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Supertech Insolvency Case: सपनों का घर खरीदने निकले थे, कोर्ट-कचहरी में फंसकर रह गए | 10 प्वाइंट में समझें आपके पास क्या विकल्प बचे हैं

Supertech Insolvency Case: जब बिल्डर बेइमानी पर उतर आए तो मिडिल क्लास व्यक्ति का अपने घर का छोटा सा सपना बिखर जाता है. ऐसा ही कुछ हुआ है सुपरटेक बिल्डर से फ्लैट खरीदने वाले घर खरीददारों के साथ. सुपरटेक ने एक बैंक का बकाया नहीं चुकाया, लेकिन अब उसका खामियाजा फ्लैट खरीददारों को चुकाना पड़ेगा. सुपरटेक को दिवालिया घोषित कर दिया गया है. 10 प्वाइंट्स में जानिए अब घर खरीददारों के पास क्या विकल्प हैं और आगे क्या होगा.

Published: March 26, 2022 6:09 PM IST

By Digpal Singh

Supertech Insolvency Case: सपनों का घर खरीदने निकले थे, कोर्ट-कचहरी में फंसकर रह गए | 10 प्वाइंट में समझें आपके पास क्या विकल्प बचे हैं

Supertech Insolvency Case: एक बंगला बने न्यारा… ये कहावत तो आपने कई बार सुनी होगी, लेकिन मिडिल क्लास के लिए उसके जीवन भर की कमाई से लिया गया 2 BHK फ्लैट ही महल और बंगला होता है. ऐसे में अगर बिल्डर बेइमानी पर उतर आए तो उसका यह छोटा सा सपना बिखर जाता है और जब सपने टूटकर चकनाचूर होते हैं तो उनकी आवाज भी नहीं होती. ऐसा ही कुछ हुआ है सुपरटेक बिल्डर से फ्लैट खरीदने वाले घर खरीददारों के साथ. सुपरटेक (Supertech) ने एक बैंक का बकाया नहीं चुकाया, लेकिन अब उसका खामियाजा फ्लैट खरीददारों को चुकाना पड़ेगा. सुपरटेक ने ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी (Greater Noida Authority) का बकाया नहीं दिया, जिसके कारण कुछ घर खरीददारों के फ्लैटों की रजिस्ट्री नहीं हो रही है. मामला एनसीएलटी में गया और उसको दिवालिया (Real estate developer Supertech on Friday was declared bankrupt by the National Company Law Tribunal) घोषित कर दिया गया है, तो अब उनकी रजिस्ट्री होने की उम्मीद भी धुंधली पड़ गई है और जिनको उनके सपनों का फ्लैट नहीं मिला है, उन्हें भी फ्लैट मिलने में समस्या होगी.

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कई लोगों ने अपने जीवन भर की कमाई लगाकर सुपरटेक के अलग-अलग प्रोजेक्ट में पैसा लगाकर अपना फ्लैट खरीदा. अब हालात ऐसे हैं कि उन्हें फ्लैट भी नहीं मिला, जबकि वह सुपरटेक को पूरी कीमत दे चुके हैं. सुपरटेक के प्रमोटर्स ने घर खरीददारों से बेइमानी की और उनके प्रोजेक्ट का पैसा कहीं दूसरी जगह लगा दिया, लेकिन उनके फ्लैट को तैयार नहीं किया. आईआरपी (insolvency resolution process) की तरफ से हितेश गोयल को अप्वॉइंट किया गया है. इस तरह से अब सुपरटेक का सारे कारोबार की देखरेख उनके हाथ में आ गई है. सुपरटेक अपनी तरफ से तब तक कुछ नहीं कर सकता, जब तक उसे इस मामले में राहत नहीं मिल जाती. अब जब सुपरटेक को दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया चल रही है तो ऐसे में घर खरीददारों के पास क्या विकल्प हैं और आगे क्या होगा, इस पर जानिए एक्सपर्ट क्या कहते हैं –

10 प्वाइंट में जानिए अब क्या होगा

  1. अभी घर खरीददारों के लिए सबसे मुश्किल बात यह है कि उनके पास कोई विकल्प ही नहीं बचा है.
  2. सुपरटेक के दिवालिया घोषित होने से पहले घर खरीददारों के पास अवसर था कि वह कोर्ट जा सकते थे, लेकिन अब वह कोर्ट भी नहीं जा सकते.
  3. इस मामले में मुख्यमंत्री भी घर खरीददारों की मदद नहीं कर सकते, क्योंकि मामला अब एक जुडिशरी बॉडी के अंतर्गत है.
  4. घर खरीददारों की मदद के लिए मुख्यमंत्री ज्यादा से ज्यादा इस मामले को जल्द से जल्द निपटाने का दबाव बना सकते हैं, लेकिन न्यायिक संस्था अपने तरीके से काम करती है.
  5. घर खरीददार चाहें तो सुपरटेक के खिलाफ धोखाधड़ी के मामले में एफआईआर दर्ज करवा सकते हैं.
  6. बिल्डर ने एक प्रोजेक्ट से कमाए गए पैसे को किसी दूसरे प्रोजेक्ट में लगाया, जबकि उस पैसे को उसी प्रोजेक्ट में लगाया जाना था. इस मामले में बिल्डर के खिलाफ 420 का केस हो सकता है.
  7. इसके अलावा घर खरीददार आईआरपी में अपना केस फाइल कर सकते हैं, इसमें उन्हें बताना होगा कि उन्होंने कितना पैसा दिया और कब-कब दिया. फ्लैट मिलने में कितनी देरी हुई और रजिस्ट्री अभी तक क्यों नहीं हुई
  8. आईआरपी की तरफ से अब बिडिंग कंपनियों को बुलाया जाएगा और सुपरटेक की सभी संपत्तियों का मूल्यांकन (valuation) करेगा, देनदारियों की जानकारी लेगा और फिर बिडिंग प्रोसेस के जरिए नया डेवलेपर तलाशा जाएगा.
  9. हालांकि, सुपरटेक का कहना है कि वह एनसीएलएटी (National Company Law Appellate Tribunal) में जाएंगे तो इस मामले में भी फैसला उनके पक्ष में आने की उम्मीद नहीं है क्योंकि यह डिफाल्टर है.
  10. जानकारों का मानना है कि बैंक डिफाल्टर होने की वजह से एनसीएलएटी में सुपरटेक की अपील मंजूर ही नहीं होगी.

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