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Assembly Elections 2022: संयुक्त किसान मोर्चा ने पंजाब में चुनाव लड़ रहे किसान संगठनों से बनाई दूरी, कही ये बात

पंजाब विधानसभा (Punjab Vidhansabha Chunav) चुनाव लड़ने वाले किसान संगठन अब संयुक्त किसान मोर्चा (Sanyunkt Kisan Morcha) का हिस्सा नहीं होंगे.

Updated: January 16, 2022 12:23 AM IST

By India.com Hindi News Desk | Edited by Zeeshan Akhtar

Assembly Elections 2022: संयुक्त किसान मोर्चा ने पंजाब में चुनाव लड़ रहे किसान संगठनों से बनाई दूरी, कही ये बात
Rakesh Tikait

Assembly Elections 2022: पंजाब विधानसभा (Punjab Vidhansabha Chunav) चुनाव लड़ने वाले किसान संगठन अब संयुक्त किसान मोर्चा (Sanyunkt Kisan Morcha) का हिस्सा नहीं होंगे. केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन की अगुवाई करने वाले एसकेएम ने यह जानकारी दी. उल्लेखनीय है कि ये कृषि कानून निरस्त किए जा चुके हैं. एसकेएम ने फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित किसानों की मांगों पर सरकार की ओर से कोई आश्वासन नहीं मिलने के खिलाफ 31 जनवरी को राष्ट्रव्यापी ‘विश्वासघात दिवस’ मनाने ​​​​का आह्वान किया है.

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एसकेएम नेताओं ने सिंघू बॉर्डर पर कोंडली में बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत, केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त करने के लिए दबाव बनाने को लेकर 21 जनवरी से तीन दिनों के लिए उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जाएंगे. अजय मिश्रा के बेटे पर पिछले साल प्रदर्शनकारी किसानों की वाहन से कुचल कर हत्या करने का आरोप है.

एसकेएम के नेता युद्धवीर सिंह ने कहा, ‘‘टिकैत पीड़ितों, जेल में कैद किसानों और अधिकारियों से मिलेंगे. यदि कोई प्रगति नहीं होती है तो किसान संगठन लखीमपुर में धरना दे सकते हैं.’’ संगठन ने अपने बयान में कहा, संयुक्त किसान मोर्चा “लखीमपुर खीरी नरसंहार मामले में भाजपा की बेशर्मी और असंवेदनशीलता” के खिलाफ एक स्थायी मोर्चा बनाएगा. एसकेएम ने कृषि कानूनों के खिलाफ दिसंबर 2021 तक दिल्ली की सीमाओं पर चले आंदोलन की अगुवाई की थी.

सिंह ने यह भी कहा कि एसकेएम पंजाब में चुनाव लड़ रहे किसान संगठनों से सहमत नहीं है और वे अब एसकेएम का हिस्सा नहीं होंगे. उन्होंने कहा, ‘‘चुनाव में भाग ले रहे संगठन एसकेएम का हिस्सा नहीं हैं. हम आगामी दिनों में एसकेएम की बैठक में उनके साथ अपने संबंधों के बारे में फैसला करेंगे.’’ एसकेएम नेता जोगिंदर सिंह उगराहां ने कहा, ‘‘एसकेएम का उनसे (चुनाव में भाग लेने वाले किसान संगठनों से) कोई लेना-देना नहीं है.’’ दिल्ली की सीमाओं पर साल भर से ज्यादा समय तक कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन का हिस्सा रहे एसकेएम के दो प्रमुख नेता गुरनाम सिंह चढूनी और बलबीर सिंह राजेवाल ने पंजाब में चुनावी मुकाबले में उतरने की घोषणा की है. चढूनी ने अपनी राजनीतिक पार्टी बनाई है. संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) में शामिल रहे कुछ संगठनों ने पंजाब विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए संयुक्त समाज मोर्चा का गठन किया है, जिसने बलबीर सिंह राजेवाल के नेतृत्व में चुनाव लड़ने की घोषणा की है.

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Published Date: January 16, 2022 12:22 AM IST

Updated Date: January 16, 2022 12:23 AM IST