
Subhash Chandra Bose Birth Anniversary: नेताजी की 17 प्रेरक बातें, जो रग-रग में देशप्रेम जगा देती हैं
नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने ही हमें जय हिंद का नारा दिया था. सिंगापुर में अपनी आजाद हिंद फौज को एक सुप्रीम कमांडर के तौर पर संबोधित करते हुए उन्होंने दिल्ली चलो का नारा भी दिया था. सुभाष चंद्र बोस करिश्माई नेता थे और उन्होंने कई प्रेरणादायक व शक्तिशाली भाषण दिए जो रग-रग में देशप्रेम की भावना जगा देते हैं. आज उनकी 125 जयंती पर उनके कुछ ऐसे ही कोट्स को पढ़ते हुए नेताजी को याद करते हैं -

Subhash Chandra Bose Birth Anniversary: नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म आज ही के दिन यानी 23 जनवरी 1897 को ओडिशा के कटक में हुआ था. वह एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे. भारत की आजादी की लड़ाई के इतिहास में सुभाष चंद्र बोस (Subhash Chandra Bose) का नाम स्वर्ण अक्षरों में दर्ज है. वह एक बहुत अच्छे वक्ता थे और युवा उनकी तरफ आकर्षित होते थे. उनके इन्ही गुणों के चलते उन्हें नेताजी कहकर पुकारा जाता था. अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत सुभाष चंद्र बोस ने कांग्रेस से की थी, लेकिन राजनीतिक मतभेदों के चलते उन्हें पार्टी से बाहर कर दिया गया. नेताजी के जीवन और उनके कार्यों से भारत की कई पीढ़ियां प्रेरणा लेती रही हैं. आज उनका 125वां जन्मदिवस मनाया जा रहा है. इस अवसर पर दिल्ली स्थित इंडिया गेट (India Gate) पर उनकी होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण होगा. बाद में यहां ग्रेनाइट से बनी नेताजी की एक प्रतिमा स्थापित की जाएगी.
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नेताजी ने ही हमें ‘जय हिंद’ (Jai Hind) का नारा दिया था. सिंगापुर में अपनी आजाद हिंद फौज को एक सुप्रीम कमांडर के तौर पर संबोधित करते हुए उन्होंने ‘दिल्ली चलो’ (Dilli Chalo) का नारा भी दिया था. आज इसी दिल्ली चलो नारे का कई राजनीतिक दल और नेता अपनी जायज-नाजायज मांगों को पूरा करने के लिए इस्तेमाल करते हैं. सुभाष चंद्र बोस करिश्माई नेता थे और उन्होंने कई प्रेरणादायक और शक्तिशाली भाषण दिए जो रग-रग में देशप्रेम की भावना जगा देते हैं. आज उनकी 125 जयंती पर उनके कुछ ऐसे ही कोट्स को पढ़ते हुए नेताजी को याद करते हैं –
नेताजी के प्रेरक कथन –
- आजादी दी नहीं जाती, ली जाती है.
- यदि संघर्ष न हो, जोखिम न लिया जाए तो जीवन अपनी आधी रुचि खो देता है.
- चर्चा से इतिहास में कोई वास्तविक परिवर्तन नहीं आया है.
- हमारा कर्तव्य है कि हम अपनी आजादी की कीमत अपने खून से चुकाएं.
- आज हमारी एक ही चाहत होनी चाहिए. वह है मरने की चाहत, ताकि भारत जी सके.
- जिस सेना में साहस, निडरता और अजेयता की कोई परंपरा नहीं है, वह एक शक्तिशाली दुश्मन के समक्ष नहीं ठहर सकती.
- सिर्फ खून ही आजादी की कीमत चुका सकता है. तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा.
- मत भूलों कि सबसे बड़ा अपराध अन्याय और गलत के साथ समझौत करना है. शाश्वत नियम को याद रखें – यदि आप प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको देना होगा.
- हमें अपने जीवन का निर्माण उस सिद्धांत पर करना है, जिसमें अधिकतम सत्य है. हम सिर्फ इसलिए शांत नहीं बैठ सकते, क्योंकि हम पूर्ण सत्य को नहीं जानते या नहीं जान सकते.
- मनुष्यों की भीड़, धन और सामग्री से अपने आप जीत या आजादी नहीं मिल सकती. हमारे पास वह प्रेरक शक्ति होनी चाहिए, जो हमें वीर कर्म और वीरतापूर्ण कारनामे करने के लिए प्रेरित करे.
- एक व्यक्ति किसी एक विचार के लिए मर सकता है, लेकिन वही विचार उसकी मृत्यु के बाद, एक हजार लोगों में अलख जगा सकता है.
- भारत के भाग्य में अपने विश्वास को कभी न खोएं. पृथ्वी पर ऐसी कोई शक्ति है ही नहीं, जो भारत को बंदी बनाकर रख सके. भारत आजाद होगा और वह भी जल्द होगा.
- इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि हम में से कौन भारत को आजाद देखने के लिए जीवित बचेगा. इतना ही काफी है कि भारत माता आजाद हो जाए और उसे आजादी दिलाने के लिए हम अपना सब कुछ न्यौछावर कर दें.
- आप जितने ताकतवर हैं, उससे ज्यादा मजबूत दिखें, यही राजनीतिक सौदेबाजी का रहस्य है.
- भारत माता बुला रही है. अपना खून, अपने खून को बुला रहा है. चलो उठो, हमारे पास समय नहीं है.
- एक सच्चे सैनिक को सैन्य और आध्यात्मिक दोनों तरह के प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है.
- ऐसे सैनिक जो अपने राष्ट्र के प्रति हमेशा वफादार रहते हैं, जो हमेशा अपने प्राणों की आहुति देने के लिए तैयार रहते हैं; ऐसे सैनिक अजेय होते हैं.
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