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चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने एक किसान यूनियन के उस फैसले पर गंभीर चिंता व्यक्त की है, जिसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार जब तक केंद्रीय कृषि कानूनों के मुद्दे पर उनकी मांगों को स्वीकार नहीं कर लेती, तब तक वह राज्य में यात्री ट्रेनों को नहीं चलने देंगे. सिंह ने यूनियन के इस फैसले पर चिंता जताते हुए कहा है कि इससे लोगों को बड़ी असुविधा होगी और इसके राज्य के लिए गंभीर परिणाम हो सकते हैं.
सिंह ने किसान मजदूर संघर्ष समिति (पिद्दी) के फैसले पर यह प्रतिक्रिया दी है. इस किसान यूनियन ने कहा है कि वे कृषि कानूनों की समस्या का समाधान होने तक यात्री गाड़ियों को नहीं चलने देंगे. इस घोषणा पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यूनियन पंजाब और उसके लोगों के हितों के खिलाफ काम कर रही है.
मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि जब अन्य सभी 31 किसान संगठनों ने ट्रेन की पटरियों से हटने मालगाड़ी व यात्री ट्रेनों को अगले 15 दिनों के लिए राज्य में चलने देने पर सहमति जताई है तो फिर इस एक यूनियन का फैसला समझ से बाहर है. अमरिंदर सिंह ने कहा कि मजदूर संघर्ष समिति के इस तरह के फैसले से लोग उससे विमुख हो जाएंगे.
उन्होंने समिति को ऐसे कठोर कदम उठाने के प्रति आगाह किया, जिससे उन्हें जनता का समर्थन खोना पड़ सकता था, जिन्होंने अब तक कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन का तहे दिल से समर्थन किया था. सिंह ने पूछा, “जब राज्य सरकार और पंजाब में हर व्यक्ति किसानों को अपना पूरा समर्थन दे रहा है, तो फिर यह यूनियन अपने ही राज्य के खिलाफ रुख क्यों अपना रहा है?”
बता दें कि पंजाब सरकार की अपील पर किसान 15 दिनों के लिए ‘रेल रोको आंदोलन’ बंद करने को तैयार गए हैं, हालांकि उन्होंने कहा कि मांगें नहीं पूरी होने पर वे फिर प्रदर्शन करेंगे. मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के साथ किसान संगठनों की बैठक हुई थी, जिसके बाद यह फैसला लिया गया है.
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