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Solar Eclipse 2020: सूर्य ग्रहण की भारत और दुनिया के कई देशों से सामने आईं ये फोटोज

भारत से लेकर एशिया, अफ्रीका, प्रशांत, हिंद महासागर, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया के कुछ इलाकों में दिखा सूर्य ग्रहण

Published: June 21, 2020 1:02 PM IST

By India.com Hindi News Desk | Edited by Laxmi Narayan Tiwari

Solar Eclipse 2020: सूर्य ग्रहण की भारत और दुनिया के कई देशों से सामने आईं ये फोटोज
दुनिया के कई देशो में आज सूर्य ग्रहण नजर आया. (फोटो साभार: एएनआई)

solar eclipse 2020:देश में दुनिया में दिखाई दे रही रहा सदी का सबसे अवधि वाले सूर्यग्रहण की तस्‍वीरें आज विश्‍व के कई देशों से सामने आईं हैं. देश के कुछ हिस्सों में रविवार को वलयाकार सूर्यग्रहण दिखाई दे रहा है, जिसमें सूर्य ‘अग्नि वलय’ की तरह दिखाई दिया.

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उत्तराखंड: देहरादून के आसमान में SolarEclipse2020 दिखाई दिया. सूर्य ग्रहण दोपहर 1:50 बजे तक दिखाई देगा. अधिकतम ग्रहण दोपहर के 12:05 बजे होगा. यह एशिया, अफ्रीका, प्रशांत, हिंद महासागर, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया के कुछ हिस्सों से दिखाई देगा. हरियाणा: कुरुक्षेत्र के आसमान में SolarEclipse2020 दिखाई दिया.

पाकिस्तान के कराची में SolarEclipse2020 दिखा. पाकिस्तान के मौसम विभाग के अनुसार, सूर्य ग्रहण (स्थानीय समयानुसार) सुबह 8:46 बजे से शुरू होकर दोपहर 2:34 बजे तक रहेगा.

नेपाल के काठमांडू में देखा गया सूर्यग्रहण 2020. नेपाल के बीपी कोइराला स्मारक, तारामंडल वेधशाला और विज्ञान संग्रहालय विकास बोर्ड के अनुसार सूर्य ग्रहण आज सुबह 10:52 बजे से दोपहर 2:32 बजे तक दिखाई देगा.

संयुक्त अरब अमीरात (UAE): दुबई के आसमान में सूर्यग्रहण 2020 दिखाई दिया.

ग्रहण का आंशिक रूप सुबह 9.16 बजे शुरू होगा. वलयाकार रूप सुबह 10.19 बजे शुरू होगा और यह अपराह्न 2.02 बजे समाप्त होगा. ग्रहण का आंशिक रूप अपराह्न 3.04 बजे समाप्त होगा.

इस बारे में दिल्ली में नेहरू तारामंडल की निदेशक एन रत्नाश्री ने बताया था कि अगला वलयाकार ग्रहण दिसंबर 2020 में पड़ेगा, जो दक्षिण अमेरिका से देखा जाएगा. 2022 में एक और वलयाकार ग्रहण होगा, लेकिन वह शायद ही भारत से दिखाई देगा.

बता दें सूर्य ग्रहण अमावस्या के दिन होता है जब चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य के बीच में आ जाता है और जब तीनों खगोलीय पिंड एक रेखा में होते हैं.

वलयाकार सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा का कोणीय व्यास सूर्य से कम हो जाता है जिससे चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह से नहीं ढक पाता है. इसके परिणामस्वरूप, चंद्रमा के चारों ओर सूर्य का बाहरी हिस्सा दिखता रहता है, जो एक अंगूठी का आकार ले लेता है. यह ‘अग्नि-वलय’ की तरह दिखता है.


दोपहर के करीब, उत्तर भारत के कुछ क्षेत्रों में सूर्य ग्रहण एक सुंदर वलयाकार रूप (अंगूठी के आकार का) में दिखा, क्योंकि चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह से नहीं ढक पाया.

ग्रहण का वलयाकार रूप सुबह उत्तर भारत के राजस्थान, हरियाणा और उत्तराखंड के कुछ हिस्सों में दिखाई दिया. इन राज्यों के भीतर भी कुछ प्रमुख स्थान हैं, जहां से स्पष्ट पूर्ण ग्रहण दिख, जिनमें देहरादून, कुरुक्षेत्र, चमोली, जोशीमठ, सिरसा, सूरतगढ़ शामिल हैं. देश के बाकी हिस्सों से, यह आंशिक सूर्य ग्रहण के रूप में दिखाई देगा.

यह कांगो, सूडान, इथियोपिया, यमन, सऊदी अरब, ओमान, पाकिस्तान और चीन से भी होकर गुजरेगा.

खगोल वैज्ञानिकों ने बताया था कि दिल्ली में लगभग 94 प्रतिशत, गुवाहाटी में 80 प्रतिशत, पटना में 78 प्रतिशत, सिलचर में 75 प्रतिशत, कोलकाता में 66 प्रतिशत, मुंबई में 62 प्रतिशत, बेंगलुरु में 37 प्रतिशत, चेन्नई में 34 प्रतिशत, पोर्ट ब्लेयर में 28 प्रतिशत ग्रहण दिखाई देगा.

मुंबई के नेहरू तारामंडल के निदेशक अरविंद परांजपे ने कहा था, दिल्ली जैसी जगहों पर दिन में 11 से 11.30 बजे तक पांच-सात मिनट तक अंधेरा रहेगा.

सूर्य ग्रहण को नग्न आंखों से नहीं देखना चाहिए, यहां तक ​​कि बहुत कम समय के लिए भी बिना उपकरण के नहीं देखना चाहिए, इससे आंख की रोशनी प्रभावित हो सकती है. सूर्य ग्रहण को सुरक्षात्मक उपकरण के माध्यम से देखना सुरक्षित रहता है.

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