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Supertech Insolvency Case: एक बंगला बने न्यारा… ये कहावत तो आपने कई बार सुनी होगी, लेकिन मिडिल क्लास के लिए उसके जीवन भर की कमाई से लिया गया 2 BHK फ्लैट ही महल और बंगला होता है. ऐसे में अगर बिल्डर बेइमानी पर उतर आए तो उसका यह छोटा सा सपना बिखर जाता है और जब सपने टूटकर चकनाचूर होते हैं तो उनकी आवाज भी नहीं होती. ऐसा ही कुछ हुआ है सुपरटेक बिल्डर से फ्लैट खरीदने वाले घर खरीददारों के साथ. सुपरटेक (Supertech) ने एक बैंक का बकाया नहीं चुकाया, लेकिन अब उसका खामियाजा फ्लैट खरीददारों को चुकाना पड़ेगा. सुपरटेक ने ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी (Greater Noida Authority) का बकाया नहीं दिया, जिसके कारण कुछ घर खरीददारों के फ्लैटों की रजिस्ट्री नहीं हो रही है. मामला एनसीएलटी में गया और उसको दिवालिया (Real estate developer Supertech on Friday was declared bankrupt by the National Company Law Tribunal) घोषित कर दिया गया है, तो अब उनकी रजिस्ट्री होने की उम्मीद भी धुंधली पड़ गई है और जिनको उनके सपनों का फ्लैट नहीं मिला है, उन्हें भी फ्लैट मिलने में समस्या होगी.
कई लोगों ने अपने जीवन भर की कमाई लगाकर सुपरटेक के अलग-अलग प्रोजेक्ट में पैसा लगाकर अपना फ्लैट खरीदा. अब हालात ऐसे हैं कि उन्हें फ्लैट भी नहीं मिला, जबकि वह सुपरटेक को पूरी कीमत दे चुके हैं. सुपरटेक के प्रमोटर्स ने घर खरीददारों से बेइमानी की और उनके प्रोजेक्ट का पैसा कहीं दूसरी जगह लगा दिया, लेकिन उनके फ्लैट को तैयार नहीं किया. आईआरपी (insolvency resolution process) की तरफ से हितेश गोयल को अप्वॉइंट किया गया है. इस तरह से अब सुपरटेक का सारे कारोबार की देखरेख उनके हाथ में आ गई है. सुपरटेक अपनी तरफ से तब तक कुछ नहीं कर सकता, जब तक उसे इस मामले में राहत नहीं मिल जाती. अब जब सुपरटेक को दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया चल रही है तो ऐसे में घर खरीददारों के पास क्या विकल्प हैं और आगे क्या होगा, इस पर जानिए एक्सपर्ट क्या कहते हैं –
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