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सुप्रीम कोर्ट ने कहा- केंद्र सरकार देश की सेक्स वर्कर्स की पहचान पूछे बिना ही...

सुप्रीम कोर्ट ने देश में नौ लाख सेक्स वर्कर्स को लेकर केंद्र सरकार को ज़रूरी आदेश दिया है.

Published: September 22, 2020 10:01 PM IST

By India.com Hindi News Desk | Edited by Zeeshan Akhtar

सुप्रीम कोर्ट ने कहा- केंद्र सरकार देश की सेक्स वर्कर्स की पहचान पूछे बिना ही...

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना वायरस महामारी के दौरान यौनकर्मियों (Sex Workers) की परेशानियों का संज्ञान लिया है. कोर्ट ने केन्द्र और सभी राज्य सरकारों को निर्देश दिया कि वे उन्हें पहचान का सबूत पेश करने पर जोर दिये बगैर ही मासिक सूखा राशन देने और नकदी दे. न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता की पीठ ने कहा कि एक गैर सरकारी संगठन द्वारा यौनकर्मियों की समस्याओं को लेकर दायर जनहित याचिका में उठाये गये मुद्दों पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है.

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पीठ ने कहा, ‘‘अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल आर एस सूरी और राज्य सरकारों की ओर से पेश अधिवक्ताओं को निर्देश दिया जाता है कि वे यौनकर्मियों को पहचान का सबूत दिये बगैर ही उनमें सूखे राशन के वितरण और नकदी हस्तांतरित करने के तरीकों के बारे में आवश्यक निर्देश प्राप्त करें.’’ गैर सरकारी संगठन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आनंद ग्रोवर ने कहा कि आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और तेलंगाना में 1.2 लाख यौनकर्मियों के बीच किये गये सर्वे से पता चला कि महामारी की वजह से इनमें से 96 फीसदी अपनी आमदनी का जरिया खो चुकी हैं.

इस मामले में नियुक्त न्याय मित्र वरिष्ठ अधिवक्ता जयंत भूषण ने कहा कि यौनकर्मियों को पहचान का सबूत पेश करने पर जोर दिये बगैर ही उन्हें राशन देकर इस समस्या का समाधान किया जा सकता है. शीर्ष अदालत गैर सरकारी संगठन दरबार महिला समन्वय समिति की याचिका पर सुनवाई कर रही थी. इस याचिका में कहा गया है कि कोविड-19 महामारी की वजह से यौनकर्मियों की स्थिति बहुत ही खराब हो गयी है. याचिका में देश में नौ लाख से भी ज्यादा यौनकर्मियों के लिये राहत के उपाय करने का अनुरोध किया गया है.

याचिका में कहा गया है कि यौनकर्मियों को भी संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत गरिमा के साथ जीने का अधिकार है और उनकी समस्याओं पर भी ध्यान देने की जरूरत है. याचिका में कहा गया है कि कोविड-19 महामारी की वजह से यौनकर्मी सामाजिक लांछन के कारण अलग-थलग हैं और ऐसी स्थिति में उन्हें सहयोग की आवश्यकता है.

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Published Date: September 22, 2020 10:01 PM IST