है. न्यायालय ने 28 सितंबर को दिए गए अपने आदेश में सभी आयु वर्ग की महिलाओं को सबरीमला में स्थित भगवान अयप्पा के मंदिर में प्रवेश की अनुमति दे दी थी. सबरीमला कर्म समिति द्वारा आयोजित हड़ताल का भाजपा ने समर्थन किया है.
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