
अनुच्छेद 370 रद्द करने के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई कर सकता है सुप्रीम कोर्ट, सूचीबद्ध करने के लिए हुआ सहमत
अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर सकता है.

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई कर सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद इन याचिकाओं को सूचीबद्ध करने पर विचार करने पर सहमति जताई है. प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एन.वी. रमण और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता शेखर नफड़े की इस दलील पर गौर किया कि केंद्रशासित प्रदेश में परिसीमन की प्रक्रिया चल रहे होने के मद्देनजर याचिकाओं पर तत्काल सुनवाई की जरूरत है. हस्तक्षेपकर्ताओं-राधा कुमार (लेखक) और कपिल काक (भारतीय वायुसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी) की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा, ‘‘यह अनुच्छेद 370 का मामला है. परिसीमन भी चल रहा है.’’
Also Read:
प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘मैं देखता हूं. यह पांच न्यायाधीशों की पीठ के समक्ष रखा जाने वाला मामला है. मुझे पीठ का पुनर्गठन करना होगा. ‘ अदालत ने ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद याचिकाओं पर सुनवाई के लिए पांच न्यायाधीशों की पीठ के पुनर्गठन पर सहमति जताई. अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के केंद्र के फैसले और जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 के प्रावधानों को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं को तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई द्वारा 2019 में न्यायमूर्ति एन वी रमण के नेतृत्व वाली एक संविधान पीठ को भेजा गया था.
केंद्र सरकार ने पांच अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 को निरस्त कर जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त कर दिया था और इसे दो केंद्रशासित प्रदेशों-जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख में विभाजित कर दिया था. न्यायमूर्ति रमण के अलावा, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी (सेवानिवृत्त), न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत उस पीठ का हिस्सा थे, जिसने दो मार्च 2020 को याचिकाओं को सात न्यायाधीशों की बड़ी पीठ को भेजने से इनकार कर दिया था. याचिकाओं पर सुनवाई करने वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ का पुनर्गठन करना होगा क्योंकि न्यायमूर्ति रेड्डी इस साल जनवरी में सेवानिवृत्त हो गए थे.
ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें. India.Com पर विस्तार से पढ़ें देश की और अन्य ताजा-तरीन खबरें